सीने में दर्द की बात सुनते ही आपका ध्यान पहले ही दिल का दौरा पड़ने की बात पर चला जाता है। मगर सीने में दर्द कई कारणों से होता है। फेफड़ा, मांसपेशी, पसली, या नसों में भी कोई समस्या उत्पन्न होने पर सीने में दर्द होता है।किसी-किसी परिस्थिति में यह दर्द भयानक रूप धारण कर लेता है जो मृत्यु तक का कारण बन जाता है। लेकिन एक बात ध्यान में रखें कि खुद ही रोग की पहचान न करें और सीने में दर्द को नज़रअन्दाज़ न करें तुरन्त चिकित्सक के पास जायें।
दर्द को पहचाने :
- मेहनत का कोई कार्य करने पर एंजाइना का दर्द प्रारंभ हो जाता है। इस तरह का दर्द सीने के बीच में होता है। इस तरह का दर्द दोनों हाथ या बाएँ हाथ तक फैलता है।
- आराम करने पर इस तरह का दर्द ठीक हो जाता है। यह दर्द 5 से 10 मिनट तक अपनी उपस्थिति दर्ज कराता है। अगर दर्द हार्ट अटैक का है तो यह दर्द करीब आधा घंटे तक मरीज को परेशान करता है। ऐसे में मरीज को बेहद पसीना आता है, उसे उल्टी भी आ सकती है।
घेरलू उपचार :
- सोंठ 10 ग्राम को 400 मिलीलीटर पानी में उबालकर काढ़ा बनायें, 100 मिलीलीटर शेष रह जाने पर काढ़े को छानकर पीने से दिल के दर्द में बहुत राहत मिलती है।
- सोंठ का चूर्ण चौथाई ग्राम से 1 ग्राम सुबह-शाम हींग और कालानमक के साथ सेवन करने से दिल का दर्द नष्ट होता है। यह पेट दर्द और दिल के दर्द दोनों में लाभकारी है। ये बहुत कारगर उपाय है
- खस के 10 ग्राम चूर्ण में पीपलामूल का 10 ग्राम चूर्ण मिलाकर रख लें। इस चूर्ण को प्रतिदिन 2 ग्राम की मात्रा में गाय के दूध के साथ सेवन करने से दिल के दर्द में लाभ होता है।
किन बातो का रखे ख्याल :
- दर्द का अनुभव होते ही जिस काम में भी आप लगे हो, उसे तुरंत रोक दें।
- अगर दर्द होने पर चक्कर आए या सिर में दर्द का अनुभव करें तो समझ जाइए कि आपका ब्लडप्रेशर बहुत ज्यादा लो हो गया है। इस अवस्था से बचने के लिये तुरंत नींबू नमक पानी लेना चाहिए।
- अगर दर्द का अहसास खाना खाते वक्त हो तो खाना धीरे-धीरे और रूक-रूक कर खाएँ। और कम खाएँ, भले ही आपको बार-बार खाना पड़े
- सीने में दर्द उठने के साथ-साथ अगर चक्कर या बेहोशी आए तो तुरंत मरीज के दोनों पैर ऊँचा करके मरीज को लिटा दें।