- थॉयराइड को साइलेंट किलर माना जाता है, क्योंकि इसके लक्षण व्यक्ति को धीरे-धीरे पता चलते हैं और जब इस बीमारी का निदान होता है तब तक देर हो चुकी होती है। इम्यून सिस्टम में गड़बड़ी से इसकी शुरुआत होती है लेकिन ज्यादातर चिकित्सक एंटी बॉडी टेस्ट नहीं करते हैं जिससे ऑटो-इम्युनिटी दिखाई देती है। इस ग्रंथि के सही तरीके से काम न कर पाने के कारण कई तरह की समस्यायें जैसे वज़न बढ़ना इसकी एक मुख्य समस्या होती हैं।
- थायराइड एक महिलाओं के लिए गंभीर बीमारी बनती जा रही है .एक रिपोर्ट के अनुसार भारत में हर 10 महिलाओं में से 8 महिलाओं के अन्दर थायराइड देखे जा रहे हैं .आज मैं आपको थायराईड के लक्षण और इसका महर्षि चरक ने चरक संहिता में जो उपचार बताया है ,उसे बताने जा रहा हूँ।
थायराइड के लक्षण :
- अगर किसी के गले में सूजन हो जाती है .इसमें सुई के चुभने जैसा दर्द होता है .इसमें रोगी का मुंह मुरझाया हुआ और गला और तालू सूखा रहता है। धड़कन की गति धीमी पद जाती है .जोड़ों में पानी आ जाता है जिससे दर्द होता है और चलने में भी दिक्कत होती है।
- शरीर का वजन तेजी से बढ़ने लगता है और शरीर में सूजन अ जाती है .दूसरों की अपेक्षा ठण्ड ज्यादा लगना.गर्दन में गांठ और गर्दन के निचले हिस्से में दर्द होना .बोलने तथा साँस लेने में दर्द होना .बालों का झड़ना और दर्द होना .भूख बढ़ जाती है और काम करने में मन नहीं लगता .डिप्रेशन महसूस होना ,बात बात में भावुक हो जाना और काम में अरुचि इत्यादि।
थायराइड का पक्का इलाज और सावधानियां
- महर्षि चरक के अनुसार थायराइड का रोग अधिक दूध पीने वाले, साबुत मूंग, पुराने चावल, जों, सफ़ेद चने, गन्ने का जूस और दुग्ध पदार्थों का सेवन करने से नहीं होता है। खट्टे फलों का सेवन कम से कम करें .कचनार का प्रयोग इस ग्रंथि को अच्छी तरह से सक्रीय रखता है।
- इसके अलावा ब्राम्ही ,आंवला ,गुग्गुल और शिलाजीत भी बहुत लाभदायक होते हैं। 11 से 22 ग्राम जलकुम्भी का पेस्ट बना कर थायराइड वाले स्थान पर बहुत लाभ मिलता है। यह आयोडीन की कमीं को भी पूरा करती है। जलकुंभी का उपाय बहुत ही कारगर है।
- आँवला चूर्ण और शहद : आपको लग रहा होगा की आँवला चूर्ण और शहद एक साधारण सा नाम है लेकिन आपको बता दूँ की मैंने अभी तक जितने भी थाइरॉइड से ग्रसित रोगी थे उनको यह उपाय बताया और सत्-प्रतिशत परिणाम मिला, इसका असर 15 दिनों में आपको महसूस होने लगेगा। आप सुबह उठते ही खाली पेट एक चम्मच शहद (ऑर्गेनिक शहद) में 5-10 ग्राम आँवला चूर्ण को मिक्स कर ऊँगली से चाटे यही प्रक्रिया रात को खाना खाने के 2 घंटे बाद या सोते वक़्त दोहराये, परिणाम आपके सामने होगा बेहद आसान उपाय है लेकिन अचूक कारगर है जो मोटापे को भी कंट्रोल करता है। आप अपना अनुभव औषधि सेवन के कुछ दिन बाद हमे जरूर बताये। अखरोट भी इस बीमारी के उपचार में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
- नारियल के तेल में पाए जाने वाले फैटी एसिड से बहुत लाभ मिलते है हैं .यह शरीर के अंगों और मस्तिष्क को बहुत लाभ पहुंचता है .इसके साथ ही यह हईपोतथेरादिज्म नामक रोग को ख़त्म करता है .जिसके द्वारा थायराइड फैलता है .
इन बातों का रखे ख्याल :
- एल्कोहल का सेवन : थायराइड की परेशानी होने पर एल्कोहल का सेवन करने से भी आपका मोटापा बढ़ जाता है। इसके अलावा इससे आपका एनर्जी लेवल कम हो जाता है और रात को नींद न आना, बेचैनी और घबराहट जैसी समस्याएं हो जाती है।
- समय पर दवाई लेना : थायराइड की दवा नियमित और सही समय पर लेने से आपका वजन नहीं बढ़ता। कुछ लोग थायराइड की समस्यां को मामूली समझ कर इग्नोर कर देते है। इसमें दी जाने वाली एंडरएक्टिव दवाओं से वजन कम करने में मदद मिलती है। इसलिए इनका सेवन जरुर करें।
- हेल्दी भोजन : थायराइड में वजन कम करने के लिए रोजाना समय पर हेल्दी भोजन लें। अपने भोजन में सब्जियां और फल को शामिल करें। इसके अलावा वसायुक्त डेयरी उत्पादों और प्रोटीन खाद्य पदार्थों का सेवन न करें।
- नियमित व्यायाम : इस बीमारी के कारण बढ़ रहें मोटापे को कम करने के लिए नियमित व्यायाम करें। सप्ताह में कम से कम पांच दिन तीस मिनट रोज व्यायाम या स्विमिंग करने से आपका मोटापा गायब हो जाएगा।
- जूस पीना : थायराइड में चाय का अधिक सेवन करने से भी मोटापा बढ़ जाता है। इसके बजाए आप रोजाना चुकंदर, अनानास और सेब से बना जूस पी सकते है। रोजाना इसे पीने से आपका मोटापा भी कम हो जाएगा और आपको एनर्जी भी मिलेगी।
हायपोथाइरॉयडिज्म में न खाएं
- सोया प्रोडक्ट : इनमें फाइटो एस्ट्रोजन होता है. इससे हायपोथाइरॉयडिज्म की प्रोब्लम बढ़ती है।
- कॉफी : इसमें मौजूद कैफीन की वजह से थाय थायरोक्सिन दवा का अब्जोर्बशन नहीं होता है।
- ऑयली और फैटी फ़ूड : इनमें मौजूद कैलोरी की अधिक मात्रा हायपोथाइरॉयडिज्म को बढ़ाती है।
- मीठी चीजें : इससे बॉडी के मेटाबोलिज्म पर असर पड़ता है. हायपोथाइरॉयडिज्म की प्रोब्लम बढती है।
- ब्रोकली : इनसे नार्मल फंक्शन के लिए जरूरी आयोडीन अब्जोर्बशन की क्षमता घट जाती है।
- सीफूड : इसमें आयोडीन होता है जो हायपोथाइरॉयडिज्म की प्रोब्लम बढ़ाता है. हायपरथाइरॉयडिज्म पर न खाएं ये चीजें।
- रिफाइंड फ़ूड : इससे ब्लड शुगर और हार्मोन का लेवल बिगड़ सकता है, प्रोब्लम बढ़ सकती है।
- दूध और डेयरी प्रोडक्ट्स : से हायपोथाइरॉयडिज्म की प्रोब्लम बढ़ती है,
- रेड मीट : इससे हायपोथाइरॉयडिज्म के कारण होने वाली इन्फ्लेमेशन की प्रोब्लम बढ़ सकती है।
- अल्कोहल : इससे एनर्जी लेवल कम होता है और हायपोथाइरॉयडिज्म की प्रोब्लम बढती है।