➡ सभी दुःखो को हरने वाली हरड़ :
हरीतकी सदा पथ्या मातेव हितकारिणी।कदाचित कुप्यते माता नोदरस्था हरीतकी॥
- हरीतकी (हरड़) सदा ही पथ्यरूपा (जिसका कभी परहेज ना करना पड़े) है, माता के समान हित करने वाली है। माता कभी-कभी कोप कर सकती है किन्तु सेवन की गयी हरड़ कभी कुपित, सदा हित ही करती है।
- हरड़ एक दिव्य औषधि है, जो सदियों से इस्तेमाल में लायी जा रही है। जिसे संस्कृत में ‘हरीतकी’ भी कहा जाता है। हरड़ दो प्रकार की होती है, छोटी और बड़ी हरड़ जिसका पेड़ सीधा और तना हुआ होता है। अगर इसके रंग और स्वाद की बात की जाये, तो यह काले और पीले रंग का होता है, जिसका स्वाद खट्टा और मीठा रहता है। www.allayurvedic.org
➡ हरड़ के 32 अद्भुत गुण :
- नमक के साथ हरड़ खाने से पेट सदा साफ रहता है। हरड़ के चूर्ण में एक चौथाई भाग ही नमक मिलाना चाहिए इससे अधिक में दस्तावर हो सकता है।
- घी के साथ हरड़ का चूर्ण चाटने से कभी हृदय रोग नहीं होता।
- सुबह शहद के साथ हरड़ का चूर्ण चाटने से शरीर का बल और शक्ति बढ़ती है।
- मक्खन-मिस्री के साथ हरड़ के चूर्ण का सेवन करने से स्मरण शक्ति और बुद्धि बढ़ती है अतः विद्यार्थियों का इसका सेवन अवश्य करना चाहिए।
- पंचगव्य के साथ हरड़ का चूर्ण सेवन करने से आयु बढ़ती है।
- इसके सेवन से कई छोटी से बड़ी बीमारी जड़ से खत्म हो जाती है, यह दिमाग को तेज रखने में और आँखों के लिए सबसे गुणकारी औषधि है, जो शरीर को ताकत प्रदान कर निरोगी बनाती है। सिर्फ यही नहीं यह हमारे शरीर को कब्ज से छुटकारा दिलवाने में भी मददगार साबित हुई है। तो आज से ही इसका सेवन शुरू करे, इसका चूर्ण और गोलियां आसानी से मार्केट में मिल जाती है।
- हरड़ के एनिमा से अल्सेरिक कोलाइटिस जैसे रोग भी ठीक हो जाते हैं। इन सभी रोगों के उपचार के लिए हरड़ के चूर्ण की तीन से चार ग्राम मात्रा का दिन में दो-तीन बार सेवन जरूर करना चाहिए। कब्ज के इलाज के लिए हरड़ को पीसकर पाउडर बनाकर या घी में सेकी हुई हरड़ की डेढ़ से तीन ग्राम मात्रा में शहद या सैंधे नमक में मिलाकर देना चाहिए। www.allayurvedic.org
- हरड़ लीवर, स्पलीन बढ़ने तथा उदरस्थ कृमि जैसे रोगों के इलाज के लिए लगभग दो सप्ताह तक लगभग तीन ग्राम हरड़ के चूर्ण का सेवन करना ही चाहिए। हरड़ हमारे लिए बहुत उपयोगी है परन्तु फिर भी कमजोर शरीर वाले व्यक्ति, अवसादग्रस्त व्यक्ति या फिर गर्भवती स्त्रियों को इसका प्रयोग नहीं करना चाहिए।
- नेत्र रोगो से मुक्ति : हरड़ नेत्र के लिए सबसे फायदेमंद होती है, इसका सेवन करने के लिए पहले हरड़ को भुनले, फिर बारीक़ पीस लेने के बाद इसका अच्छी तरह से लेप बनाकर के आँखों के चारो और लगा ले। ऐसा करने से आँखों की सूजन और जलन जैसी परेशानिया दूर होती है।
- कब्ज के लिए : बवासीर और कब्ज के लिए हरड़ का चूर्ण बहुत ही लाभकारी होता है। इसके लिए हरड़ में थोड़ा सा गुड मिलाकर गोली बना ले, छाछ में भुना हुआ जीरा मिलाकर ताजी छाछ के साथ सुबह शाम लेने से बवासीर के मस्सों का दर्द और सूजन कम होने लगती है।
- नवजात शिशु के लिए : अगर नवजात शिशु के भौहें नहीं हो, तो उन्हें हरड़ को लोहे पे घिसकर, सरसो के तेल के साथ मिलाकर शिशु के भौहें पर लगाये और धीरे-धीरे मालिश करते रहने से वह उगने लगते है। इसके साथ ही एक सप्ताह तक बच्चो को हरड़ पीसकर खिलाये जाने से उससे कब्ज की शिकायत नहीं होगी।
- दमा में राहत : यदि जिन लोगो को दमे की परेशानी है, तो वो रात के समय में हरड़ को चूसे या आवलें के रस में हरड़ मिलाकर सेवन करने से भी इस बीमारी से राहत मिलती है।
- अपच की शिकायत : हरड़ का सेवन पाचन क्रिया को सही रखने में असरदारी होता है, इसके लिए खाना खाने से पहले हरड़ के चूर्ण में सोंठ का चूर्ण मिलाकर साथ लेने से भूक आसानी से खुल जाती है, और भूक लगने लगती है। इसके साथ ही सोंठ, गुड़ या सेंधा नमक मिलाकर खाने से भी पाचन सही रहता है।
- चक्कर आना : अगर आपको अचानक चक्कर आने की शिकायत है, तो पीपल (जिसे गरम मसाले मे मिलाते है), सौंठ यानि सुखी अदरक, सौंफ और हरड़ 25-25 ग्राम लेले। अब 150 ग्राम गुड में इन सभी को मिलाकर गोल आकार की गोली बनाए। 1-2 गोली दिन मे 3 बार लेने से चक्कर आना, सिर घूमना बंद हो जाएगा।
- हरड़ का सेवन लगातार करने से शरीर में थकान महसूस नहीं होती और स्फूर्ति बनी रहती है। www.allayurvedic.org
- हरड़ के टुकड़ों को चबाकर खाने से भूख बढ़ती है।
- हरड़ के सेवन से खांसी व कब्ज जैसे रोग भी दूर हो जाते हैं।
- हरड़ को पीसकर उसमे शहद मिलाकर चाटने से उल्टी आना बंद हो जाती है।अगर शरीर में कही भी घाव हो जांए तो हरड़ से उस घाव को भर लेना चाहिए।
- एक चम्मच हरड़ के चूर्ण में दो किशमिश के साथ लेने से एसिडिटी ठीक हो जाती है।
- हिचकी आने पर हरड़ पाउडर व अंजीर के पाउडर को गुनगुने पानी के साथ लेने से लाभ होता है।
- छोटी हरड़ को पानी में भिगो दें। रात को खाना खाने के बाद चबा चबा कर खाने से पेट साफ़ हो जाता है और गैस की समस्या कम हो जाती है।
- हरड़ को भून कर खूब बारीक पीस लें और लेप बना कर आंखों के चारो ओर लगाएं। इससे हर प्रकार के नेत्र रोग ठीक हो जाते हैं।
- हरड़ का काढ़ा त्वचा संबंधी एलर्जी में लाभकारी है।
- हरड़ के फल को पानी में उबालकर काढ़ा बनाएं और इसका सेवन दिन में दो बार नियमित रूप से करने पर जल्द आराम मिलता है।
- एलर्जी से प्रभावित भाग की धुलाई भी इस काढ़े से की जा सकती है।
- फंगल एलर्जी या संक्रमण होने पर हरड़ के फल और हल्दी से तैयार लेप प्रभावित भाग पर दिन में दो बार लगाएं, त्वचा के पूरी तरह सामान्य होने तक इस लेप का इस्तेमाल जारी रखें।
- मुंह में सूजन होने पर हरड़ के गरारे करने से फायदा मिलता है।
- हरड़ का लेप पतले छाछ के साथ मिलाकर गरारे करने से मसूढ़ों की सूजन में भी आराम मिलता है।
- हरड़ का चूर्ण दुखते दांत पर लगाने से भी तकलीफ कम होती है।
- हरड़ स्वास्थ्यवर्धक टॉनिक होता है जिसके प्रयोग से बाल काले, चमकीले और आकर्षक दिखते हैं। www.allayurvedic.org
- हरड़ के फल को नारियल तेल में उबालकर (हरड़ पूरी तरह घुलने तक) लेप बनाएं और इसे बालों में लगाएं या फिर प्रतिदिन 3-5 ग्राम हरड़ पावडर एक गिलास पानी के साथ सेवन करें।
- हरड़ का पल्प कब्ज से राहत दिलाने में भी गुणकारी होता है। इस पल्प को चुटकीभर नमक के साथ खाएं या फिर 1/2 ग्राम लौंग अथवा दालचीनी के साथ इसका सेवन करें।