- टाइफाइड कोई आसान बुखार नही होता। इसका नाम ही विषम ज्वर या मियादी बुखार होता है, ये कभी कभी साल भर भी चलता रहता है मरीज दवा खाता है तो बुखार उतर जाता है उसके बाद फिर चढ़ जाता है।
- साधारण बुखार बिगड़ कर टाइफाइड बन जाता है। कभी कभी यही बुखार दिमाग में चढ़ कर पागलपन के दौरे का भी कारण बनता है। www.allayurvedic.org
- इसमें शरीर पर गर्दन के आस पास और सीने पर महीन रेत की तरह चमकीले दाने उभर आते हैं जो लेंस से दिखाई देते हैं।
- इस बुखार में जितना अन्न खाते हैं बुखार उतना ही बढ़ता है।
- इसलिए आयुर्वेदिक् उपचार में मरीज का अन्न और नमक बंद कर दिया जाता है।
- मरीज को केवल फल दूध ही दिया जाता है।
➡ टाईफाइड का कारगर आयुर्वेदीक उपचार :
- अमृता (गिलोय) सत् – 10 ग्राम
- सितोपलादि चूर्ण – 25 ग्राम
- संजीवनी वटी – 10 ग्राम
- गोदंती भष्म – 10 ग्राम
- स्फटिक भष्म – 5 ग्राम
- स्वर्ण बसंत मालती रस – 2 ग्राम
➡ बनाने और प्रयोग करने की विधि :
- सभी को मिला कर 1 ग्राम सुबह 1 ग्राम शाम गुनगुने दूध या पानी या शहद से दें।
- दो दिन में बुखार उतर जायेगा, तीन या चार दिन में दाने ख़त्म हो जायेंगे। www.allayurvedic.org
- जब दाने ख़त्म हो जाएँ तब भोजन में पतली- पतली मूंग की दाल लौंग से तड़का लगा कर और 1 पतली रोटी से प्रारम्भ करना है।
- दवा कम से कम 10 दिन खानी होती है।
- कृपया ध्यान दे : इन औषिधियों का योग अपने नजदीकी प्रमाणीकृत वैद्य के मार्ग दर्शन में करे और उचित सलाह अवश्य ले।