• अक्सर यह प्रश्न रोगी के मन में जरूर उठता है किंतु इसका कोई सही उत्तर उसको नही मिल पाता। Allayurvedicके माध्यम से इस पोस्ट में हम आपको बता रहे हैं कि हमेंकब्ज (constipation)क्यों होता है ।
  1. खान पान की गड़बड़ियों से होता है कब्ज (constipation) : जब कही पार्टी आदि में जाना होता है तो वहाँ अधिक चटपटा और बहुत स्वादिष्ट लगने वाला भोजन खाने को मिलता है और स्वाद के चक्कर में हम लोग अधिक खा लेते हैं । एक पुरानी कहावत है कि जितना सोया जाये उतनी अधिक नींद और जितना खाया जाये उतनी अधिक भूख महसूस होती है । खाते समय पार्टी में भोजन तो मेजबान का होता है किंतु हम भूल जाते हैं कि यह पेट तो अपना ही है । पेट का ध्यान न रखकर चटपटी, मैदा की बनी चीजें बिना भूख खाना, स्वाद में अधिक खाना, भोजन के बाद ठण्ड़े पेय और आईसक्रीम खाना और सबसे अंत में पण्ड़ाल से बाहर निकलते समय कॉफी पीना, ये सब कुछ इतनाविरुद्ध-आहारहो जाता है जो कुछ ही समय में किसी को भीकब्ज (constipation)का रोगी बना सकता है । इसलिये जो भी खायें उसकी तासीर का और अपनी सेहत का जरूर ख्याल रखें। www.allayurvedic.org
  2. शौच रोकने की आदत से होता है कब्ज (constipation) : आयुर्वेद में शरीर के अंदरतेरह अधारणीय वेगबताये हैं अर्थात जिनका वेग आने पर उन्हें रोकना नही चाहिये । मल का वेग भी उन्ही में से एक है । जैसे ही मल का वेग आता है हमे तुरंत शौच के लिये चले जाना चाहिये । वैसे तो हम अक्सर सुबह के समय ही शौच से निबट लेते हैं किंतु कई बार दिन के समय हमें अचानक मल का वेग आने लगता है उस समय हम अपने कार्य-स्थान में व्यस्त होने के कारण अथवा कई बार दुसरों की शर्म के कारण शौच के लिये नही जाते । वेग रोकने से पेट में वायु भरने लगती है और पेट फूलने लगता है ऐसी दशा में आँतों में पड़ा मल भी सूख कर अटक जाता है औरकब्ज (constipation)की समस्या को पैदा करता है ।
  3. शारीरिक श्रम के अभाव से होता है कब्ज (constipation) : शारीरिक श्रम का पूर्ण अभाव एवं और अन्य किसी भी तरह से शरीर का वयायाम न होने के कारण से आँतों की गति बाधित होती है जिस कारण सेकब्ज (constipation)होता है ।
  4. विश्राम की कमी से होता है कब्ज (constipation) : इसके विपरीत शरीर को बहुत ज्यादा श्रम की अवस्था में रखने से जैसे कि लगातार ड़बल शिफ्ट में काम करना, लम्बी यात्रायें करना आदि दशाओं में भी शरीर में वात दोष कुपित होकरकब्ज (constipation)पैदा करता है।www.allayurvedic.org
  5. मानसिक तनाव से होता है कब्ज (constipation) : चिंता, अशुभ विचार, वासनामय विचारों में लिप्त रहना, निरंतर सोचते रहने से भीतरी अंगों में तनाव बना रहता है । मानसिक तनाव, निराशा (डिप्रेशन) की चिकित्सा में दी जाने वाली कुछ औषधियाँ भीकब्ज (constipation)कर सकती हैं ।
  6. आँतों की दुर्बलता से होता है कब्ज (constipation) : अक्सर रोगी शौच की समस्या दूर करने के लिये बार बार जुलाब, रेचक और दस्तावर गोलियाँ अथवा चूर्ण लेते रहते हैं। लम्बे समय तक लगातार ये सब लेते रहने से आँतें अपना स्वाभाविक कार्य करना बंद कर देती हैं । आँतों में ढीलापन, दुर्बलता, शिथिलता, खुश्की पैदा होती है । दस्तावर औषधियाँ गर्म और उत्तेजना पैदा करने वाली होती हैं जो लम्बे समय तक लागातार प्रयोग करने सेकब्ज (constipation)की समस्या को और अधिक ही मजबूत करती हैं ।
  7. शौच करने में शीघ्रता से होता है कब्ज (constipation) : अक्सर एक बार बैठते ही मल आ जाता है उसके बाद आँत में अंदर पड़े मल को निकलने में कुछ समय लगता है । कुछ लोग मल का पहला वेग आने के बाद ही शौच समाप्त कर देते हैं, जिससे अंदर पड़ा मल नही निकल पाता और अंदर ही पड़ा रहकर सड़ना शुरू कर देता है और आँत को अवरुद्ध कर देता है जिससेकब्ज (constipation)पैदा होती है ।
  8. शरीर में पानी की कमी से होता है कब्ज (constipation) : पानी कम पीने से यह समस्या होती है । प्यास लगने पर तो सब ही पानी पीते हैं, लेकिन प्रातः शौच से पहले व भोजन से एक घण्टा पहले एवं दो घण्टा बाद पानी पीने से शरीर में पानी की कमी नही होती है। पुराने रोगी भी पानी पीने के इस नियम को अपनाकरकब्ज (constipation)से आराम पा सकते हैं।
  9. मादक द्रव्यों का सेवन करने से होता है कब्ज (constipation) : तम्बाकू, बीड़ी, चाय, अफीम, शराब आदि नशीली चीजों के सएवन से शरीर का स्नायु शिथिल हो जाता है और खाये हुये अन्न का पाचन सही से नही होता है जिससेकब्ज (constipation)हो जाता है।www.allayurvedic.org 
  10. औषधियों के दुष्प्रभाव से होता है कब्ज (constipation) : कुछ विशेष अंग्रेजी दवायें जैसे रक्तचाप की दवायें, हृदय रोगों की दवाओं में कैल्शियम चैनल ब्लॉकर समूह की दवायें, खाँसी की दवायें, ऑयरन की दवायें आदि भी कुछ रोगियों में कब्ज की समस्या पैदा कर देती हैं । अतः अगर इस तरह की किसी दवा के सेवन के साथ यह समस्या हो तो अपने चिकित्सक से इस बारे में जरूर परामर्श करें और ऐसा भी हो सकता है कि किसी विशेष दवा को बंद कर देने से अपने आप ही आराम हो जाये।
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