➡ किडनी की देखभाल :

  • किडनी, युरेटर या ब्ला्डर, में पथरी निर्माण होना एक भयंकर पीडादायक रोग है। मूत्र में पाये जाने वाले रासायनिक पदार्थों से मूत्र अन्गों में पथरी बनती है,जैसे युरिक एसिड,फ़स्फ़ोरस केल्शियम और ओ़क्झेलिक एसिड। जिन पदार्थों से पथरी निर्माण होती है उनमें केल्शियम ओक्झेलेट प्रमुख है। लगभग ९० प्रतिशत पथरी का निर्माण केल्शियम ओक्झेलेट से होताहै। गुर्दे की पथरी( kidney stone) का दर्द आमतौर पर बहुत भयंकर होता है। रोगी तडफ़ उठता है। पथरी जब अपने स्थान से नीचे की तरफ़ खिसकती है तब यह दर्द पैदा होताहै। पथरी गुर्दे से खिसक कर युरेटर और फ़िर युरिन ब्लाडर में आती है। पेशाब होने में कष्ट होता है,उल्टी मितली,पसीना होना और फ़िर ठड मेहसूस होना ,ये पथरी के समान्य लक्षण हैं।नुकीली पथरी से खरोंच लगने पर पेशाब में खून भी आता है।इस रोग में पेशाब थोड़ी मात्रा में कष्ट के साथ बार-बार आता है|
  • रोग के निदान के लिये सोनोग्राफ़ी करवाना चाहिये।वैसे तो विशिष्ठ हर्बल औषधियों से ३० एम एम तक की पथरी समाप्त हो जाती है(बिंदु २६ देखें) लेकिन ४-५ एम एम तक की पथरी घरेलू नुस्खों के प्रयोग से समाप्त हो सकती हैं। मैं ऐसे ही कुछ सरल नुस्खे यहां प्रस्तुत कर रहा हूं। www.allayurvedic.org
  •  १.)तुलसी के पत्तों का रस एक चम्मच एक चम्मच शहद में मिलाकर जल्दी सबेरे लें। ऐसा ५-६ माह तक करने से छोटी पथरी निकल जाती है।
  • २) मूली के पत्तों का रस २०० एम एल दिन में २ बार लेने से पथरी रोग नष्ट होता है।
  • ३) दो अन्जीर एक गिलास पानी मे उबालकर सुबह के वक्त पीयें। एक माह तक लेना जरूरी है।
  • ४) नींबू के रस में स्टोन को घोलने की शक्ति होती है। एक नींबू का रस दिन में १-२ बार मामूली गरम जल में लेना चाहिये।
  • ५) पानी में शरीर के विजातीय पदार्थों को बाहर निकालने की अद्भुत शक्ति होती है। गरमी में ४-५ लिटर और सर्द मौसम में ३-४ लिटर जल पीने की आदत बनावें।
  •  ६) दो तीन सेवफ़ल रोज खाने से पथरी रोग में लाभ मिलता है।
  • ७) तरबूज में पानी की मात्रा ज्यादा होती है । जब तक उपलब्ध रहे रोज तरबूज खाएं। तरबूज में पुरुषों के लिये वियाग्रा गोली के समान काम- शक्ति वर्धक असर भी पाया गया है।
  • ८) कुलथी की दाल का सूप पीने से पथरी निकलने के प्रमाण मिले है। २० ग्राम कुलथी दो कप पानी में उबालकर काढा बनालें। सुबह के वक्त और रात को सोने से पहिले पीयें।
  • ९) शोध में पाया गया है कि विटमिन बी६ याने पायरीडोक्सीन के प्रयोग से पथरी समाप्त हो जाती है और नई पथरी बनने पर भी रोक लगती है। १०० से १५० एम जी की खुराक कई महीनों तक लेने से पथरी रोग का स्थायी समाधान होता है।



  • १०). कुलथी में पोटेशियम और पानी की अधिकता होने से गुर्दे के रोगों लाभदायक सिद्ध हुआ है। इसमें अल्बुमिन और सोडियम कम होता है जो गुर्दे के लिये उत्तम है। www.allayurvedic.org
  • ११. गाजर और मूली के बीज १०-१० ग्राम,गोखरू २० ग्राम,जवाखार और हजरूल यहूद ५-५ ग्राम लेकर पावडर बनालें और ४-४ ग्राम की पुडिया बनालें। एक खुराक प्रत: ६ बजे दूसरी ८ बजे और तीसरी शाम ४ बजे दूध-पानी की लस्सी के साथ लें। बहुत कारगर उपचार है|
  • १२) पथरी को गलाने के लिये चौलाई की सब्जी गुणकारी है। उबालकर धीरे-धीरे चबाकर खाएं।दिन में ३-४ बार यह उपक्रम करें।
  • १३) बथुआ की सब्जी आधा किलो लें। इसे ८०० मिलि पानी में उबालें। अब इसे कपडे या चाय की छलनी में छान लें। बथुआ की सब्जी भी इसमें अच्छी तरह मसलकर मिलालें। काली मिर्च आधा चम्मच और थोडा सा सेंधा नमक मिलाकर पीयें। दिन में ३-४ बार प्रयोग करते रहने से गुर्दे के विकार नष्ट होते हैं और पथरी निकल जाती है।
  • १४ ) प्याज में पथरी नाशक तत्व होते हैं। करीब ७० ग्राम प्याज को अच्छी तरह पीसकर या मिक्सर में चलाकर पेस्ट बनालें। इसे कपडे से निचोडकर रस निकालें। सुबह खाली पेट पीते रहने से पथरी छोटे-छोटे टुकडे होकर निकल जाती है।
  • १५) सूखे आंवले बारीक पीसलें। यह चूर्ण कटी हुई मूली पर लगाकर भली प्रकार चबाकर खाने से कुछ ही हफ़्तों में पथरी निकलने के प्रमाण मिले हैं।
  • १६) स्टूल पर चढकर १५-२० बार फ़र्श पर कूदें। पथरी नीचे खिसकेगी और पेशाब के रास्ते निकल जाएगी। निर्बल व्यक्ति यह प्रयोग न करें।
  • १७) मिश्री,सौंफ,सूखा धनिया सभी ५०-५० ग्राम की मात्रा में लेकर रात को डेढ़ लीटर पानी में भिगोकर रख दीजिए २४ घंटे बाद छानकर सौंफ, धनिया पीसकर यह पेस्ट पुन; तरल मिश्रण में घोलकर पीते रहने से मूत्र पथरी निकल जाती है|
  • १८) जवाखार: गाय के दूध के लगभग 250 मिलीलीटर मट्ठे में 5 ग्राम जवाखार मिलाकर सुबह-शाम पीने से गुर्दे की पथरी खत्म होती है। www.allayurvedic.org
  • जवाखार और चीनी- 2-2 ग्राम की मात्रा में लेकर पीसकर पानी के साथ खाने से पथरी टूट-टूटकर पेशाब के साथ निकल जाती है। इस मिश्रण को रोज सुबह-शाम खाने से आराम मिलता है।
  • १९ ) गोक्षुर- गोक्षुर के बीजों का चूर्ण 3 से 6 ग्राम बकरी के दूध के साथ प्रतिदिन 2 बार खाने से पथरी खत्म होती है।
  • २० / फिटकरी:- भुनी हुई फिटकरी 1-1 ग्राम दिन में 3 बार रोगी को पानी के साथ सेवन कराने से रोग ठीक होता है।
  • २१/ कमलीशोरा-:कमलीशोरा, गंधक और आमलासार 10-10 ग्राम अलग-अलग पीसकर मिला लें और हल्की आग पर गर्म करने के 1-1 ग्राम का आधा कप मूली के रस के साथ सुबह-शाम लेने से गुर्दे की पथरी में लाभ मिलता है।
  • २२/ आलू: एक या दोनों गुर्दो में पथरी होने पर केवल आलू खाते रहने पर बहुत लाभ होता है। पथरी के रोगी को केवल आलू खिलाकर और बार-बार अधिक मात्रा में पानी पिलाते रहने से गुर्दे की पथरियां और रेत आसानी से निकल जाती हैं। आलू में मैग्नीशियम पाया जाता है जो पथरी को निकालता है तथा पथरी बनने से रोकता है।
  • २३/ तुलसी : २४ ग्राम तुलसी के सूखे पत्ते, 20 ग्राम अजवायन और 10 ग्राम सेंधानमक लेकर पॉउड़र बनाकर रख लें। यह 3 ग्राम चूर्ण गुनगुने पानी के साथ प्रतिदिन सुबह-शाम सेवन करने से गुर्दे का तेज दर्द दूर होता है।
  • २५/ पके हुए प्याज का रस पीना पथरी निकालने के लिए बेहद लाभ प्रद उपाय है| दो मध्यम आकार के प्याज लेंकर भली प्रकार छीलें | एक गिलास जल में डालकर मध्यम आंच पर पकाएं| अब इस मिश्रण को मिक्सर में डालकर चलाएं | इस रस को छानकर पियें| ७ दिन तक यह उपचार करने से पथरी के टुकड़े निकल जाते हैं| www.allayurvedic.org