• दालचीनी उन लोगों के लिए सर्वश्रेष्ठ प्राकृतिक औषधि है जो मितली, उल्टी, जी मचलना, प्रकाश के प्रति संवेदनशील, नींद न आना तथा किसी भी कार्य में एकाग्रता नहीं रख पाते है। ये सारे माइग्रेन के स्वाभाविक लक्षण है, नीचे कुछ प्राकृतिक तरीके दिए गए है जो माइग्रेन के उपचार में उपयोगी है।

  1. पिपरमेंट ऑइल : पिपरमेंट पत्तियों में वोलेटाइल ऑइल होता है। यह मेंथॉल से बनती है। जब आपको माइग्रेन का दौरा पड़े तो पिपरमेन्ट के तेल की कुछ बूंदे लेकर सिर व ललाट पर लगाए, कानों के पीछे, गले पर हल्के-हल्के मालिश करें, आप पिपरमेंट की कुछ बूंदे गमर पानी में मिलाकर सूंघ भी सकते है। www.allayurvedic.org
  2. अदरक : अदरक माइग्रेन के स्वाभाविक लक्षणों जैसे मितली, उल्टी होना आदि से तुरन्त राहत प्रदान करता है। अदरक को धोकर इसे टुकड़ों में काटकर एक कप पानी में 15 मिनिट तक उबालें तथा इस अदरक वाली चाय में कुछ बूंदे शहद या नींबू का रस मिलाकर पीएं।
  3. कॉफ़ी : बहुत से व्यक्ति सिरदर्द होने पर स्ट्रोंग कॉफ़ी पीते है। क्योंकि कॉफ़ी में पाया जाने वाला कैफीन एडीनोसाइन का प्रभाव कम करता है। एडीनोसाइन की माइग्रेन में मुख्य भूमिका है। बहुत से व्यक्ति जो कॉफ़ी नहीं पीते है वे इसके स्थान पर चाय या कोला पीते है, ये सारे पेय माइग्रेन को कम करते है।
  4. धनिया : धनिया मसाले के रूप में काम में लिया जाता है। यह पाचन को ठीक रखता है। प्राचीन काल में इसका उपयोग माइग्रेन के उपचार में किया जाता है। 2 कप पानी को उबालकर इसमें एक चम्मच धनिये के बीज डाले तथा इसे 15 मिनट तक उबालकर छाल ले, इसमें थोड़ी शक्कर मिलाए एवं पी जाए।
  5. लेवेन्डर ऑइल  : अपनी खुशबू के साथ साथ लेवेन्डर ऑइल तनाव कम करने तथा मस्तिष्क को शांत तथा ठण्डा रखने का काम भी करता है। अपने आप लेवेन्डर ऑइल की कुछ बूंदे अपने ललाट पर भी लगा सकते है, परन्तु नारियल तेल अधिक उचित विकल्प है क्योंकि लेवेन्डर ऑइल त्वचा को नुकसान पहुँचा सकता है। www.allayurvedic.org
  6. आयुर्वेदिक उपचार  : आयुर्वेद के अनुसार हर्बल औषधियाँ अनेक समस्याओं में लाभदायक है। कुछ हर्बल औषधियों में ब्राह्मी, जटा मानसी, शंखपुष्पी तथा अश्वगंधा प्रमुख है। परन्तु उत्तम परिणाम के लिए इन्हें किसी अच्छे आयुर्वेदिक डॉक्टर के परामर्श के बाद ही लें।
  7. माइग्रेन के दर्द का उपचार बहुत मुश्किल है। इसलिए यह आवश्यक है कि इसका प्रारम्भिक अवस्था में ही उपचार कर लिया जाए, इसके लिए अपने आहार को सही रखे, तनाव कम करें, मासिक चक्र नियमित रखें, शारीरिक स्थिति सही हो, ऐसा करके माइग्रेन के शुरूआती लक्षणों पर नियंत्रण रखा जा सकता है।