शरीर के लिए जरूरी पोषक तत्वों में एक कैल्शियम भी है जो शरीर के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। हड्डियों को और दांतो की मजबूती के लिए कैल्शियम जरूरी पोषक तत्व है। हर किसी को एक दिनभर में कैल्शियम की एक निश्चित मात्रा की जरूरत होती है। एक स्वस्थ्य मनुष्य को दिन भर में 1000 से 1200 मिली ग्राम कैल्शियम की आवश्यकता होती है। वहीं गर्भवती महिलाओं को पूरे दिन में 1200 से 1300 मिली ग्राम कैल्शियम की आवश्कता होती है। आजकल न सिर्फ बूढ़ों में बल्कि जवान और बच्चों में भी कैल्शियम की काफी कमी देखी जा रही है। हम बता रहे हैं कुछ लक्षण जिनसे आप जान पायेंगे कि आपके शरीर में कैल्शियम की कमी है।

1. हड्डियों में कमजोरी

  • कैल्शियम हड्डियों के बनने में मदद करता है और इसकी कमी होने पर इसका पहला लक्षण हड्डियों पर दिखाई देता है। कैल्शियम की कमी से हड्डियां कमजोर हो जाती हैं और फ्रैक्चर होने की संभावना बढ़ जाती है। कैल्शियम कमी से उम्र के साथ आस्टियोपेरोसिस का होने का खतरा भी बढ़ जाता है।

2. मांसपेशियों में खिंचाव

  • मसल्स के निर्माण में कैल्शियम की अहम भूमिका होती है। शरीर में कैल्शियम की कमी होने पर इसका सीधा असर मांसपेशियों पर पड़ता है और उनमें खिंचाव होने लगता है। इसकी कमी से खासतौर पर जांघों और पिंडलियों में असहनीय दर्द होता है। 

3. नाखूनों का कमजोर होना

  • आपके नाखून भी एक तरह की हड्डियां ही होती हैं इन्हें भी बढ़ने और मजबूत होने के लिए कैल्शियम की जरूरत होती है। कैल्शियम की कमी से नाखून कमजोर होने लगते हैं और आसानी से टूट जाते हैं। शरीर में कैल्शियम की कमी होने पर नाखूनों पर सफेद निशान दिखने लगते हैं।

4. दांतों का कमजोर होना

  • शरीर में मौजूद 99 प्रतिशत कैल्शियम हड्डियों और कैल्शियम की कमी से दांतों में दर्द और झनझनाहट होने लगती है और दांत कमजोर होकर टूटने लगते हैं। छोटे बच्चों में कैल्शियम की कमी से दांत देर से निकलते हैं।

5. थकान

  • कैल्शियम की कमी से हड्डियों और मांसपेशियों में दर्द रहने की वजह से शरीर में थकान होने लगती है। इस वजह से नींद न आना, डर लगना और तनाव जैसी समस्याएं होने लगती हैं। महिलाओं में बच्चे के जन्म के बाद अक्सर कैल्शियम की कमी हो जाती है और वे थकान महसूस करने लगती हैं।

6. मासिक धर्म में अनियमितता

  • महिलाओं में कैल्शियम की कमी की वजह से मासिक धर्म देर से और अनियमित तौर पर होता है। मासिक धर्म से पहले कैल्शियम की कमी के कारण ज्यादा दर्द होता है और खून भी ज्यादा आता है। कैल्शियम महिलाओं के गर्भाशय और ओवेरियन हार्मोन्स के विकास में मदद करता है।

7. जल्दी-जल्दी बीमार पड़ना

  • कैल्शियम रोग प्रतिरोधक क्षमता को बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इसके अलावा ये श्वसन तंत्र ठीक रखता है और आंतों के संक्रमण को रोकता है। कैल्शियम की होने पर व्यक्ति जल्दी जल्दी बीमार पड़ने लगता है।

8. बालों का झड़ना

  • बालों के विकास में कैल्शियम की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। इसकी कमी से बाल झड़ने लगते हैं और रुखे हो जाते हैं। अगर आपको ऐसी समस्या है तो ये शरीर में कैल्शियम की कमी का संकेत हो सकती है।

बढ़ती उम्र के साथ व्यक्ति का डाइजेशन कमजोर होने लगता है. आमतौर पर 30 की उम्र पार करने के बाद बॉडी आसानी से डाइट में शामिल Calcium को पूरी तरह से अब्जॉर्ब नहीं कर पाती है. ऐसे में शरीर में कैल्शियम की कमी होने का खतरा एक आम बात है. इसके अलावा ज्यादा मीठा खाने या अनहेल्दी डाइट होने के कारण भी शरीर में कैल्शियम की कमी हो जाती है. वहीं महिलाओं में गर्भावस्था के दौरान बेबी की बोन डेवलेपमेंट प्रोसेस के समय महिला के शरीर में कैल्शियम का लेवल कम होने लगता है. इसके साथ ही बच्चों को ब्रैस्ट फीड करने वाली मांओं के शरीर में भी Calciumकी कमी हो सकती है। आईये इससे बचने के कुछ आसान और घरेलु उपाए हम आपको बताते हैं जोसिर्फ 2 रुपएके खर्च पर आप प्राप्त कर सकते है :

  1. अदरक की चाय :डेढ़ कप पानी में एक इंच अदरक का टुकड़ा पीस कर डालें और उसे उबालें. जब पानी एक कप रह जाए तो उसे चाय की तरह पियें।
  2. जीरे का पानी :रात भर दो गिलास पानी में जीरा भिगो कर रखें. सुबह उस पानी को उबालें जब पानी आधा रह जाये तो उसे छान कर पियें।
  3. तिल :रोजाना 2 चम्मच भुने हुए तिल का सेवन करें. स्वाद बदलने के लिए तिल की चिक्की और लडडू भी खा सकते हैं.
  4. रागी :हफ्ते में कम से कम दो बार रागी से बनी इडली, दलिया या चीला खाएं. इससे पर्याप्त मात्रा में कैल्शियम मिलेगा।
  5. अंजीर और बादाम :रात भर पानी में 4 बादाम और 2 अंजीर भिगो कर रखें. सुबह इन्हें चबा कर खा लें।
  6. स्प्राउट्स :नाश्ते या शाम के समय हलकी भूख में एक बाउल स्प्राउट्स खाएं।
  7. नींबू पानी : रोजाना शाम को एक गिलास नींबू पानी पियें. दिन भर में कोई एक खट्टा फल खाने से भी फायदा मिल सकता है।
  8. सोयाबीन : सप्ताह में एक बार सोयाबीन की सब्जी खाएं या खाने में सोयाबीन की मात्रा बढ़ाएं।
  9. सुबह की धूप :रोजाना सुबह प्रातः 8 बजे से पहले करीब 10 मिनट धूप में बिताएं।