सर्दी के अलावा छींक का आना एलर्जी (allergy) की वजह से भी हो सकता है। जिन लोगों को धूल से परेशानी होती है, वे छींकने की समस्या से पीड़ित होते हैं। अतः इस बात का ध्यान रखना आपके लिए काफी ज़रूरी होगा कि धूल और गन्दगी भरी जगह के पास से गुजरने के पहले अपना नाक और मुंह ढक लें। कुछ घरेलू नुस्खों का प्रयोग करने से भी छींक आने की समस्या दूर हो जाती है।
          छींक आना कोई बीमारी नहीं होती मगर हद से ज्यादा आने लगे तो यह परेशान कर देती है। जिस तरह फेफड़ों को हल्का करने के लिए हम खांसते हैं उसी तरह सिर को हल्का कराने के लिए छींक जरूरी होती है। छींक यदि दो-चार बार हो जायें तो कोई बात नहीं लेकिन जब अधिक आने लगती है तो इसे छींको का अधिक आना कहते हैं।

◼️अधिक छींक रोकने के घरेलु उपाय:

1. कलौंजी :
-कलौंजी और सूखे चूने को एक साथ अच्छी तरह मसलकर किसी कपड़े में बांधकर उसकी पोटली बनाकर सूंघने से छींके बंद हो जाती है।
-कलौंजी (मंगरैल) का प्रयोग रसोई में मसालें के रूप में की जाती है। कलौंजी के बीजों को पीसकर सूंघने से छींक का बार-बार आना बंद हो जाता है।

2. सरसों का तेल: मौसम में बदलाव होने पर भी छींक आने लगती है। इस तरह के मौसम में बदलाव के कारण आने वाले छींक में सरसों का तेल नाक में 2 से 3 बूंद डालकर रोजाना नीचे से ऊपर खीचना चाहिए। इससे छींकों का अधिक आना बंद हो जाता है।

3. कपूर: यदि छींक के कारण से जुखाम हो जाये तो एक चावल के दाने के बराबर कपूर को बताशे में डालकर या चीनी के साथ मिलाकर खिलायें और ऊपर से पानी पिलाने से अधिक छीके आना बंद होती है। नोट: कपूर की मात्रा ज्यादा न हो।

4. पोस्त खसखस: पोस्त खसखस 12 ग्राम को लगभग 125 मिलीलीटर पानी में मिलाकर नाक से इसकी भाप लें। इससे छींक का अधिक आना बंद हो जाता है।

5. रोगनगुल: रोगन गुल 2-2 बूंद नाक में डालने से और ऊपर की ओर खींचने से और 2-2 बूंद कान में डालने से छींक का अधिक आना बंद हो जाता है।

6. खुलतजान: खुलतजान को पीसकर कपड़े से छानकर रोजाना सुबह-शाम सूंघने से छींक का अधिक आना बंद हो जाता है।

7. इतरीफल किश्नीजी : इतरीफल किश्नीजी 7 ग्राम, पानी से रात को सोते समय लने से अधिक छीक में लाभ होता है।

8. अजवायन: 10 ग्राम अजवायन और 40 ग्राम पुराने गुड़ को लगभग 450 मिलीलीटर पानी में डालकर उबालने के लिए रख दें। उबलने पर जब 250 मिलीलीटर के करीब पानी बाकी रह जाये तो उस पानी को थोड़ी देर तक रखकर थोड़ा ठंडा होने पर पीकर ऊपर से चादर ओढ़ कर सो जाये। इससे छींक आना बंद हो जाती है।

◼️अन्य उपचार:

छींकों से बचने के लिए गर्मी लगने पर या कहीं बाहर से चलकर आने पर, मेहनत करने के बाद हमें एकदम से कपड़ों को नहीं उतारना चाहिए।