आयुर्वेद के अनुसार, कम वजन और अधिक वजन वात, पित्त और कफ दोषों के असंतुलन के लक्षण होते है। यदि आपके भोजन का सेवन एक उचित पाचन या चयापचय से संतुलित नहीं है और आपके भोजन के सेवन पर निर्भर नही होता है तो वजन पर नियंत्रण की समस्या पायी जाती है।
अधिक वजन या मोटापा कफ जैसे प्रकार के दोष मुख्यतः लोगों में अधिकतर पाये जाते है। हालांकि मोटापा लोगों में साथ ही साथ अन्य दो दोषों के साथ देखा जाता है, लोगों में वात दोष होने से अधिक वजन के बजाए कम वजन एक आम समस्या होती है।
वजन घटाने के लिए अयुर्वेद रणनीति, प्रत्येक व्यक्ति के लिए उसके मन, शरीर और आत्मा के एक संपूर्ण मूल्यांकन के बाद तैयार की जाती है। विशिष्ट उपाय व्यक्ति के दोष के आधार पर स्थिर किये जाते है।
आज हम आपको All Ayurvedic के माध्यम से हमारा मोटापे के लिए आजमाया और प्रयोग किया गया नुस्खा आपके लिए लाये है ये आपके overweight (अधिक वजन) को तेजी से घटाता है। मोटापे के लिए भी ये कामयाब नुस्खा है।
आज कल obesity statistics (मोटापे के आँकड़े) देखने पर पता चलता है कि एक तिहाई से जादा लोग इसका शिकार हैं obesity treatment (मोटापे का इलाज) क्या है इस पोस्ट में आपको स्पष्ट रूप से बताने का प्रयास करेगे।
आज कल मोटापा भी एक मुसीबत बनता जा रहा है लोग तरह-तरह के प्रयास कर रहे है। टी.वी, न्यूज-पेपर, विज्ञापन के प्रचार की तरफ लोग उत्साहित होकर मोटापे की दवा लेकर बाद में खुद को ठगे से महसूस करते है।
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आपको थोड़ी सी खुद बनाने की मेहनत ही करनी है आखिर ये शरीर आपका है और इसे आपको ही संतुलित रखना है। नुस्खे को घर पर ही बनाए सारी सामग्री आपको आयुर्वेदिक दवा बेचने वाले पंसारी (दुकानदार) से आसानी से मिल जायेगी।
मोटापा घटाने के लिए खान-पान में सुधार जरूरी है। कुछ प्राकृतिक चीजें ऐसी हैं, जिनके सेवन से वजन नियंत्रित रहता है। इसलिए यदि आप वजन कम करने के लिए बहुत मेहनत नहीं कर पाते हैं तो अपनाये यहां बताए गया 9 औषधियों का सबसे आसान उपाय। ये आपके बढ़ते वजन को कम कर देगा।
आवश्यक औषधियाँ
दालचीनी 30 gm, हल्दी 15gm, विडंग 10gm, सौंफ 30gm, सहजन की फली 30gm, एरंडमूल 30gm, लोध्र 30gm, अलसी 15gm, कलोंजी 10gm
औषधि बनाने की विधि और लेंने का तरिका
सभी को 9 औषधियों को पीस कर एक जान कर ले, अच्छी तरह मिला ले और कांच की बोतल मे भरले। 1 गिलास गुन-गुने पानी मे 1 चम्मच चूरन मिलाकर अच्छी तरह चम्मच से हिलाले फिर उसे 5 मिनिट के लिए धीमी आंच पर उबाले गुन-गुना या ठंडा होने पर इसे सुबह खाली पेट और रात को सोते समय ऐसे बनाकर पिये।
यह शरीर की अधिक चर्बी को दूर कर शरीर को पतला व स्वस्थ करती है और शरीर के टोक्सिन को दूर कर शरीर को स्फुर्तिला व ताजगी देता है और शरीर का भारीपन व पेट थाई हिप्स आदि से मोटापा दूर कर शरीर को स्लिम बनाती है।
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क्या खाएं क्या नही – आवश्यक परहेज
फ्रिज का या ठंडा पानी न पियें, भिन्डी, बैंगन, घी, मछली, अंडा, मीट, उड़द की दाल, अरवी (घुइयाँ ), खटाई , अचार , देर में पचने वाली चीज़ें, वजन बढाने वाली चीज़ें न खाएं, सादा भोजन करें, रेशेदार फल और सब्जियां खाएं, केला नहीं खाना है। ये परहेज केवल कोर्स के दौरान करना है, कोर्स ख़तम होने पर खा सकते हैं।
मैंदा, कोल्ड ड्रिंक्स, और सुबहका नास्ता न ले और दिनमे दो बार ही खाये वह भी समय एक रखते हुए और फिर आप खुद 1 महीने के बाद आप अपने आपको आइने में पहचान नहीं पाओगे। यदि इससे संबंधित आपका कोई सवाल-जवाब हो तो आप हमें mail कर सकते है हमारी mail id है allayurvedic@gmail.com
एक आयुर्वेदिक चिकित्सक आमतौर पर सलाह देता है
अपने संविधान के अनुसार,परहेज और आहार के लिए एक नियमित जीवन शैली का अनुसरण करे। खाद्य पदार्थों के सेवनबढ़ाएँ ताकि पाचन उत्साह और पाचन शक्ति में वृद्धि हो जाएं।खाद्य पदार्थ जोकि पाचन शक्ति को बढाते है,जिंजर, पपीता, आम, अनानस, और कड़वे तरबूज होते है।
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पाचन मे सुधार करने के लिए अन्य विधियां: पूरे दिन गर्म पानी की घूँट लें, प्रतिदिन 2-3 बार अदरक की चाय पियें, सप्ताह में एक दिन उपवास रखे (आप तरल पदार्थ,फल और सब्जी का रस,गर्म दूध हल्का सूप, चाय, आदि ले सकते है) जड़ी बूटियों और मसालों का उपयोग जैसे जीरा, अदरक, सरसों के बीज, लाल मिर्च और कालीमिर्च उदारता के साथ आपके खाने में होना चाहिए। आपके शरीर के प्रकार के अनुसार, नियमित रूप से व्यायाम, योग, ध्यान, और प्राणायाम (श्वासव्यायाम) करें।