हमारे दैनिक जीवन में मसालों का इतना महत्व है कि इनके बिना हम भोजन को चखने की भी कल्पना नहीं कर सकते। ये मसाले ना सिर्फ हमारे भोजन को स्वादिष्ट और सुगंधित बनाते हैं बल्कि अपने औषधीय गुणों से हमारे शरीर की रक्षा भी करते हैं।
- ऐसे ही मसालों में से एक है दालचीनी। वैसे तो दालचीनी का प्रयोग हम खाने में स्वाद बढ़ाने और सुगंध लाने के लिए करते हैं, लेकिन नियमित तौर पर इसका प्रयोग, खासकर मधु यानी शहद के साथ, किसी औषधि से कम नहीं है। यह गरम मसाले का एक अवयव है। इसमें कैलोरी, कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन वसा और अनेक लाभकारी मिनरल्स आदि भी मौजूद होते हैं। आगे आप जानेंगे कि कैसे इस मसाले का इसका प्रयोग हमारे लिए वरदान साबित हो सकता है। आप एक चम्मच शहद को एक गिलास पानी में दो चुटकी दालचीनी मिलाकर रात को सोते वक़्त इसका सेवन कर सकते है।
शहद और दालचीनी के 5 अद्भुत फ़ायदे :
- मोटापा कम करके ऊर्जा बढाए : मधु और दालचीनी की यह औषधि मोटापा कम करके एनर्जी गेन करने में भी काफी कारगर है। इसके लिए एक गिलास पानी में अनुपातिक रूप से एक चम्मच दालचीनी पाउडर मिलाकर उबाल लें। फिर इसके बाद उसमें दो चम्मच शहद मिलाकर इस औषधि का सेवन रात को सोने से पहले किया जाए तो मोटापा जैसी गंभीर समस्या से छुटकारा पाया जा सकता है।
- गठिया और सायटिका में अत्यंत लाभकारी : गठिया या साइटिका में जोड़ों के दर्द से होने वाली परेशानी बड़ी कष्टकारी होती है। दालचीनी इस रोग में भी काफी फायदेमंद है। इसके लिए नियमित रुप से एक गिलास गुनगुने पानी में एक चम्मच दालचीनी पाउडर डाल कर सेवन करने से जोड़ों के दर्द में आराम मिलता है।
- आमाशय के कैंसर में : अमाशय की दीवारों में अल्सर के कारण उत्पन्न होने वाले कैंसर से बचने के लिए एक गिलास गुनगुने पानी में एक चम्मच दालचीनी पाउडर और एक चम्मच शहद मिलाकर रोजाना सेवन करने से इस तरह के कैंसर के खतरे से बचा जा सकता है।
- सर्दी खांसी या जुकाम में : सर्दी खांसी या जुकाम वायरस के संक्रमण से होता है। ऐसे में एक या दो चम्मच शहद में एक चुटकी बारीक दालचीनी पाउडर मिलाकर सेवन करने से सर्दी जुकाम में काफी राहत मिलती है, और साथ ही इम्यूनिटी भी बढ़ती है। जिससे रोगों से लड़ने की क्षमता बढ़ती है।
- हार्ट अटैक से बचाव : शहद के साथ दालचीनी के फायदे तो हमने देखे। लेकिन शहद उपलब्ध न होने पर अगर रोजाना की चाय में भी दालचीनी मिलाकर पिया जाए तो इससे हृदयाघात यानी हार्ट अटैक का खतरा कई गुना कम हो जाता है। इसके साथ ही यह ब्लड प्रेशर और सरकुलेशन को भी सामान्य करता है।