कैसर | Saffron
- केसर एक सुगंध देने वाला पौधा। पतली बाली सरीखा केसर 15-25 सेंटीमीटर ऊंचा होता है। इसके पुष्प को हिन्दी में केसर, उर्दू में जाफरान और अंग्रेजी में सैफरॉन कहते हैं। चिकित्सा में यह उष्णवीर्य, उत्तेजक, पाचक, वात-कफ नाशक मानी गयी है।
- केसर स्वास्थ्य के लिए बहुत फायदेमंद होता है। केसर की खुशबू बहुत तेज होती है। केसर को विभिन्न प्रकार के व्यंजनों में डालकर खाया जाता है। भारत में केसर कश्मीर में पैदा होता है। गर्म पानी में डालने पर केसर से गहरा पीला रंग बनाया जाता है। पेट संबंधित परेशानियों के इलाज के लिए केसर बहुत फायदेमंद है।
- चोट लगने या झुलसने पर भी केसर का लेप लगाने से फायदा होता है। यह उत्तेजक, वाजीकारक, यौ-नशक्ति वर्धक, त्रिदोष नाशक, वातशूल शमन करने वाली है। इतना ही नहीं, यह मा-सिक धर्म ठीक करने वाली, त्वचा को निखारने वाली, रक्तशोधक, प्रदर और निम्न रक्तचाप को ठीक करने वाली भी है।
- कफ का नाश करने, मन को प्रसन्न रखने, मस्तिष्क को बल देने वाली, हृदय और रक्त के लिए हितकारी भी है। आइए हम आपको केसर के गुणों की जानकारी देते हैं।
कैसर के फायदे | Benefits of Saffron
- पेट संबंधित बीमारियों के इलाज में केसर बहुत फायदेमंद है। बदहजमी, पेट-दर्द व पेट में मरोड़ आदि हाजमे से संबंधित शिकायतों में केसर का सेवन करने से फायदा होता है।
- महिलाओं के मासिक धर्म के दौरान होने वाले दर्द को दूर करने के लिए 2-2 रत्ती केसर दूध में घोलकर दिन में तीन बार देना फायदेमंद होता है। बच्चों को सर्दी, जुकाम, बुखार होने पर केसर की एक पंखु़डी पानी में घोंटकर इसका लेप छाती, पीठ और गले पर लगाने से आराम होता है। चंदन को केसर के साथ घिसकर इसका लेप माथे पर लगाने से सिर, आंख और मस्तिष्क को शीतलता, शांति और ऊर्जा मिलती है।
- चन्दन को केसर के साथ घिसकर इसका लेप माथे पर लगाने से सिर, आंखों और दिमाग को शीतलता मिलती है। इस लेप को लगाने से दिमाग तेज होता है।
- सिर दर्द को दूर करने के लिए केसर का उपयोग किया जा सकता है। सिर दर्द होने पर चंदन और केसर को मिलाकर सिर पर इसका लेप लगाने से सिर दर्द में राहत मिलती है।
- नाक से खून बहने की समस्या के उपचार के लिए भी केसर बहुत फायदेमंद है। नकसीर होने पर चंदन के साथ केसर को मिलाकर लेप लगाइए, नाक से खून बहना बंद हो जाएगा।
- इससे नाक से रक्त का गिरना बंद हो जाता है और सिर दर्द जल्द दूर होता है। बच्चे को सर्दी हो तो केसर की 1-2 पंखु़डी 2-4 बूंद दूध के साथ अच्छी तरह घोंटें ताकि केसर दूध में घुल जाए। इसे एक चम्मच दूध में मिलाकर बच्चे को सुबह-शाम पिलाएं। इससे उसे काफी लाभ होगा। माथे, नाक, छाती व पीठ पर लगाने के लिए केसर, जायफल व लौंग का लेप पानी में बनाएं और रात को सोते समय इसका लेप करें।
- बच्चें को अगर सर्दी और जुकाम की समस्या हो तो केसर का दूध सुबह-शाम पिलाने से बच्चे की सर्दी और जुकाम में राहत मिलेगी।
- बच्चें की सर्दी अगर समाप्त न हो रही हो तो बच्चे की नाक, माथे, छाती और पीठ पर केसर, जायफल और लौंग का लेप लगाने से फायदा होता है।
- शिशुओं को अगर सर्दी जकड़ ले और नाक बंद हो जाये तो मां के दूध में केसर मिलाकर उसके माथे और नाक पर मला जाये तो सर्दी का प्रकोप कम होता है और उसे आराम मिलता है।आधा ग्राम केसर को घी में पीसकर खाने से 1 साल पुरानी कब्ज़ दूर होती है।120 मिलीग्राम केसर को 50 मिलीलीटर पानी में मिलाकर मिट्टी के बर्तन में रात को भिगो दें। सुबह 20-25 किशमिश खाकर इस पानी को पीएं। इसका सेवन 15 दिनों तक करने से हृदय की कमजोरी दूर होती है।
- अतिसार में भी केसर बहुत फायदेमंद है। अतिसार होने पर केसर को जायफल, आम की गुठली, सोंठ को पत्थर पर पानी के साथ घिसकर इसका लेप लगाने से फायदा होता है।
- महिलाओं के लिए केसर बहुत फायदेमंद होता है। महिलाओं की कई शिकायतें जैसे – मासिक चक्र में अनियमिता, गर्भाशय की सूजन, मासिक चक्र के समय दर्द होने जैसी समस्याओं में केसर का सेवन करने से आराम मिलता है।
- गंजे लोगों के लिये तो यह संजीवनी बूटी की तरह कारगर है। जिनके बाल बीच से उड़ जाते हैं, उन्हें थोड़ी सी मुलहठी को दूध में पीस लेना चाहिए। तत्पश्चात् उसमें चुटकी भर केसर डाल कर उसका पेस्ट बनाकर सोते समय सिर में लगाने से गंजेपन की समस्या दूर होती है। रूसी की समस्या हो या फिर बाल झड़ रहे हो तो भी ये उपाय बेहद कारगर है।
- यह एक कामशक्ति बढ़ाने वाला रसायन है। अत: इसका उपयोग बाजीकरण के लिए भी किया जाता है। केसर, वच और पीपलामूल 10-10 ग्राम की मात्रा में लेकर कूट-पीसकर चूर्ण बना लें। इस चूर्ण को 5 ग्राम की मात्रा में पानी के साथ लेने से हिस्टीरिया रोग ठीक होता है। हिस्टीरिया जैसी बीमारियों को नियंत्रित करने में केसर का सेवन फायदेमंद होता है।
- त्वचा के झुलसने या चोट लगने पर केसर के लेप लगाना चाहिए। इससे तुरंत फायदा होता है और नई त्वचा का निर्माण जल्द होता है।
- त्वचा का रंग उज्ज्वल करने वाली, रक्तशोधक, धातु पौष्टिक, प्रदर और निम्न रक्तचाप को ठीक करने वाली, कफ नाशक, मन को प्रसन्न करने वाली रंगीन और सुगन्धित करने वाली होती है।अगर सर्दी लग गई हो तो रात्रि में एक गिलास दूध में एक चुटकी केसर और एक चम्मच शहद डालकर यदि मरीज को पिलाया जाए तो उसे अच्छी नींद आती है।
- केसर को दूध के साथ पीने से शारीरिक शक्ति बढती है। केसर दूध पौरूष व कांतिवर्धक होता है। ज़ाडे में गर्म व गर्मी में ठंडे दूध के साथ केसर का उपयोग स्वास्थ्यवर्धक होता है। गर्भावस्था के दौरान केसर का सेवन करने से होने वाला बच्चा तंदुरूस्त होता है और कई तरह की बीमारियों से बचा रहता है।आयुर्वेद शास्त्र के अनुसार नियमित रूप से, अल्प मात्रा में ग्रहण करने पर यह त्रि-दोषों (वात, पित्त व कफ) से निजात दिलाता है। इसका स्वभाव गर्म होता है। अत: औषधि के रूप में 250 मिलिग्राम व खाद्य के रूप में 100 मिलिग्राम से अधिक मात्रा में इसके सेवन की सलाह नहीं दी जाती।
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