★ शिलाजित्वादि लौह, टी.बी. रक्त की कमी और शक्तिवर्धक में रामबाण औषिधि ★
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- शिलाजित्वादि लौह एक आयुर्वेदिक दवा है। यह एक लौह कल्प है जिसमें मुख्य घटक लौह भस्म है। इसके अतिरिक्त इसमें शुद्ध शिलाजीत, माक्षिक भस्म, त्रिकटू और मुलेठी है। इस दवाई को भैषज्य रत्नावली के राजयक्ष्मा रोगधिकार से लिया गया है। राजयक्ष्मा, आयुर्वेद में ट्युबरकोलोसिस या टी.बी. को कहते है।
- इसके सेवन से खून की कमी, सभी प्रकार के राजयक्ष्मा tuberculosis, रक्त क्षय blood loss, पुराना बुखार, ब्लीडिंग डिसऑर्डर, प्रमेह आदि दूर होते हैं। www.allayurvedic.org
★ शिलाजित्वादि लौह के घटक (Ingredients of Shilajitwadi Lauh)
- शिलाजीत शुद्ध Shilajatu Shuddha 1 Part
- मुलेठी Yashthimadhu 1 Part
- शुंठी Shunthi (Rz।) 1 Part
- काली मिर्च Marica (Fr।) 1 Part
- पिप्पली Pippali (Fr।) 1 Part
- माक्षिक भस्म Tapya (Makshika bhasma) 1 Part
- लौह भस्म Lauha raja (bhasma) 6 Parts
★ शिलाजित्वादि लौह के लाभ/फ़ायदे (Benefits of Shilajitwadi Lauh)
- यह खून की कमी को दूर करता है।
- यह उत्तम वाजीकारक और रसायन है।
- इसके सेवन से बल और ताकत की वृद्धि होती है।
- यह पाचन को बेहतर बनाता है।
- यह कफ को नष्ट करता है। www.allayurvedic.org
★ शिलाजित्वादि लौह के चिकित्सीय उपयोग (Uses of Shilajitwadi Lauh)
- टी.बी.
- खून की कमी
- रक्तक्षय
- रक्त पित्त
- प्रमेह
- पुराना बुखार
★ सेवन विधि और मात्रा (Dosage of Shilajitwadi Lauh)
- 250 mg, दिन में दो बार, सुबह और शाम लें। इसे दूध के साथ लें। या डॉक्टर द्वारा निर्देशित रूप में लें।
- इस दवा को आयुर्वेदिक स्टोर से ख़रीदा जा सकता है।
- This medicine is manufactured by Baidyanath (Shilajitwadi Lauh), Sri Sri Ayurveda (Shilajitvadi Lauha Vati) and many other Ayurvedic pharmacies. www.allayurvedic.org