इस गुरुवार यानी शरद पूर्णिमा 5 अक्टूबर को है। इस पूर्णिमा की रात में चंद्र अपनी 16 कलाओं के साथ दिखाई देगा। शास्त्रों में शरद पूर्णिमा का काफी अधिक महत्व बताया गया है। आश्विन मास में आने वाली पूर्णिमा को शरद पूर्णिमा, कोजागरी या कोजागर पूर्णिमा के नाम से जाना जाता है।
धार्मिक शास्त्रों और पुरानी मान्यता है कि शरद पूर्णिमा की रात महालक्ष्मी पृथ्वी का भ्रमण करती हैं और पूछती हैं कि को जागृति? यानी कौन जाग रहा है? इसी वजह से इस पूर्णिमा को कोजागरी पूर्णिमा कहा जाता है। इस रात महालक्ष्मी को जो भी व्यक्ति जागते हुए दिखाई देता है, पूजन करते हुए दिखाता है, उसे देवी की कृपा मिलती है। जानिए ज्योतिष के अनुसार शरद पूर्णिमा की रात में कौन-कौन से उपाय किए जा सकते हैं, जिनसे बुरा समय और पैसों की कमी दूर हो सकती है…
महालक्ष्मी मंत्र उपाय
गुरुवार, शरद पूर्णिमा की रात में महालक्ष्मी की पूजा करनी चाहिए और महालक्ष्मी मंत्र का जाप करना चाहिए। मंत्र जाप कम से कम 108 बार करें। इसके लिए कमल के गट्टे की माला से जाप करना चाहिए।
महालक्ष्मी मंत्र
ऊँ श्रीं ह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद श्रीं ह्रीं श्रीं ऊँ महालक्ष्मयै नम:।