किसी भी देश की संस्कृति उसकी आत्मा होती है। भारतीय संस्कृति की गरिमा अपार है। इस संस्कृति में आदिकाल से ऐसी परम्पराएँ चली आ रही हैं, जिनके पीछे तात्त्विक महत्त्व एवं वैज्ञानिक रहस्य छिपा हुआ है।
हिंदू धर्म में किसी भी शुभ कार्य से पहले दीपक जलाया जाता है। सुबह-शाम होने वाली पूजा में भी दीपक जलाने की परंपरा है। वास्तु शास्त्र में दीपक जलाने व उसे रखने के संबंध में कई नियम बताए गए हैं।
दीपक की लौ किस दिशा में होनी चाहिए, इस संबंध में वास्तु शास्त्र में पर्याप्त जानकारी मिलती है। अपने इष्ट को प्रसन्न करने के लिये हर धार्मिक रीति-रिवाज़ को पूरा करने के अपने-अपने विधान भी हैं।
हिंदू धर्म में खासकर यह बहुत मायने रखता है। कोई भी पूजा तब तक सफल नहीं मानी जाती जब तक उसे विधिपूर्वक न किया जाये। दीपावली को दीपोत्सव, प्रकाशोत्सव भी कहा जाता है धनतेरस से ही कार्तिक के कृष्णपक्ष की अंधेरी रात को जगमगाने की शुरुआत हो जाती है।
आज हम All Ayurvedic के माध्यम से आपको दीया जलाने का उचित तरीका बताएँगे जिससे आपको पूजा करने का पूरा फल मिल सके। भगवान् के सामने दीया जलाने का विशेष महत्व हैं क्योकि अँधेरा हटाने से आपकी जिंदगी में अंधकार का सायाँ भी समाप्त हो जाता हैं लेकिन एक बेहतरीन तरीके से ही दीपक जलाना चाहिए जिससे आपके भाग्य के द्वार खुल जाए।
भगवान के सामने दीपक जलाते वक़्त इन बातों का रखे ख्याल :
दीपक जलाने के लिए ज्यादातर देशी घी का इस्तेमाल किया जाता हैं लेकिन बहुत से अवसरों पर घी की जगह तेल का इस्तेमाल करना चाहिए जैसे शनिवार के दिन शनि देवता को खुश करने के लिए सरसो के तेल का दीपक जलाये।
हमेशा एक बाती वाला दीया फ़ूलनुमा जलाये या फिर दो बातियों को आपस में गूंथकर दीया जलाये ऐसा करने से आपकी पूजा का सफल समापन हो पाता हैं।
दीया जलाते समय दीपक में घी या तेल ज्यादा डाले और बाती को थोड़ा ऊपर खिंच देवे जिससे बाती ज्यादा देर तक जलेगी आपको बता दे की दीया जल्दी भुझेगा तो यह आपके लिए अपशुकन रहेगा।
इस बात का ध्यान रखे की दीया खंडित ना हुआ हो वर्ना भगवान की कृपा आप पर से उठ जाएगी इससे पूजा का लाभ आपको नहीं मिलेगा।
किसी शुभ कार्य से पहले दीपक जलाते समय इस मंत्र को बोलने से शीघ्र ही सफलता मिलती है-
दीपज्योति: परब्रह्म: दीपज्योति: जनार्दन:।
दीपोहरतिमे पापं संध्यादीपं नामोस्तुते।।
शुभं करोतु कल्याणमारोग्यं सुखं सम्पदां।
शत्रुवृद्धि विनाशं च दीपज्योति: नमोस्तुति।।
दीपक सिर्फ दिवाली पर ही नहीं जलाये जाते बल्कि पूजा अर्चना सहित हर मांगलिक कार्यक्रम में दीपक जलाया जाता है। दीपक की लौ सिर्फ रोशनी की प्रतीक नहीं है बल्कि वह अज्ञानता के अंधकार को हटाकर ज्ञान के प्रकाश से जीवन को रोशन करने की प्रतीक है।
दरिद्रता के तिमिर का नाश कर खुशियों से जीवन को जगमगा देने की प्रतीक है। नकारात्मकता से चौंधियाये अंधेरे मन में सकारात्मकता के प्रकाश की किरणों की प्रतीक है। इसलिये उसके सही दिशा में होने से ही शुभ फल प्राप्त होते हैं।
पूर्व और उत्तर दिशा में जहां दिये की लौ आयु और धन में वृद्धि की मनोकामना पूरी करने वाली होती है तो वहीं पश्चिम और दक्षिण में दिये की लौ होना अशुभ भी माना जाता है। पश्चिम दिशा में दिये की लौ दुख:दायी होती है और आपको कष्ट सहने पर मजबूर होना पड़ सकता है।
लेकिन दक्षिण में दिये की लौ रखना और भी घातक हो सकता है। इससे व्यक्ति या परिवार को बड़ी हानि उठानी पड़ सकती है यह हानि जान-माल किसी भी भी रूप में हो सकती है।
कुल मिलाकर दीपक या दिया जलाना हर शुभ अवसर पर एक अनिवार्य परंपरा माना जाता है इसलिये दीपक की लौ सही दिशा में अवश्य होनी चाहिये।
दीपक – मनुष्य के जीवन में चिह्नों और संकेतों का बहुत उपयोग है। भारतीय संस्कृति में मिट्टी के दिये में प्रज्जवलित ज्योत का बहुत महत्त्व है।
दीपक हमें अज्ञान को दूर करके पूर्ण ज्ञान प्राप्त करने का संदेश देता है। दीपक अंधकार दूर करता है। मिट्टी का दीया मिट्टी से बने हुए मनुष्य शरीर का प्रतीक है और उसमें रहने वाला तेल अपनी जीवनशक्ति का प्रतीक है।
मनुष्य अपनी जीवनशक्ति से मेहनत करके संसार से अंधकार दूर करके ज्ञान का प्रकाश फैलाये ऐसा संदेश दीपक हमें देता है।
मंदिर में आरती करते समय दीया जलाने के पीछे यही भाव रहा है कि भगवान हमारे मन से अज्ञान रूपी अंधकार दूर करके ज्ञानरूप प्रकाश फैलायें। गहरे अंधकार से प्रभु! परम प्रकाश की ओर ले चल।
दीपावली के पर्व के निमित्त लक्ष्मीपूजन में अमावस्या की अन्धेरी रात में दीपक जलाने के पीछे भी यही उद्देश्य छिपा हुआ है। घर में तुलसी के क्यारे के पास भी दीपक जलाये जाते हैं।
किसी भी नयें कार्य की शुरूआत भी दीपक जलाने से ही होती है। अच्छे संस्कारी पुत्र को भी कुल-दीपक कहा जाता है।
अपने वेद और शास्त्र भी हमें यही शिक्षा देते हैं- हे परमात्मा! अंधकार से प्रकाश की ओर, मृत्यु से अमरता की ओर हमें ले चलो।
ज्योत से ज्योत जगाओ इस आरती के पीछे भी यही भाव रहा है। यह है भारतीय संस्कृति की गरिमा।
आमतौर पर हम सभी अपने घर में पूजा करते समय दीपक प्रज्वलित करते हैं. जो की बहुत ही शुभ होता हैं। दीपक को रौशनी का, उजाले का तथा प्रकाश का प्रतीक माना जाता हैं। दीपक को मनुष्य जीवन के कष्टों को दूर करने के लिए भी शुभ माना जाता हैं।
दीपक के प्रकार
दीपक अनेक प्रकार के होते हैं. जैसे – चाँदी के दीपक, मिटटी के दीपक, लोहे के दीपक, ताम्बे के दीपक, पीतल की धातु से बने हुए दीपक तथा आटे से बनाए हुए दीपक।
कुछ लोग मिटटी के दीपकों को अधिक शुभ मानते हैं तो वहीँ कुछ लोग सभी प्रकार की साधना की सिद्धि के लिए मूंग की दाल, चावल, गेहूं, उड़द की दाल और ज्वार आदि अनाजों को पीसकर इनके आटे से दीपक बनाते हैं और इसे ही पूजा करने के लिए सबसे उत्तम मानते हैं।
घर की इन दिशाओं में दीपक लगाने से पूरी होती हैं सभी इच्छाएं लेकिन क्या आप जानते हैं कि इन दियों को इन दीपकों को जलाने की भी एक विधि है। अगर सही दिशा में दीपक की लौ न जलाई जाये तो इसका नकारात्मक प्रभाव भी हो सकता है।
आइये जानते हैं All Ayurvedic के माध्यम से इसके फायदे व नुकसान के बारे में…
रोगों से मुक्ति के लिए प्रतिदिन सूर्य देव के चित्रपट अथवा श्रीविग्रह के आगे दीपक लगाएं।
श्रीकृष्ण के आगे दीपक लगाने से जीवन साथी की तलाश पूरी होती है।
रूक्मणी और श्रीकृष्ण के आगे दीपक लगाने से मनभावन जीवन साथी मिलता है।
दीपक की लौ पूर्व दिशा की ओर रखने से आयु में वृद्धि होती है।
दीपक की लौ पश्चिम दिशा की ओर रखने से दु:ख बढ़ता है।
दीपक की लौ उत्तर दिशा की ओर रखने से धन लाभ होने के योग बनते हैं।
दीपक की लौ दक्षिण दिशा की और रखने से हानि होती है। यह हानि किसी व्यक्ति या धन के रूप में भी हो सकती है।
बुरे सपनों का डर सताता है तो सोने से पहले हनुमान जी के पंचमुखी स्वरूप के आगे दीया जलाएं और हनुमान चालीसा का पाठ करें।
घर के मंदिर की उत्तर दिशा में धन के देवता कुबेर का स्वरूप स्थापित करें। पैसों से संबंधित जैसी भी समस्या हो प्रतिदिन दीपक लगाने से हल हो जाएगी।
घर और कार्यस्थान पर गणपति बप्पा का स्वरूप स्थापित करें। दिन का आरंभ उनके आगे दीपक लगा कर करें।
राम दरबार के आगे प्रतिदिन दीपक लगाने से परिवार में सुख-शांति बनी रहती है।
आयु वृद्धि के लिये पूर्व दिशा में जलायें दीपक
दीपक की लौ किस दिशा में होनी चाहिये इसके लिये वैसे तो वास्तु शास्त्र में काफी सारे नियम हैं लेकिन यह इस पर भी निर्भर करता है कि आप किस देवता की पूजा कर रहे हैं और उसका वास कौनसी दिशा में है।
पूर्व दिशा के बारे में सभी जानते हैं। सूर्योदय के पहली किरण के साथ ही नई आशाओं और उम्मीदों की किरणें भी फूटती हैं। पूर्व दिशा में यदि दीपक की लौ रखें तो इससे आयु में वृद्धि होती है।
धन लाभ के लिये दिये की लौ हो उत्तर में
यदि आप अपने व्यवसाय में लाभ, वेतन में वृद्धि आदि धन लाभ की मनोकामना के लिये दीपक जला रहे हैं तो ध्यान रहे इसकी लौ उत्तर दिशा हो। उत्तर दिशा में दिये की लौ रखना धन वृद्धि के लिये लाभकारी माना जाता है।
जानिए आप अपने जीवन के कष्टों से निम्न प्रकार दीपक जलाकर मुक्ति पा सकते हैं
अगर आपके घर में आर्थिक तंगी चल रही हैं, तो इस तंगी से मुक्ति पाने के लिए आपको रोजाना अपने घर के देवालय में शुद्ध घी का दीपक जलाना चाहिए। रोजाना दीपक जलाने से घर की आर्थिक स्थिति में सुधार आ जायेगा।
अगर आपके शत्रु आपको हानि पहुँचाने की कोशिश कर रहें हैं तो इसके लिए आपको प्रतिदिन भैरव जी के सामने सरसों के तेल का दीपक जलाना चाहिए. इस उपाय को करने से आपके शत्रु द्वारा आपको हानि पहुँचाने के लिए किये गए प्रयास सफल नहीं होंगे।
सूर्य देवता को प्रसन्न करने के लिए भी आपको रोजाना सरसों के तेल का दीपक जलाना चाहिए. इस उपाय को करने से आपके घर में हमेशा सूर्य देवता की कृपा बनी रहती हैं।
यदि आपका शनि ग्रह कमजोर हैं तो आपको नियम पूर्वक शनि ग्रह को प्रसन्न करने के लिए तिल के तेल का दीपक जलाना चाहिए।
अपने पति की लंबी आयु की मनोकामना को पूर्ण करने के लिए महिलाओं को अपने घर के मंदिर में महुए के तेल का दीपक प्रज्वलित करना चाहिए।
अगर किसी व्यक्ति के राहु और केतु दोनों ग्रहों की दशा खराब हो तो उसे प्रतिदिन मंदिर में जाकर अलसी के तेल का दीपक जलाना चाहिए. इस उपाय को करने से राहु और केतु ग्रह शांत हो जाते हैं।
घर में या मंदिर में किसी भी देवी या देवता की पूजा करते समय फूल, अगरबत्ती, शुद्ध गाय के घी का या तिल के तेल का दीपक जरुर जलाना चाहिए।
गणेश भगवान की कृपा आप पर सदैव बनी रही इसके लिए आपको रोजाना गणेश की मूर्ति या तस्वीर के आगे तीन बत्तियों वाला घी का दीपक जलाना चाहिए।
भैरव देवता की पूजा करने के लिए तथा उनको प्रसन्न करने के लिए चार मुख वाला सरसों के तेल का दीपक जलाना चाहिए. इस उपाय को करने से व्यक्ति के जीवन के सभी कष्ट दूर हो जाते हैं।
किसी केस को या मुकदमे को जीतने के लिए भी दीपक को जलाना शुभ होता हैं. किसी भी मुकदमे में जीत हासिल करने के लिए भगवान के आगे पांच मुखी दीपक जलायें।
कार्तिक भगवान को प्रसन्न रखने के लिए भी रोजाना पांच मुख वाला दीपक प्रज्वलित करना चाहिए।
लक्ष्मी जी की कृपा हमेशा घर पर बनी रहें. इसके लिए हमें लक्ष्मी जी के समक्ष सात मुख वाला दीपक जलाना चाहिए।
शिव भगवान को प्रसन्न करने के लिए आप बारह मुख वाला या आठ मुख वाला दीपक जला सकते हैं. इसके साथ ही सरसों के तेल का एक दीपक जलाना शुभ माना जाता हैं।
विष्णु भगवान को प्रसन्न करने के लिए इनके सामने प्रतिदिन सोलह बत्तियों का दीपक जलाना चाहिए. अगर आप विष्णु भगवान के दशावतार की पूजा करते हैं तो इन्हें प्रसन्न करने के लिए दस मुख वाला दीपक जलाना चाहिए।
इष्ट सिद्धि के लिए तथा ज्ञान प्राप्त करने के लिए एक गहरा और गोल दीपक प्रज्वलित करना चाहिए।
अपने शत्रुओं को नष्ट करने के लिए तथा किसी भी आपत्ति के निवारण के लिए मध्य से ऊपर की ओर उठे हुए दीपक का प्रयोग जलाने के लिए करना चाहिए।
धन प्राप्ति के लिए सामान्य दीपक का प्रयोग लक्ष्मी जी की पूजा करने के लिए करना चाहिए।
संकटहरण हनुमान जी की पूजा करने के लिए तथा उनकी कृपा आप पर सदैव बनी रहे इसके लिए तीन कोंनो वाले दीपक का प्रयोग जलाने के लिए करना चाहिए. हनुमान जी अराधना करने के लिए दीपक को जलाने के लिए चमेली के तेल का प्रयोग जरुर करना चाहिए।
आश्रम तथा देवालय में अखंड ज्योत जलाने के लिए शुद्ध गाय के घी का तथा तिल के तेल का प्रयोग करना चाहिए।
जानिए आपकी कौनसी इच्छा पूरी करवाने के लिए आपको किस भगवान के आगे कैसा दीपक जलाना चाहिए। जिससे की आपकी सारी इच्छाए जल्दी ही पूरी हो जाए।माना जाता है कि हर भगवान का संबंध किसी न किसी विशेष वस्तु या इच्छा से होता है।
अगर अपनी इच्छा या मनोकामना के अनुसार संबंधित भगवान की मूर्ति को पूजा घर में स्थापित करके, रोज उन्हें दीपक लगाया जाए तो आपकी सारी इच्छाए और मनोकामनाए जरूर पूरी होती है। रुका धन पाने से लेकर प्यार तक, बिजनेस में तरक्की से लेकर समस्याओं से छुटकारा पाया जा सकता है।
प्यार के लिए भगवान कृष्ण जी- अगर आपको भी अपने मित्रों या अपने जीवन साथी से प्यार पाने की इच्छा हो, तो घर के मंदिर में भगवान कृष्ण की मूर्ति स्थापित कर उनकी पूजा करनी चाहिए। इससे आपकी ये इच्छा पूरी हो सकती है।
रोगों से मुक्ति पाने के लिए भगवान सूर्य- अगर आप रोगों से या बीमारियों से परेशान है तो आपको घर के मंदिर में भगवान सूर्य की मूर्ति स्थापित करके या तस्वीर लगाकर रोज उनकी मूर्ति या तस्वीर पर जल चढ़ाना चाहिए और दीपक जलाना चाहिए।
अटका हुआ धन पाने के लिए भगवान कुबेर- ये तो हम सब जानते ही है कि भगवान कुबेर को धन का देवता माना जाता है। अगर आपका भी धन कही अटका हुआ है तो अटका हुआ धन पाने के लिए घर के मंदिर की उत्तर दिशा में भगवान कुबेर की मूर्ति स्थापित कर रोज दीपक जलाना चाहिए।
परीक्षाओं में सफलता पाने के लिए मां सरस्वती- अगर आपको भी अपनी परीक्षाओं की चिंता है और परीक्षा में सफलता पाना चाहते है तो अपने कमरे में मां सरस्वती की मूर्ति स्थापित करके या तस्वीर लगाकर रोज दिया जलाना चाहिए।
बिजनेस में तरक्की करने के लिए भगवान गणेश- बिजनेस में तरक्की के लिए भगवान गणेश की मूर्ति घर या दूकान के मंदिर में स्थापित करे, रोज उसे दीपक या अगरबत्ती लगानी चाहिए। इससे आपको बिजनेस में तरक्करी मिल सकती है।
परिवार में सुख-शांति के लिए श्री राम जी- अगर आप भी अपने घर-परिवार में हमेशा सुख-शांति और प्यार बनाए रखना चाहते है तो उसके लिए भगवान राम सहित लक्ष्मण और देवी सीता की मूर्ति स्थापित करनी चाहिए और उनकी पूजा करनी चाहिए।
बुरे सपनो से छुटकारा पाने के लिए भगवान हनुमान- जिन लोगो को डरावने या बुरे सपनो से छुटकारा पाना हो, उन्हें भगवान हनुमान की पंचमुखी स्वरूप की तस्वीर लगाकर रोज उसकी पूजा करनी चाहिए।
झगड़े खत्म करने के लिए भगवान शिव जी- जिन लोगो के अपने घर-परिवार के लोगो या मित्रों के बीच झगड़े खत्म करने की इच्छा हो, उन्हें घर के मंदिर में भगवान शिव की मूर्ति या तस्वीर स्थापित करनी चाहिए।
पंडित “विशाल” दयानन्द शास्त्री,
(ज्योतिष-वास्तु सलाहकार)
राष्ट्रीय महासचिव-भगवान परशुराम राष्ट्रीय पंडित परिषद्