• सामान्य रूप से शरीर में बनने वाली चर्बी से शरीर को रोगों से लड़ने की ताकत मिलती है लेकिन जब चर्बी सामान्य से अधिक बनने लगती है तो हमारा शरीर थुलथुल व मोटा हो जाता है। इस तरह अधिक चर्बी जमा होने से शरीर की अंगों की त्वचा लटकने लगती और शरीर बेडौल हो जाता है। इस तरह शरीर में अनावश्यक चर्बी बनने को मोटापा कहते हैं। योग गुरु बाबा रामदेव तेजी से वजन घटाने के लिए कई चीजों की सलाह देते हैं। अपने कई कार्यक्रमों और अपनी वेबसाइट पर स्वामी रामदेव ने मोटापा घटाने के लिए कुछ योगासनों और आयुर्वेदिक दवाओं को लेने की सलाह दी है जिसे हम सरल तरीके से आपके लिए प्रस्तुत कर रहे हैं।

मोटापा, पेट की तोंद की चर्बी बढ़ने का कारण :

  • मोटापे की बीमारी अनेक कारणों से होती है, जैसे- अधिक मात्रा में चिकने पदार्थों (घी,मक्खन) खाना, चर्बी (फैट) वाल पदार्थ अधिक खाना, दिन भर कुछ न कुछ खाते रहना, मिठाइयां अधिक खाना,गर्म पानी से स्नानकरना, अधिक मात्रा में गर्म कपड़े पहनना, हर समय आराम करना, कोई कार्य न करना,व्यायाम (एक्सरसाईज) न करना आदि। कुछ लोगों में मोटापा वंशानुगत भी होता है अर्थात जिसके माता-पिता मोटे होते हैं उसके बच्चे भी मोटे ही होते हैं। मोटापे के कारण पुरुष या स्त्री कारक्तचापबढ़ जाता है और वायु संचरण में रुकावट महसूस होती हैं। मोटापे के कारण त्वचा फूल जाती है जिससे शरीर पूर्ण रूप से वायु ग्र्रहण नहीं कर पाता। अधिक चर्बी के कारणहृदय पर भी प्रभाव पड़ता है जिससे हृदय की गति धीमी हो जाती है।

कपालभाति प्राणायाम : 

  • जो लोग मोटापे से परेशान हैं उन्हें रेग्युलर सुबह शाम 30-30 मिनट कपालभाति प्राणायाम करना चाहिए। इससे पेट और बॉडी की मसल्स ट्यून होती हैं। मोटापा घटता है।

कैसे करें कपालभाति प्राणायाम :

  • रीढ़ की हड्डी को सीधे रखते हुए और पैरों को सामने की ओर मोड़कर बैठें। लंबी सांस लें फिर जोर से सांस छोड़ें। सांस खींचने में ज्यादा जोर न लगाएं। सांस जोर से छोड़ने पर ध्यान दें। यह क्रिया करते समय सांस धौंकनी के समान चलनी चाहिए और पेट फूलना और सिकुड़ना चाहिए। शुरू में इसे 15-20 बार करें। ब्रेक लेकर धीरे-धीरे फ्रीक्वेंसी बढ़ाएं।

हस्तपादासन :

  • 5 मिनट हस्तपादासन करें। फिर सीधे लेटकर एक-एक पैर को ऊपर-नीचे, गोल घुमाएं, साइकिल की तरह पैर चलाएं। इससे बॉडी का एक्स्ट्रा फैट बर्न होगा। बॉडी शेप में आएगी।

कैसे करें हस्तपादासन :

  • एक समतल स्थान पर दरी या चटाई बिछाएं और शोल्डर और बैकबोन को सीधा रखते हुए सावधान की पोजिशन में खड़े हो जाएं।दोनों हाथों को धीरे-धीरे ऊपर उठाकर शोल्डर की सीध में लाएं। फिर शोल्डर्स को थोड़ा-थोड़ा आगे की ओर प्रेस करते हुए हाथों को सिर के ऊपर तक उठाएं। ध्यान रहें कि कंधे कानों से सटे हुए हों। जब बांहें एक-दूसरे के समानान्तर ऊपर उठ जाएं, तब धीरे-धीरे कमर को सीधा रखकर सांस भीतर खींचते हुए नीचे की ओर झुकें। झुकते समय भी ध्यान रखे कि कंधे कानों से सटे रहें। घुटने सीधे रखते हुए हाथ की दोनों हथेलियों से पैरों के पंजे छूने और माथे को घुटने से छूने की कोशिश करें। अपनी कम्फर्ट के हिसाब से कुछ सेकंड तक इस पोजिशन को बनाए रखें। धीरे-धीरे इस पोजिशन से ऊपर उठें, वापस खड़ी पोजिशन में आकर हाथों को कमर से सटाएं और रिलैक्स करें। कुछ सैकेण्ड्स तक रिलैक्स करने के बाद फिर से इसे दोहराएं। ऐसा 5 से 7 बार करें।

उज्जायी प्राणायाम :

  • थाइरॉइड के कारण मोटापा है तो कपालभाति प्राणायाम के साथ 7 से 11 बार उज्जायी प्राणायाम करें। इससे थाइरॉयड कंट्रोल होगा। मोटापे की प्रॉब्लम दूर होगी।

कैसे करें उज्जयी प्राणायाम :

  • आराम से बैठ जाएं। गले को टाइट करके आवाज करते हुए नाक से सांस अंदर खींचें। इस बात का ध्यान रखें कि सांस नाक से ही लें और मुंह बंद रखें। गले की मांसपेशियों को सिकोड़कर रखें। गले से घरघराहट की आवाज करते हुए सांस नाक के जरिए बाहर छोड़ें।शुरुआत में 2- 3 मिनट तक ही करे फिर धीरे-धीरे 10 मिनट तक लेकर जाये। सांस लेने और छोड़ने का समय एक बराबर होना चाहिये।सूर्य नमस्कारेग्युलर जॉगिंग और सूर्य नमस्कार करें। इससे पेट के आसपास की चर्बी तेजी से कम होगी।

रनिंग : 

  • अगर आप यंग है तो रनिंग और स्विमिंग करें या तेज चाल से वॉक करें। इससे ब्लड सर्कुलेशन बेहतर होगा। बॉडी में जमा एक्स्ट्रा फैट बर्न होगा।

एक्यूप्रेशर : 

  • अंगूठे के नीचे हथेली पर 2-2 मिनट दबाएं। इससे मोटापे के साथ ही थाइरॉयड की प्रॉब्लम में फायदा होगा।

वैधकीय सलाह

  1. 2-2 गोली मेदोहर वटी और 1-1 गोली त्रिफला गुग्गुल सुबह-शाम खाएं।
  2. शरीर में सूजन या वाटर रिटेंशन (पानी जमा) होने के कारण मोटापे की प्रॉब्लम है तो पुनर्नवादि मंडूर का सेवन करें।
  3. अश्वगंधा के 3-3 पत्ते सुबह दोपहर और शाम को हाथ से मसलकर और चबाकर खाएं।
  4. सुबह-शाम खाली पेट 3 से 5 चम्मच गोमूत्र का अर्क गर्म पानी मिलाकर पिएं।
  5. रोज़ सुबह लौकी का जूस पिएं। ध्यान रखें लौकी कड़वी न हो।

मोटापा, पेट की तोंद की चर्बी निवारण के कुदरती उपचार  :

  1. चर्बी घटाने के लिये व्यायाम बेहद आवश्यक उपाय है। एरोबिक कसरतें लाभप्रद होती हैं। आलसी जीवन शैली से मोटापा बढता है। अत: सक्रियता बहुत जरूरी है।
  2. शहद मोटापा निवारण के लिये अति महत्वपूर्ण पदार्थ है। एक चम्मच शहद आधा चम्मच नींबू का रस गरम जल में मिलाकर लेते रहने से शरीर की अतिरिक्त चर्बी नष्ट होती है। यह दिन में ३ बार लेना कर्तव्य है।
  3. पत्ता गोभी (बंद गोभी) में चर्बी घटाने के गुण होते हैं। ज्यादा केलोरी का दहन होता है। इस प्रक्रिया में चर्बी समाप्त होकर मोटापा निवारण में मदद मिलती है।
  4. पुदीना में मोटापा विरोधी तत्व पाये जाते हैं। पुदीना रस एक चम्मच २चम्मच शहद में मिलाकर लेते रहने से उपकार होता है।
  5. सुबह उठते ही 250 ग्राम टमाटर का रस 2-3 महीने तक पीने से शरीर की वसा में कमी होती है।
  6. गाजर का रस मोटापा कम करने में उपयोगी है। करीब 300 ग्राम गाजर का रस दिन में किसी भी समय लेवें।
  7. एक अध्ययन का निष्कर्ष आया है कि वाटर थिरेपी मोटापा की समस्या हल करने में कारगर सिद्ध हुई है। सुबह उठने के बाद प्रत्येक घंटे के फ़ासले पर २ गिलास पानी पीते रहें।इस प्रकार दिन भर में कम से कम 20 गिलास पानी पीयें। इससे विजातीय पदार्थ शरीर सेबाहर निकलेंगे और चयापचय प्रक्रिया(मेटाबोलिस्म) तेज होकर ज्यादा केलोरी का दहन होगा, और शरीर की चर्बी कम होगी। अगर 2 गिलास के बजाये 3 गिलास पानी प्रति घंटे पीयें तो और भी तेजी से मोटापा निवारण होगा।
  8. कम केलोरी वाले खाद्य पदार्थों का उपयोग करें।जहां तक आप कम केलोरी वाले भोजन की आदतनहीं डालेंगे, मोटापा निवारण दुष्कर कार्य रहेगा। अब मैं ऐसे भोजन पदार्थ निर्देशित करता हूं जिनमें नगण्य केलोरी होती है।

क्या खाएं, क्या न खाएं

  • कार्बोहाइड्रेट की मात्रा कम लें, हरी सब्जियां खाएं, अंकुरित अनाज और प्रोटीन युक्त डाइट लें। फैट और मीठे से बचें, जब भी प्यास लगे तो गर्म पानी पिएं।
  • नींबू, जामफ़ल (अमरुद), अंगूर, सेवफ़ल, खरबूजा, जामुन, पपीता, आम, संतरा, पाइनेपल, टमाट,र तरबूज, बैर स्ट्राबेरी, सब्जीयां जिनमें नहीं के बराबर केलोरी होती है-पत्ता गोभी, फ़ूल गोभी, ब्रोकोली, प्याज, मूली, पालक, शलजम, सौंफ़, लहसुन, अदरक चाकू से बरीक काट लें, एक नींबू की चीरें काटकर दोनो पानी में ऊबालें। सुहाता गरम पीयें।बढिया उपाय है।