- कभी-कभी पैर गड्ढे में आने पर पैर में मोच आ जाती है या चलने-चलते हाथ-पैर मुड़ जाने या चोट लग जाने के कारण मोच आ जाती है। बच्चे जब पहली बार साइकिल चलाना सिखते हैं या स्कूल में ऐन्यूअल स्पोर्ट्स डे होता है तब पैर या हाथ में मोच आना जैसे लाज़मी हो जाता है। फिर जन्माष्टमी के अवसर पर दही-हांडी के अवसर पर मोच आने, चोट लगने, पैर-हाथ में सूजन नहीं आया तो दही हांडी क्या फोड़ा, हैं न! लेकिन तब घर पर माँ ही क्या हालत होती है, उसका सबसे पहला काम होता है दर्द से तड़पते बच्चे को आराम पहुँचाना।
- उस वक्त सालों से चली आ रहा है दादी-नानी माँ का नुस्ख़ा ही सबसे पहले आजामाया जाता है। मुझे याद है मैं जब पहली बार साइकिल चलाना सीखते हुए गिर गई थी तो माँ ने अपने घरेलू उपचार और अपने प्यार भरे स्पर्श से मिनटों में मेरा दर्द दूर करके होठों पर मुस्कान ला दिया था। मैं अपने इस राहत भरे मुस्कान के पीछे के राज को आप सब से शेयर करना चाहती हूँ ताकि आप भी इसी तरह अपने बच्चे के होंठो पर मुस्कान ला पायें।
विभिन्न औषधियों से उपचार :
1) अगर आपके पैर या हाथ में मोच आ गई है तो बिना देर किए थोड़े-से बर्फ एक कपड़े में रखकर सूजन वाले जगह पर लगायें इससे सूजन कम हो जाता है। बर्फ लगाने से सूजन वाले जगह पर रक्त का संचालन अच्छी तरह से होने लगता है जिससे दर्द धीरे-धीरे कम होने लगता है।
2) अगर मोच आने के साथ थोड़ा-सा छिल गया है तो आप सबसे पहले एक कटोरी में पाँच-छह चम्मच सरसों का तेल लें। उसमें आधा छोटा चम्मच हल्दी पाऊडर या कच्चा हल्दी का पेस्ट लें और चार-पाँच लहसुन का फाँक पीसकर डालने के बाद धीमी आंच में कुछ देर रखें। उसके बाद मोच पर धीरे-धीरे इस तेल से मसाज़ करें। फिर देखें इस तेल का जादू। सरसों और हल्दी का एन्टी-इन्फ्लैमटोरी और एन्टी-फंगल गुण दोनों सूजन और घाव को ठीक होने में मदद करता है।
3) आप एक कटोरी या पैन में दो चम्मच हल्दी और एक चम्मच चूना लें (अनुपात लगभग ऐसा होना चाहिए)। फिर उसको अच्छी तरह से फेंटकर धीमी आंच में एक-दो मिनट रखने के बाद उतार दें और गुनगुना गर्म अवस्था में मोच वाले जगह पर लगायें। जब तक न सूखे निकालें नहीं, सूखने के बाद गुनगुने गर्म पानी से धो लें। आपको कुछ देर में आराम मिलने लगेगा। जब तक तक दर्द कम हो नियमित रूप से इस लेप को दिन में दो बार लगा सकते हैं। इसको लगाने के बाद जगह पर ज्यादा हिलाये-डुलाये नहीं। हल्दी का एन्टी-इन्फ्लैमटोरी गुण सूजन को कम करने में बहुत मदद करता है।
4) तुलसी का पौधा तो हर घर में मिलता है। चोट लगने पर तुरन्त तुलसी की कुछ पत्तियों को पीसकर पेस्ट बना लें और उसको चोट वाले स्थान पर लगायें। तुलसी का औषधिय गुण अपना चमत्कार दिखायेगा।
5) दर्द चोट लगने का हो या मोच लगने का, हल्दी-दूध पीना न भूलें। यह दर्दनिवारक या पेनकिलर जैसा काम करता है।
नोट– यह सारे घरेलू उपचार हैं अगर दर्द फिर भी कम नहीं हो रहा है तो डॉक्टर के पास जाने में देर न करें।