★ ये नया तरीका मोटापे को शरीर के कुछ बिन्दु पर दबाव डालने से कम कर सकता है ★

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मनुष्य का मोटापा और वजन बढ़ना एक बात नहीं है। किसी व्यक्ति के लिए मोटा शब्द का प्रयोग तब किया जाता है जब उसके शरीर में चर्बी की मात्रा काफी ज्यादा हो तथा उसका वजन भी उसके कद अनुसार कम से कम 20 प्रतिशत ज्यादा हो।

मोटापा बढ़ने से हृदय तथा फेफड़ों जैसे भीतरी अंगों पर ही केवल असर नहीं पड़ता बल्कि मोटे व्यक्ति को मधुमेह, खून का दाब तथा जोड़ों में जलन आदि रोग होने की संभावना भी बढ़ जाती है।

कारण-

शरीर में मोटापा बढ़ने का सबसे प्रमुख कारण भोजन में अत्यधिक मात्रा में चर्बी बनाने वाले पदार्थ तथा श्वेतसारिक पदार्थों का सेवन करना है। मोटापा रोग किसी ग्रंथि की दोषपूर्ण अवस्था के कारण भी हो जाता है क्योंकि अगर शरीर की कोई ग्रंथि ठीक से काम नहीं करती तो आदमी चाहे कितने भी कम भोजन का सेवन क्यों न करे फिर भी उस व्यक्ति का वजन बढ़ता ही चला जाता है।

इसके अलावा मोटापा बढ़ने के निम्नलिखित कारण भी हो सकते हैं-

  • शरीर में पाई जाने वाली थाइरॉइड ग्रन्थि के ठीक से काम न करने के कारण मोटापे का रोग हो सकता है।
  • अगर भोजन को अच्छी तरह से न चबाकर खाया जाए तो शरीर में ज्यादा कैलोरी बनती है जिसके कारण शरीर के वजन तथा चर्बी में बढ़ोत्तरी होती है।
  • यौनग्रन्थि के कम सक्रिय होने से भी स्त्रियों के शरीर में चर्बी की वृद्धि हो जाती है जिसके कारण ऐसी स्त्रियां अक्सर बहुत मोटी हो जाती है।

लक्षण

        मोटापे से ग्रस्त व्यक्ति को चलने-फिरने तथा किसी कार्य को करने में भी दिक्कत होने लगती है। www.allayurvedic.org

उपचार

नियमित रूप से व्यायाम करने से काफी हद तक मोटापे से छुटकारा पाया जा सकता है। मोटापे से पीड़ित व्यक्ति अगर संतुलित भोजन का सेवन करे तो उसके वजन में अंतर आ सकता है। फिर भी वजन को सामान्य बनाए रखने के लिए पौष्टिक भोजन तथा चर्बी को कम करने वाले भोजन का सेवन करना चाहिए। भूख से ज्यादा भोजन कभी नहीं करना चाहिए तथा शर्करा और चर्बी वाले पदार्थों को भोजन में नहीं खाना चाहिए। जहां तक हो सके तो नमक का इस्तेमाल भोजन में कम करना चाहिए यदि नमक खाना भी हो तो सेंधानमक का इस्तेमाल करना चाहिए। रोगी को अपने भोजन में साग-सब्जी तथा हरा रस ज्यादा लेना चाहिए। रोगी को अंकुरित दालों का सेवन भी करते रहना चाहिए। अधिकतर गेहूं या चावल से बने पदार्थ ही खाने चाहिए। अपने भोजन की मात्रा को कम करते रहना चाहिए इससे चर्बी का बनना रुक जाता है। वैसे कहा जाए तो उतने ही भोजन का सेवन करना चाहिए जितनी की शरीर को आवश्यकता हो। प्रतिदिन सुबह के समय में खाली पेट गुनगुने पानी में शहद और नींबू डालकर पिएं। सोने-तांबे-चांदी- के बर्तनों में पानी रखकर उसे गुनगुना करके पीने से शरीर शरीर में मोटापा बढ़ने का सबसे प्रमुख कारण भोजन में अत्यधिक मात्रा में चर्बी बनाने वाले पदार्थ तथा श्वेतसारिक पदार्थों का सेवन करना है।की फालतू की चर्बी घट जाती है।

एक्यूप्रेशर चिकित्सा द्वारा मोटापा रोग का उपयार-

(प्रतिबिम्ब बिन्दु पर दबाव डाल कर एक्यूप्रेशर चिकित्सा द्वारा इलाज करने का चित्र)

        मोटापे रोग का उपचार करने के लिए इस चित्र में दिए गए एक्यूप्रेशर बिन्दुओं पर दबाव देकर काफी हद तक मोटापे रोग से छुटकारा मिल सकता है। www.allayurvedic.org

शरीर में मोटापे तथा चर्बी को घटाने के लिए –

शरीर में मोटापा बढ़ने का सबसे प्रमुख कारण भोजन में अत्यधिक मात्रा में चर्बी बनाने वाले पदार्थ तथा श्वेतसारिक पदार्थों का सेवन करना है।

(प्रतिबिम्ब बिन्दु पर दबाव डालकर एक्यूप्रेशर चिकित्सा द्वारा इलाज करने का चित्र)

         मोटापा रोग हो जाने पर व्यक्ति को अपनी भूख को कम करने के लिए भोजन से आधा घंटे पहले कानों के तीनों बिन्दुओं पर अर्थात अपने दोनों कानों के पीछे अपने अंगूठे को रखकर, जोर से मसाज करनी चाहिए। इस तरह की क्रिया दिन में 2 बार करनी चाहिए। इससे भूख को कम करने में मदद मिलती है। इस क्रिया में अच्छी तरह से दबाव देने के लिए अंगूठे को कान के पीछे रखकर उंगलियों से बिन्दुओं पर दबाव देना चाहिए। इस क्रिया के साथ-साथ अपने भोजन में मिठाई, आइस्क्रीम, तले हुए नमकीन, चावल आदि को नहीं खाना चाहिए बल्कि इसकी जगह पर जितना हो सके हरी साग-सब्जियों का अधिक इस्तेमाल करना चाहिए। इसके साथ-साथ रोगी को फल आदि का सेवन भी करना चाहिए।