- डेंगी जिसे बोलचाल वाली भाषा में डेंगू भी कहा जाता है। मच्छरों के काटने से होने वाली एक वायरल बिमारी है। मच्छरों के एडिस एजिप्टाई नामक प्रजाति के मादा मच्छरों के काटे जाने से होने वाली ये बिमारी जानलेवा भी हो सकती है।
- डेंगू होने के लक्षण मच्छर के काटे जाने के 3 से 14 दिनों के अन्दर दिखाई देने लगते हैं। ठण्ड लगना, तेज बुखार होना, सरदर्द, आँखों में दर्द, त्वचा पर लाल रंग के निशान का आना, जी मिचलाना, दस्त लगना इसके लक्षण है। गंभीर स्थितियों में आँख और नाक से खून भी निकलने लगता है।
- डेंगू एक जानलेवा बीमारी है पर अगर उचित समय पर उचित देखभाल और डॉक्टरी सहयता से इसे दूर किया जा सकता है। आप कुछ व्यवहारिक तरीको का इस्तेमाल करते हुए भी डेंगू को दूर रख सकते है।
डेंगू से बचने के उपाय :
- खाली बर्तनों जैसे डब्बों, बाल्टियों इत्यादि में पानी जमा न छोड़ें। इस्तेमाल के बाद उन्हें हमेशा उलटा कर के रखें। अगर किसी बाल्टी या बर्तन से किसी कारणवश पानी नहीं निकाल सकते तो उसे ढँक कर रखें।
- घर के आस पास कहीं भी पानी जमा नहीं होने दें। गमले वाले पौधों में भी पानी डाले तो इतना ही पानी डाले की मिट्टी उस पानी को अवशोषित (absorb) कर ले। गमलों में पानी जमा नहीं होने दे। ऐसी जगहों पे ही मच्छरों के लावा पनपते और विकसित होते हैं।
- घर के खुली जगहों पर दिन में मोस्क्युटो रिपेलेंट पाउडर का छिडकाव करें।
- इस बात का ध्यान रखें की आपके घर के दरवाजों और खिडकियों में कहीं कोई छेद है या नहीं। अगर उनमे कोई छेद है तो उसे बंद कर दें।
- अगर घर में पहले से ही किसी को डेंगू है तो इस बात का ख्याल रखें की किसी और को घर में एक भी मच्छर न काटे।
- हमेशा मच्छरदानी के अन्दर ही सोये खासकर छोटे बच्चों को तो जरुर ही मच्छरदानी के अन्दर सुलाएं क्यूंकि छोटे बच्चे ज्यादातर दिन में ही होते है और इस वक्त मच्छर के काटे जाने का ख़तरा ज्यादा होता है।
- अगर आप कूलर का इस्तेमाल करते हैं तो आपके लिए ये बेहद जरुरी है की आप कूलर के पानी को एक निश्चित अंतराल पे बदलते रहे। बंद पड़े कूलर में भी अगर पानी मौजूद हो तो उसे साफ़ कर लें।
- मच्छरों को दूर भगाने का एक प्राकृतिक तरिका है तुलसी के पौधे लगाना। अपने आस पास, अपने घर के बगीचों में, या घर में गमलों में तुलसी के पौधे लगाएं। तुलसी के पौधे मोस्क्युटो रिपेलेंट का काम करते हैं।
- हमेशा अपने घर के कूड़ेदान को ढँक कर रखें।
- कर्पुर (Camphor) भी एक प्राकृतिक मोस्क्युटो रिपेलेंट है। कमरे में कर्पुर जला कर, कमरे की खिड़कियाँ दरवाजे 10-20 मिनट तक के लिए बंद कर दें। ऐसा करने से कमरे मच्छर नहीं आयेंगे।
डेंगू का प्राकृतिक उपाय :
- डेंगू के लक्षण महसूस करने पर जल्द ही डॉक्टर के पास जाएँ। डेंगू होने पर डिहाइड्रेशन और खून में प्लेटलेट्स (platelets) की कमी होने लगती है। ऐसे में मरीज को बराबर को पानी और अन्य तरल पदार्थ पिलाते रहना चाहिए। और नियमित रूप से खून की तबतक जांच करनी चाहिए जबतक प्लेटलेट्स की संख्या सामान्य न हो जाए। डेंगू होने पर डॉक्टर के साथ संपर्क में रहने के साथ साथ आप कुछ कुछ घरेलु नुस्खों का भी इस्तेमाल कर सकते हैं। डेंगू में पपीता का पत्ता और गिलोय रामबाण औषधि है… आइये जानते है इनके बारे में…
- पपीते के पत्ते का रस : डेंगू होने पर पपीते के पत्ते का रस बहुत ही कारगर औषधि है। मरीज को बराबर पपीते के पत्ते का रस पिलाते रहे। डेंगू के उपचार के लिए पपीते के पत्तों का रस रामबाण औषधि की तरह काम करता है। पपीते के पत्तों का रस ब्लड में प्लेटलेट्स और आरबीसी को बढ़ाता है। जिससे ब्लड सर्कुलेशन में तेजी से सुधार होता है।
- गिलोय की बेल : गिलोय की बेल का सत्व मरीज़ को दिन में दो तीन बार दे सकते हैं, इससे खून में प्लेटलेट की संख्या बढ़ेगी और रोग से लड़ने में मदद होगी।
- संतरे का रस : डेंगू फेवर में संतरे का रस भी फायदेमंद होता है। इसके सेवन से शरीर में एंटीबाडीज का निर्माण होता है जो शरीर से टॉक्सिक तत्वों को बाहर करने में सहायक होते हैं।
- तुलसी का पत्ता : डेंगू में मरीज को तुलसी का पत्ता भी खिलाते रहना चाहिए ये शरीर की प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत बनता है। डेंगू के वायरस से लड़ने की क्षमता प्रदान करता है।
- मेथी का पत्ता : डेंगू में मेथी के पत्ते के सेवन भी करना चाहिए। मेथी का पत्ता बुखार कम करता है और दर्दनिवारक का भी काम करता है।
- नारियल पानी : प्लेटलेट की मात्रा बढ़ाने के लिए नारियल पानी एक उत्तम स्त्रोत है। नारियल पानी में इलेक्ट्रोलाइट्स होता है जो मिनरल का एक अच्छा स्रोत होने के कारण शरीर में ब्लड प्लेटलेट्स की कमी को पूरा करने में कारगर सिद्ध होता है।
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