हरा धनिया मसाले के रूप में व भोजन को सजाने या सुंदरता बढ़ाने के साथ ही
चटनी के रूप में भी खाया जाता है। हमारे बड़े-बुजूर्ग इसके औषधिय गुणों को
जानते थे इसीलिए प्राचीन समय से ही धनिए का उपयोग भारतीय भोजन का स्वाद
बढ़ाने के लिए उपयोग में लाया जाता रहा है।

  • इसके एंटीसेप्टिक और
    एंटीऑक्सीडेंट गुण पाया जाता है इसीलिए अगर चेहरे पर मुंहासे हो तो धनिए की
    हरी पत्तियों को पीसकर उसमें चुटकीभर हल्दी पाउडर मिलाकर लगाने से लाभ होता है। यह त्वचा की विभिन्न समस्याओं जैसे एक्जीमा, सुखापन और एलर्जी से राहत दिलवाता है।
  • 50 से100 ग्राम हरा धनिया लेकर उसको छोटा काट लेवे,उसमे २ गिलास पानी
    दाल कर उबाले जब आधा रह जाये तो सुबह में पि लेवे, एससे वजन कम होने लगता
    है , कम से कम २ माह जरुर पीवे ,फिर अपना वजनकरे |   www.allayurvedic.org
  •  हरा धनिया
    वातनाशक होने के साथ-साथ पाचनशक्ति भी बढ़ाता है। धनिया की हरी पत्तियां
    पित्तनाशक होती हैं। पित्त या कफ की शिकायत होने पर दो चम्मच धनिया की
    हरी-पत्तियों का रस सेवन करना चाहिए।
  • धनिया की पत्तियों में एंटी
    टय़ुमेटिक और एंटी अर्थराइटिस के गुण होते हैं। यह सूजन कम करने में बहुत
    मददगार होता है, इसलिए जोड़ों के दर्द में राहत देता है।
  • आयरन से
    भरपूर होने के कारण यह एनिमिया को दूर करने में मददगार होता है। एंटी
    ऑक्सीडेंट, विटामिन ए, सी और कई मिनरलों से भरपूर धनिया कैंसर से बचाव करता
    है।
  •  हरा धनिया की चटनी बनाकर खाई जाती है क्योंकि जो इसको खाने
    से नींद भी अच्छी आती है। डायबिटीज से पीडि़त व्यक्ति के लिए तो यह वरदान
    है। यह इंसुलिन बढ़ाता है और रक्त का ग्लूकोज स्तर कम करने में मदद करता
    है।