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➡ राजमा खाना मतलब स्वस्थ रहना :
- भारत में राजमा चावल के तो लोग दीवाने होते है। टेस्ट के साथ साथ ये स्वास्थ के लिए भी अच्छा है। इसे खाने से शरीर पुष्ट रहता है। कहते है सोया उत्पादों में प्रोटीन अधिक होता है, लेकिन मैं आपको बता दूँ राजमा प्रोटीन की खान है, इसमें सोया उत्पाद से भी अधिक प्रोटीन है। राजमा खाने में स्वादिष्ट लगने के साथ ही यह सेहत का भी खजाना है। दिल और दिमाग की सेहत बनी रहने के अलावा राजमा के सेवन से शरीर में ऊर्जा भी बनी रहती है।
- राजमा या Red Kidney Beans बच्चों को जरुर खिलाना चाहिए क्यूंकि इसमें सभी तरह के पोषक तत्व होते है जो बच्चों की बढ़ती की उम्र में बहुत जरुरी होते है, ये स्वादिष्ट नरम होता है जिसे बच्चे आसानी से चबा सकते है. इसे आप ग्रेवी वाली सब्जी के अलावा सलाद, सूप, पराठे व मिक्स वेज के रूप में भी अपने घर वालों को खिला सकती है, हर बार कुछ अलग बनाने से आपके घर वाले बोर नहीं होंगें व स्वाद लेकर खायेंगें लेकिन ध्यान रखें राजमा अच्छी तरह पका हुआ होना चाहिये नहीं तो ये पेट दर्द का कारण बन सकता है। www.allayurvedic.org
➡ राजमा के 17 बेहतरीन फायदे :
- मस्तिष्क के लिए असरदार : राजमा खाने से दिमाग को बहुत फायदा होता है. इसमें पर्याप्त मात्रा में विटामिन ‘के’ पाया जाता है. जोकि नर्वस सिस्टम को बूस्ट करने का काम करता है. साथ ही ये विटामिन ‘बी’ का भी अच्छा स्त्रोत है, जोकि मस्तिष्क की कोशिकाओं के लिए बहुत जरूरी है. ये दिमाग को पोषित करने का काम करता है।
- ताकत का स्रोत : राजमा में उच्च मात्रा में आयरन मौजूद होता है, जिस वजह से ये ताकत देने का काम करता है। शरीर के मेटाबॉलिज्म और ऊर्जा के लिए आयरन की जरूरत होती है, जो राजमा खाने से पूरी हो जाती है. साथ ही ये शरीर में ऑक्सीजन के सर्कुलेशन को भी बढ़ाता है।
- पाचन क्रिया में सहायक : राजमा में उच्च मात्रा में फाइबर होते हैं. जो पाचन क्रिया को सही बनाए रखते हैं। साथ ही ये ब्लड शुगर के स्तर को भी नियंत्रित रखने में मददगार होता है।
- माइग्रेन की प्रॉब्लम खत्म करता है : इसमें मौजूद फोलेट की मात्रा दिमाग के काम करने की क्षमता को बढ़ाने के साथ ही उसे दुरुस्त भी रखती है। मैग्नीशियम की मात्रा माइग्रेन जैसी गंभीर समस्या में राहत दिलाती है। हफ्ते में एक बार इसका सेवन बहुत ही फायदेमंद होता है।
- कैंसर से बचाव : राजमा में मौजूद मैंगनीज़, एंटी-ऑक्सीडेंट का काम करता है। यह फ्री रैडिकल्स को डैमेज होने से रोकता है। इसके साथ इसमें मौजूद विटामिन के की मात्रा सेल्स को बाहरी नुकसानदायक चीजों से बचाती है जो कैंसर का मुख्य कारण होते हैं।
- कैलोरी की प्राप्ति : राजमा में जिस मात्रा में कैलोरी मौजूद होती है वो हर आयु वर्ग के लिए सही होती है। आप चाहें तो इसे करी के अलावा सलाद और सूप के रूप में भी ले सकते हैं। ऐसे लोग जो अपने वजन को नियंत्रित करना चाहते हैं उनके लिए लंच में राजमा का सलाद और सूप लेना फायदेमंद रहेगा।
- नर्वस सिस्टम के लिए अच्छा : विटामिन के की पर्याप्त मात्रा ब्रेन के साथ ही नर्वस सिस्टम के लिए भी बहुत ही फायदेमंद होती है। राजमा में मौजूद थियामिन की मात्रा दिमाग की क्षमता बढ़ाती है। इससे अल्जाइमर जैसी बीमारी दूर रहती है और याददाश्त भी बढ़ती है।
- शरीर की सफाई : राजमा खाने से शरीर के अंदर मौजूद गंदगी बाहर निकलती है, क्योंकि इसमें मॉलिबडेनम पाया जाता है जिसका काम बॉडी को डिटॉक्सीफाई करना है। साथ ही कई प्रकार की एलर्जी को दूर करने के साथ ही सिरदर्द जैसी समस्या को भी कम करता है।
- फाइबर की उचित मात्रा : राजमा में उच्च मात्रा में फाइबर होते हैं। जो पाचन क्रिया को सही बनाए रखते हैं। साथ ही ये ब्लड शुगर के स्तर को भी नियंत्रित रखने में मददगार होता है।
- इम्यून सिस्टम मज़बूत बनाएं : राजमा में सिर्फ फाइबर और प्रोटीन ही नहीं होता बल्कि काफी मात्रा में एंटीऑक्सीडेंट्स भी पाए जाते हैं। ये एंटीऑक्सीडेंट्स इम्यून सिस्टम को बढ़ाते हैं और फ्री रेडिकल्स से इसे मुक्त रखते हैं। ऐसा माना जाता है कि एंटीऑक्सीडेंट्स में एंटी-एजिंग तत्व भी पाए जाते हैं।
- ब्लड शुगर में कण्ट्रोल : राजमा में घुलनशील फाइबर पाए जाते हैं, जो शरीर में कार्बोहाइड्रेट की मात्रा को कम करते हैं। राजमा प्रोटीन का भी बहुत अच्छा स्रोत होता है। ये दोनों ही मिलकर ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल करते हैं।
- कोलेस्ट्रॉल नियंत्रण : राजमा में उच्च मात्रा में मैग्नीशियम पाया जाता है। साथ ही ये कोलेस्ट्रॉल के स्तर को भी नियंत्रित करने का काम करता है। मैग्नीशियम की मात्रा दिल से जुड़ी बीमारियों से लड़ने में भी सहायक होती है। www.allayurvedic.org
- हाइपरटेंशन कम करने में सहायक : राजमा पोटाशियम और मैग्नीशियम का अच्छा स्रोत है। साथ ही इसमें फाइबर और प्रोटीन भी पाया जाता है। ये सभी दिल की सेहत के लिए बहुत जरूरी पोषक तत्व माने जाते हैं। पोटाशियम और मैग्नीशियम रक्त वाहिकाओं में घुल जाते हैं जिससे कि ब्लड फ्लो आसान हो जाता है।
- एनर्जी : आयरन की भरपूर मात्रा लिए राजमा बॉडी को एनर्जी भी प्रदान करती है। इसके अलावा मैंगनीज़ की मौजूदगी भी मेटाबॉलिज्म को कंट्रोल करके एनर्जी बढ़ाने का काम करती है।
- हड्डियों की मजबूती के लिए : कमजोर हड्डियां ऑस्टियोपोरोसिस जैसी बीमारी का कारण होती हैं। मजबूत हड्डियों के लिए कैल्शियम और मैंगनीज़ की सबसे ज्यादा आवश्यकता होती है जिसे राजमा खाकर पूरा किया जा सकता है। इसके साथ ही राजमा में फोलेट की मौजूदगी होमोसिस्टीन लेवल को कंट्रोल करती है, जो हड्डियों के टूटने की मुख्य वजह है।
- वजन घटाने में सहायक : वजन घटाने के तमाम प्रयासों से हार मान चुके हैं, तो हरी सब्जी बीन्स का सहारा लें। बीन्स से बने उत्पादों का सेवन करके आप अपना मोटापा घटा सकते हैं। बीन्स का इस्तेमाल आप किसी भी तरह कर सकते हैं। वजन नियंत्रित करना-बीन्स में प्रोटीन प्रचुर मात्रा में होता है, प्रति कप में 10 ग्राम। मोटे या आवश्यकता से अधिक वजन वाले लोग जो कम कैलोरी, उच्च प्रोटीन, उच्च फाइबर युक्त आहार लेते हैं, उनका वजन उन लोगों की तुलना में कम होता है जो नियमित तौर पर नियंत्रित मात्रा में कैलोरी, उच्च कार्बोहाइड्रेट और कम फैट वाला आहार लेते हैं।पोषक तत्त्वों से भरपूर-फल तथा सब्जियों की तरह बीन्स भी पोषक तत्त्वों से भरपूर खाद्य पदार्थ है इसका अर्थ यह है कि इसमें शरीर की प्रक्रिया के लिए आवश्यक सभी पोषक तत्त्व उपस्थित होते हैं तथा साथ ही साथ इसमें कैलोरी भी कम होती है। साथ ही साथ कॉपर आयरन के साथ मिलकर लाल रक्त कोशिकाओं के निर्माण में मदद करता है। इसके अलावा कॉपर रक्तप्रवाह, प्रतिरक्षा प्रणाली, तथा हड्डियों को स्वस्थ तथा संतुलित रखता है। फास्फोरस तथा मैग्नीशियम शक्तिशाली हड्डियों के लिए आवश्यक हैं तथा मैग्नीशियम के साथ पौटेशियम रक्त के दबाव के स्तर को नियंत्रित रखता है।आपके पेट को भरा रखता है-इसमें प्रोटीन प्रचुर मात्रा में होता है, जिसके कारण यह एक ऐसा स्नैक है जो आपके पेट को भरा रखता है जिससे आप खाने की और आकर्षित नहीं होते।
- मधुमेह के लिए लाभप्रद : बीन्स का ‘ग्लाइसेमिक इन्डेक्स’ कम होता है इसका अभिप्राय यह है कि जिस तरह से अन्य भोज्य पदार्थों से रक्त में शक्कर का स्तर बढ़ जाता है, बीन्स खाने के बाद ऐसा नहीं होता। बीन्स में मौजूद फाइबर रक्त में शक्कर का स्तर बनाए रखने में मदद करते हैं। और बीन्स की इस ख़ासियत की वजह से मधुमेह के रोगियों को बीन्स खाने की सलाह देते हैं। ऐसे उदाहरण भी हैं कि बीन्स का ज़ूस शरीर में इन्सुलिन के उत्पादन को बढ़ावा देता है। इस वजह से जिन्हें मधुमेह है या मधुमेह का खतरा है उनके लिये बीन्स खाना बहुत लाभदायक है। बीन्स का ज़ूस उत्तेजक ( स्टिम्युलेंट) होता है इसकी इसी प्रकृति के कारण यह उन लोगों को बहुत फ़ायदा करता है जो लंबी बीमारी से जूझ रहे हैं या जो बीमारी पश्चात पूर्ण स्वास्थ्य लाभ चाहते हैं। बीन्स का 150 मिली ज़ूस हर रोज़ पीना आपके इस उद्देश्य को भली-भाँति पूरा कर देगा। फ्रेंच बीन्स किडनी से संबंधित बीमारियों में भी काफी फ़ायदेमंद है। किडनी में पथरी की समस्या हो तब आप यह नुस्खा अपनाएँ। आप 60 ग्राम बीन्स की पौध लेकर इसे चार लीटर पानी में चार घंटे तक उबाल लें। फिर इसके पानी को कपड़े से छान लें और छने हुए पानी को करीब आठ घंटे तक ठंडा होने के लिए रख दें। अब इसे फिर से छान लें पर ध्यान रखें कि इस बार इस पानी को बिना हिलाए छानना है। इसे दिन में दो-दो घंटे से पीयें, यह नियम एक हफ्ते तक दोहराएँ। इसके परिणाम आशानुरूप मिलेंगे।
राजमा में भरपूर मात्रा में आयरन होता है। आयरन शरीर का मेटाबॉलिज्म और ऊर्जा बढ़ाने का मुख्य सोर्स होता है। इससे पूरे शरीर में ऑक्सीजन का सर्कुलेशन भी काफी बढ़ जाता है। इसलिए व्यक्ति खुद को ऊर्जावान महसूस करता है। राजमा को आप आज से ही हफ्ते में एक बार खाने की आदत डालें।