• जब भी तुलसी में खूब फुल यानी मंजिरी लग जाए तो उन्हें पकने पर तोड़ लेना चाहिए वरना तुलसी के झाड में चीटियाँ और कीड़ें लग जाते है और उसे समाप्त कर देते है . इन पकी हुई मंजिरियों को रख ले . इनमे से काले काले बीज अलग होंगे उसे एकत्र कर ले . यही सब्जा है . अगर आपके घर में नही है तो बाजार में पंसारी या आयुर्वैदिक दवाईयो की दुकान पर मिल जाएंगे।
  1. शीघ्र पतन एवं वीर्य की कमी : तुलसी के बीज 5 ग्राम रोजाना रात को गर्म दूध के साथ लेने से समस्या दूर होती है
  2. नपुंसकता : तुलसी के बीज 5 ग्राम रोजाना रात को गर्म दूध के साथ लेने से नपुंसकता दूर होती है और यौन-शक्ति में बढोतरि होती है।
  3. यौन दुर्बलता : 15 ग्राम तुलसी के बीज और 30 ग्राम सफेद मुसली लेकर चूर्ण बनाएं, फिर उसमें 60 ग्राम मिश्री पीसकर मिला दें। और शीशी में भरकर रख दें। 5 ग्राम की मात्रा में यह चूर्ण सुबह-शाम गाय के दूध के साथ सेवन करें इससे यौन दुर्बलता दूर होती है।
  4. मासिक धर्म में अनियमियता : जिस दिन मासिक आए उस दिन से जब तक मासिक रहे उस दिन तक तुलसी के बीज 5-5 ग्राम सुबह और शाम पानी या दूध के साथ लेने से मासिक की समस्या ठीक होती है।
  5. गर्भधारण में समस्या : जिन महिलाओ को गर्भधारण में समस्या है वो मासिक आने पर 5-5 ग्राम तुलसी बीज सुबह शाम पानी के साथ ले जब तक मासिक रहे , मासिक ख़त्म होने के बाद माजूफल का चूर्ण 10 ग्राम सुबह शाम पानी के साथ ले 3 दिन तक।
  6. तुलसी के पत्ते गर्म तासीर के होते है पर सब्जा शीतल होता है, इसे फालूदा में इस्तेमाल किया जाता है . इसे भिगाने से यह जेली की तरह फुल जाता है . इसे हम दूध या लस्सी के साथ थोड़ी देशी गुलाब की पंखुड़ियां दाल कर ले तो गर्मी में बहुत ठंडक देता है .इसके अलावा यह पाचन सम्बन्धी गड़बड़ी को भी दूर करता है .यह पित्त घटाता है ये त्रीदोषनाशक , क्षुधावर्धक है।
  • नोट : तुलसी के बीज,सफेद मुसली और माजूफल का चूर्ण आपको पंसारी की दूकान या आयुर्वैदिक दवाओ कि दूकान से मिल जायेंगे