Constipation | Stomach Problem | Stomach Gas | Acidity
बदलते लाइफस्टाइल की वजह से खान-पान के तौर-तरीकों में भी बदलाव होता जा रहा है। ऐसे में लोगों में कब्ज की समस्या आम होती जा रही है। अगर आप भी कब्ज से परेशान हैं तो एक छोटा सा फूटस्टूल लाकर इस समस्या से निजात पा सकते हैं। टॉयलेट में फूटस्टूल पर पैर रखकर बैठने से आपकी कब्ज की समस्या दूर हो सकती है।
शोधकर्ताओं के मुताबिक, अधिकांश पश्चिमी देशों के लोग टॉयलेट में चेयर की पोजिशन में बैठते हैं लेकिन पैर को ऊपर उठाने वाला उपकरण (फूटस्टूल) आपको मल त्याग के समय राहत प्रदान करता है।
दरअसल, जब ऑप टायलेट की सीट पर फूटस्टूल लगाकर बैठते हैं तो आप दरअसल बैठने की पोशिजन में आ जाते हैं और शौच के समय ऐसा करने पर सारा दबाव आपके पेट पर पड़ता है और आप आसानी से फ्रेश हो लेते हैं।
शोधकर्ता ने बताया कि एशिया, अफ्रीका और मध्य पूर्व समेत दुनिया भर के ज्यादातर लोग मल त्याग के समय इसी स्थिति में बैठते हैं। जबकि विकसित देशों में रहने वाले ज्यादातर लोग इस तरह से नहीं बैठते हैं।
इसलिए उन्हें कब्ज की समस्या अधिक रहती है। अक्सर यह प्रश्न रोगी के मन में जरूर उठता है किंतु इसका कोई सही उत्तर उसको नही मिल पाता। All Ayurvedic के माध्यम से इस पोस्ट में हम आपको बता रहे हैं कि हमें कब्ज (constipation) क्यों होता है।
कब्ज | constipation क्यों होता है?
खान पान की गड़बड़ियों से होता है कब्ज (constipation) : जब कही पार्टी आदि में जाना होता है तो वहाँ अधिक चटपटा और बहुत स्वादिष्ट लगने वाला भोजन खाने को मिलता है और स्वाद के चक्कर में हम लोग अधिक खा लेते हैं।
एक पुरानी कहावत है कि जितना सोया जाये उतनी अधिक नींद और जितना खाया जाये उतनी अधिक भूख महसूस होती है। खाते समय पार्टी में भोजन तो मेजबान का होता है किंतु हम भूल जाते हैं कि यह पेट तो अपना ही है।
पेट का ध्यान न रखकर चटपटी, मैदा की बनी चीजें बिना भूख खाना, स्वाद में अधिक खाना, भोजन के बाद ठण्ड़े पेय और आईसक्रीम खाना और सबसे अंत में पण्ड़ाल से बाहर निकलते समय कॉफी पीना, ये सब कुछ इतना विरुद्ध-आहार हो जाता है जो कुछ ही समय में किसी को भी कब्ज (constipation) का रोगी बना सकता है । इसलिये जो भी खायें उसकी तासीर का और अपनी सेहत का जरूर ख्याल रखें।
शौच रोकने की आदत से होता है कब्ज (constipation) : आयुर्वेद में शरीर के अंदर तेरह अधारणीय वेग बताये हैं अर्थात जिनका वेग आने पर उन्हें रोकना नही चाहिये। मल का वेग भी उन्ही में से एक है।
जैसे ही मल का वेग आता है हमे तुरंत शौच के लिये चले जाना चाहिये। वैसे तो हम अक्सर सुबह के समय ही शौच से निबट लेते हैं किंतु कई बार दिन के समय हमें अचानक मल का वेग आने लगता है उस समय हम अपने कार्य-स्थान में व्यस्त होने के कारण अथवा कई बार दुसरों की शर्म के कारण शौच के लिये नही जाते।
वेग रोकने से पेट में वायु भरने लगती है और पेट फूलने लगता है ऐसी दशा में आँतों में पड़ा मल भी सूख कर अटक जाता है और कब्ज (constipation) की समस्या को पैदा करता है ।
शारीरिक श्रम के अभाव से होता है कब्ज (constipation) : शारीरिक श्रम का पूर्ण अभाव एवं और अन्य किसी भी तरह से शरीर का वयायाम न होने के कारण से आँतों की गति बाधित होती है जिस कारण से कब्ज (constipation)होता है ।
विश्राम की कमी से होता है कब्ज (constipation) : इसके विपरीत शरीर को बहुत ज्यादा श्रम की अवस्था में रखने से जैसे कि लगातार ड़बल शिफ्ट में काम करना, लम्बी यात्रायें करना आदि दशाओं में भी शरीर में वात दोष कुपित होकर कब्ज (constipation) पैदा करता है।
मानसिक तनाव से होता है कब्ज (constipation) : चिंता, अशुभ विचार, वासनामय विचारों में लिप्त रहना, निरंतर सोचते रहने से भीतरी अंगों में तनाव बना रहता है । मानसिक तनाव, निराशा (डिप्रेशन) की चिकित्सा में दी जाने वाली कुछ औषधियाँ भी कब्ज (constipation) कर सकती हैं ।
आँतों की दुर्बलता से होता है कब्ज (constipation) : अक्सर रोगी शौच की समस्या दूर करने के लिये बार बार जुलाब, रेचक और दस्तावर गोलियाँ अथवा चूर्ण लेते रहते हैं। लम्बे समय तक लगातार ये सब लेते रहने से आँतें अपना स्वाभाविक कार्य करना बंद कर देती हैं।
आँतों में ढीलापन, दुर्बलता, शिथिलता, खुश्की पैदा होती है। दस्तावर औषधियाँ गर्म और उत्तेजना पैदा करने वाली होती हैं जो लम्बे समय तक लागातार प्रयोग करने से कब्ज (constipation) की समस्या को और अधिक ही मजबूत करती हैं।
शौच करने में शीघ्रता से होता है कब्ज (constipation) : अक्सर एक बार बैठते ही मल आ जाता है उसके बाद आँत में अंदर पड़े मल को निकलने में कुछ समय लगता है।
कुछ लोग मल का पहला वेग आने के बाद ही शौच समाप्त कर देते हैं, जिससे अंदर पड़ा मल नही निकल पाता और अंदर ही पड़ा रहकर सड़ना शुरू कर देता है और आँत को अवरुद्ध कर देता है जिससे कब्ज (constipation) पैदा होती है ।
शरीर में पानी की कमी से होता है कब्ज (constipation) : पानी कम पीने से यह समस्या होती है। प्यास लगने पर तो सब ही पानी पीते हैं, लेकिन प्रातः शौच से पहले व भोजन से एक घण्टा पहले एवं दो घण्टा बाद पानी पीने से शरीर में पानी की कमी नही होती है। पुराने रोगी भी पानी पीने के इस नियम को अपनाकर कब्ज (constipation) से आराम पा सकते हैं।
मादक द्रव्यों का सेवन करने से होता है कब्ज (constipation) : तम्बाकू, बीड़ी, चाय, अफीम, शराब आदि नशीली चीजों के सएवन से शरीर का स्नायु शिथिल हो जाता है और खाये हुये अन्न का पाचन सही से नही होता है जिससे कब्ज (constipation) हो जाता है।
औषधियों के दुष्प्रभाव से होता है कब्ज (constipation) : कुछ विशेष अंग्रेजी दवायें जैसे रक्तचाप की दवायें, हृदय रोगों की दवाओं में कैल्शियम चैनल ब्लॉकर समूह की दवायें, खाँसी की दवायें, ऑयरन की दवायें आदि भी कुछ रोगियों में कब्ज की समस्या पैदा कर देती हैं।
अतः अगर इस तरह की किसी दवा के सेवन के साथ यह समस्या हो तो अपने चिकित्सक से इस बारे में जरूर परामर्श करें और ऐसा भी हो सकता है कि किसी विशेष दवा को बंद कर देने से अपने आप ही आराम हो जाये।
कब्ज या पेट की सफ़ाई करने का कारगर घरेलु उपाय :
आज हम आपको All Ayurvedic में एक ऐसी समस्या के निदान के बारे में बताएँगे जो लगभग 70% लोगों को होती है वो है पेट से जुड़ी समस्या क़ब्ज़ की जिससे सुबह पेट अच्छे से साफ़ नही होता तो दिन भर निकलना मुश्किल हो जाता है।
सुबह जब तक पेट खुल कर साफ़ न हो तब तक व्यक्ति को मानसिक व शारीरिक शांति नहीं मिलती और इसके साथ साथ पेट खुल कर साफ़ न होने से आपको कब्ज की समस्या भी उतपन हो सकती है।
ऐसे में आपको बहुत अधिक परेशानियों का सामना भी करना पड़ सकता है क्योंकि जब किसी का पेट खराब हो जाता है या उसे कब्ज हो जाती है तो बहुत सारे शारीरिक समस्या लगने का खतरा कई गुना बढ़ जाता हैं।
ऐसा इसीलिए होता है क्योंकि हमारा पूरा शरीर पेट पर ही आधारित होता है अगर पेट में कही कोई भी छोटी बड़ी समस्या आ जाये तो आपको उसके लिए तुरंत कोई न कोई अच्छा सा उपाय जरूर कर लेना चाहिए ताकि आपको शारीरिक समस्या का सामना न करना पड़े।
लेकिन आज आपको सभी लोग तरह तरह के उपाय बताते है लेकिन उनका आपके पेट के ऊपर कोई भी असर नहीं पड़ता ऐसे में आप ये सोच लेते है की घरेलु उपाय काम नहीं करता लेकिन ऐसा कुछ भी नहीं होता अगर हम सही घरेलु उपाय का इस्तेमाल करते है।
तो आपके खुल कर पेट साफ़ न होने की सभी समस्या पहले दिन के इस्तेमाल से ही समाप्त हो जाती है और आप खुल कर सुबह अपना पेट साफ़ कर सकते हैं। तो चलिए जानते है की कैसे हम घरेलु उपाय को घर पर बनाते है।
आवश्यक सामग्री
3-5 ग्राम त्रिफला पाउडर
एक चम्मच शहद
एक गिलास गरम पानी
बनाने की विधि और सेवन का तारिका
रात को सोने से पहले 1 चम्मच शहद में 3-5 ग्राम त्रिफला पाउडर को 1 गिलास गर्म पानी के साथ मिलकर इसका सेवन करना है ऐसा करने से पहले दिन से आपको कब्ज में आराम देखने को मिलता है और आपके पेट के सभी रोग समाप्त हो जाते है।
इसीलिए पेट की समस्या या कब्ज की समस्या के रोगी को इसका सेवन जरूर करना चाहिए। आपका पेट सुबह पानी की तरह साफ़ और हल्का हो जाएगा।