1. पानी में गुड डालिए, बीत जाए जब रात, सुबह छानकर पीजिए, अच्छे हों हालात !
  2. धनिया की पत्ती मसल, बूंद नैन में डार, दुखती अँखियां ठीक हों, पल लागे दो-चार !
  3. ऊर्जा मिलती है बहुत, पिएं गुनगुना नीर, कब्ज खतम हो पेट की, मिट जाए हर पीर !
  4. प्रातः काल पानी पिएं, घूंट-घूंट कर आप, बस दो-तीन गिलास है, हर औषधि का बाप !
  5. ठंडा पानी पियो मत, करता क्रूर प्रहार, करे हाजमे का सदा, ये तो बंटाढार !
  6. भोजन करें धरती पर, अल्थी पल्थी मार, चबा-चबा कर खाइए, वैद्य न झांकें द्वार !
  7. प्रातः काल फल रस लो, दुपहर लस्सी-छांस, सदा रात में दूध पी, सभी रोग का नाश !
  8. दही उडद की दाल सँग, पपीता दूध के संग, जो खाएं इक साथ में, जीवन हो बदरंग !
  9. प्रातः दोपहर लीजिये, जब नियमित आहार, तीस मिनट की नींद लो, रोग न आवें द्वार !
  10. भोजन करके रात में, घूमें कदम हजार, डाक्टर, ओझा, वैद्य का, लुट जाए व्यापार ! www.allayurvedic.org
  11. देश,भेष,मौसम यथा, हो जैसा परिवेश, वैसा भोजन कीजिये, कहते सखा सुरेश !
  12. इन बातों को मान कर, जो करता उत्कर्ष, जीवन में पग-पग मिले, उस प्राणी को हर्ष !
  13. घूट-घूट पानी पियो, रह तनाव से दूर, एसिडिटी, या मोटापा, होवें चकनाचूर !
  14. अर्थराइज या हार्निया, अपेंडिक्स का त्रास, पानी पीजै बैठकर, कभी न आवें पास !
  15. रक्तचाप बढने लगे, तब मत सोचो भाय, सौगंध राम की खाइ के, तुरत छोड दो चाय !
  16. सुबह खाइये कुवंर-सा, दुपहर यथा नरेश, भोजन लीजै रात में, जैसे रंक सुरेश !
  17. देर रात तक जागना, रोगों का जंजाल, अपच,आंख के रोग सँग, तन भी रहे निढाल !
  18. टूथपेस्ट-ब्रश छोडकर, हर दिन दोनो जून, दांत करें मजबूत यदि, करिएगा दातून !
  19. हल्दी तुरत लगाइए, अगर काट ले श्वान, खतम करे ये जहर को, कह गए कवि सुजान !
  20. मिश्री, गुड, खांड, ये हैं गुण की खान, पर सफेद शक्कर सखा, समझो जहर समान ! www.allayurvedic.org
  21. चुंबक का उपयोग कर, ये है दवा सटीक, हड्डी टूटी हो अगर, अल्प समय में ठीक !
  22. दर्द, घाव, फोडा, चुभन, सूजन, चोट पिराइ, बीस मिनट चुंबक धरौ, पिरवा जाइ हेराइ !
  23. हँसना, रोना, छींकना, भूख, प्यास या प्यार, क्रोध, जम्हाई रोकना, समझो बंटाढार !
  24. सत्तर रोगों को करे, चूना हमसे दूर, दूर करे ये बाझपन, सुस्ती अपच हुजूर !
  25. यदि सरसों के तेल में, पग नाखून डुबाय, खुजली, लाली, जलन सब, नैनों से गुमि जाय !
  26. भोजन करके जोहिए, केवल घंटा डेढ, पानी इसके बाद पी, ये औषधि का पेड !
  27. जो भोजन के साथ ही, पीता रहता नीर, रोग एक सौ तीन हों, फुट जाए तकदीर !
  28. पानी करके गुनगुना, मेथी देव भिगाय, सुबह चबाकर नीर पी, रक्तचाप सुधराय !
  29. अलसी, तिल, नारियल, घी, सरसों का तेल, यही खाइए नहीं तो, हार्ट समझिए फेल !
  30. पहला स्थान सेंधा नमक, पहाड़ी नमक सु जान, श्वेत नमक है सागरी, ये है जहर समान ! www.allayurvedic.org
  31. तेल वनस्पति खाइके, चर्बी लियो बढाइ, घेरा कोलेस्टरॉल तो, आज रहे चिल्लाय !
  32. अल्यूमिन के पात्र का, करता जो उपयोग, आमंत्रित करता सदा, वह अडतालीस रोग !
  33. फल या मीठा खाइके, तुरत न पीजै नीर, ये सब छोटी आंत में, बनते विषधर तीर !
  34. चोकर खाने से सदा, बढती तन की शक्ति, गेहूँ मोटा पीसिए, दिल में बढे विरक्ति !
  35. नींबू पानी का सदा, करता जो उपयोग, पास नहीं आते कभी, यकृति-आंत के रोग !
  36. दूषित पानी जो पिए, बिगडे उसका पेट, ऐसे जल को समझिए, सौ रोगों का गेट !
  37. रोज मुलहठी चूसिए, कफ बाहर आ जाय, बने सुरीला कंठ भी, सबको लगत सुहाय !
  38. भोजन करके खाइए, सौंफ, गुड, अजवान, पत्थर भी पच जायगा, जानै सकल जहान !
  39. लौकी का रस पीजिए, चोकर युक्त पिसान, तुलसी, गुड, सेंधा नमक, हृदय रोग निदान !
  40. हृदय रोग, खांसी और आंव करें बदनाम, दो अनार खाएं सदा, बनते बिगडे काम ! www.allayurvedic.org
  41. चैत्र माह में नीम की, पत्ती हर दिन खावे, ज्वर, डेंगू या मलेरिया, बारह मील भगावे !
  42. सौ वर्षों तक वह जिए, लेत नाक से सांस, अल्पकाल जीवें, करें, मुंह से श्वासोच्छ्वास !
  43. सितम, गर्म जल से कभी, करिये मत स्नान, घट जाता है आत्मबल, नैनन को नुकसान !
  44. हृदय रोग से आपको, बचना है श्रीमान, सुरा, चाय या कोल्ड्रिंक, का मत करिए पान !
  45. अगर नहावें गरम जल, तन-मन हो कमजोर, नयन ज्योति कमजोर हो, शक्ति घटे चहुंओर !
  46. तुलसी का पत्ता करें, यदि हरदम उपयोग, मिट जाते हर उम्र में, तन के सारे रोग !

➡ श्वास ( दमा ) Asthma

छोटी पिपली संग सम, पीसे पुस्करमूल।

माशा चाटे शहद सँग, नाशै दमा समूल ।।

भृगराज के स्वरस को, चाटे शहद मिलाय ।

कफ प्प्रकोप के श्वास में , शीघ्र लाभ दरशाय । ।

आक पत्र दो नग धरे, काली मिरच पचास ।

घोट पीस इक रस करें, वटी उड़द आभास  ।

छै-छै वटिका कुछ दिना, प्रात समय ले खाय ।

ता पर कोसा जल पिवे, दमा रोग जड़ जाय । ।

➡ हृदय रोग Heart Disease

अर्जुन छाल मँगाय के, पचगुन सिता मिलाय ।

तोला नित गो दुग्ध में, निराहार पी जाय । ।

एक शाल विधिवत करे, यही सतत सदुपाय ।

हृदय रोग सब भांति के, रहें समूल नसाय । ।

गाजर खावे पाव भर, प्रातकाल निरहार ।

ह्रदय रोग ने गुन करे, मिटे त्रिदोष विकार । ।

हरड़ सोठ बच पिप्पली, सब का चूर्ण बनाय ।

मात्रा विधि अनुसार ले, रोग हृदय का जाय । ।

www.allayurvedic.org

➡ पाण्डु रोग ( पीलिया ) Jaundice

कटु तुरई रस काढ़ि के, बूँद नस्य ले चार।

झरे नाक के पीत जल, नासै पाण्डु विकार । ।

पीत हरड़ को लाय के, छाने कूट पिसाय ।

मिश्री वामें पीस के, भाग समान मिलाया

छै छै माशे औषधि, ताजा जल से खाया

कुछ दिन ले दोनों समय, रोग पीलिया जाय । ।

पुनर्नवा के मूल का, टुकड़ा कर इक्कीस।

करे माल धागा पिरो, पहने दिन दस बीस । ।

जाको होवे पीलिया, रोग समूल नसाय ।

स्वास्थ्य लाभ हो जाय तो, धरे वृक्ष पर जाय। ।

➡ मधुमेह Diabetes

जामुन गुठली मिंग औ , सम पीसे गुडमार ।

जल सँग माशे तीन ले, नित ही साँझ सकार । ।

अति गुणकारी औषधी, सदा सँवारे देह ।

या को विधिवत नित्य ले, मिटे रोग मधुमेह। ।

हरा करेला फल स्वरस , दो तोले कढ़वाय ।

पहले अल्पाहार ले, पीवे नमक मिलाया ।

प्रात: लेवे नियम से, नित्य महीना दोय ।

कष्ट मिटे मधुमेह का, करे अपथ्य न कोय । ।

अनानास कं स्वरस को, रत्ती हल्द मिलाय ।

कुछ दिन ले मधुमेह में , रहे लाम दरशाय । ।

➡ लकवा ( अधरंग ) paralysis

आक पत्र सेंग सिद्ध करि, तेल करे अभ्यंग।

यत्न सहित कुछ दिन करे, ठीक होय अधरंग । ।

सोंठ वचा के चूर्ण कॉ, आठ गुने मधु संग ।

छै माशा ले दो समय, जाय रोग अधरंग । ।

www.allayurvedic.org

➡ गठिया Arthritis

इन्द्रायण की मूल औ, सम पिप्पली मिलाय ।

चार टंक नित चूर्ण ले, वात सन्धिगत जाय । ।

ताजा बथुआ लाय के, लेवे स्वरस कढाय ।

नित पीवे तोला सवा, जाये गठिया बाय । ।

➡ सफ़ेद दाग White spot

बीज मैंगावे वाकूची, चूरण करे पिसाय ।

त्रय माशा ले दो समय, श्वेत दाग मिट जाय । ।

ज्योतिमती औ बाबची, तेल समान मिलाय ।

श्येत दाग पर मलि रहे, कुछ दिन ने मिट जाय । ।

माशा नरियल तेल में , दे नोसादर चूर्ण ।

श्वेत दाग लेपन करे, मिटे दाग सम्पूरण । ।

➡ कैंसर Cancer

केवल गाजर स्वरस ले, खान-पान बिसराय ।

नौ महिना की अवधि में, रक्त केंसर जाय । ।

पौध उगाई गेहूँ की, नो दिन की जब होय ।

देवे पीस निचोड़ के रोगी पीवे सोय।

जाके तन हो केंसर, दुग्ध भात ले पथ्य।

तीन महीना नित्य ले, होवे लाम अकथ्य। ।

www.allayurvedic.org

➡ उच्च रक्तचाप High blood pressure

तीन मील घूमा करे, प्रात: नंगे पैर ।

रक्तचाप होवे नहीं, हृदय रोग से खैर । ।

बासी रोटी गेहूं की, भिगो दूध में खाय।

उच्च रक्त के चाप में, शीघ्र लाभ दरसाय ।

तोला ब्राह्मी पत्र रस, पीवे सॉझ-सकार । .

उच्च रक्त के चाप में , जल्दी होय सुधार । ।