- अधिकतर अधिक आयु के लोगों को यह रोग होता है। यह कैल्शियम की कमी से होता है। इसकी कमी से यह बच्चों में भी हो सकता है क्योंकि इसकी कमी से बच्चों के हाथ-पैरों की ह़ड्डियां कमजोर हो जाती हैं। इस कारण से हल्का चोट लगने पर भी बच्चों की हड्डी टूट सकती हैं। सिर के बल गिरने से सिर में गड्ढे़ भी पड़ जाते हैं।
- किसी ऊंचे स्थान से गिरना, दब जाना, टकराने से और चोट लगने से हड्डी टूट जाती है। इसे अस्थि भंग भी कहा जा सकता है।
- हड्डी टूट जाने पर बहुत ही तेज दर्द होता है और शरीर में भी सूजन आ जाती है।
इन 4 चीजों का उपयोग करे:
1. अर्जुन:
- अर्जुन की छाल दूध के साथ दें। इसमें सूजन तथा दर्द कम करने की शक्ति निहित है।
- हड्डी टूटने पर, प्लास्टर चढ़ा हो, तो अर्जुन की छाल का महीन चूर्ण एक चम्मच की मात्रा में दिन में तीन बार एक कप दूध के साथ कुछ हफ्ते तक सेवन करने से हड्डी जल्द ही जुड़कर मजबूत हो जाती है। हड्डी जहां टूटी हो वहां पर छाल को घी में पीसकर लेप करें और पट्टी बांधकर रखें। इससे भी हड्डी शीघ्र जुड़ जाती है।
- अर्जुन की छाल के बारीक चूर्ण की फंकी लेकर दूध पीने से टूटी हुई हड्डी जुड़ जाती है। चूर्ण को पानी के साथ पीसकर लेप करने से भी दर्द में आराम मिलता है।
2. मजीठ:
- मजीठ और मुलहठी को चावलों के मांड के साथ पीसकर लगाने से टूटी हुई हड्डी की सूजन और दर्द भी दूर होता है।
- मजीठ और महुआ को खटाई के साथ पीसकर लेप करने से टूटी हुई हड्डी जुड़ जाती है।
- मजीठ का पाउडर 1 से 3 ग्राम शहद के साथ सुबह-शाम खाने से हड्डी की कोमलता और हड्डी की विकृति आदि दूर हो जाते हैं।
- 10-10 ग्राम मजीठ और महुआ पानी में मिलाकर लेप करने से लाभ होता है।
3. बबूल:
- बबूल के बीजों का पाउडर शहद मिलाकर चाटने से टूटी हुई हड्डी भी जुड़ जाती है।
- बबूल की जड़ का 6 ग्राम चूर्ण-शहद और बकरी के दूध में मिलाकर पीने से तीन दिन में ही टूटी हुई हड्डी जुड़ जाती है।
- बबूल के पंचाग का 6 ग्राम चूर्ण शहद और बकरी के दूध में मिलाकर पीने से तीन दिनों में ही टूटी हुई हड्डी जुड़ जाती है।
4. शिलाजीत:
- लगभग 100 ग्राम शिलाजीत को 100 ग्राम पीपल के दूध में घोटकर मटर के बराबर गोलियां बना लें और 2-2 गोली सुबह-शाम दूध के साथ लेने से टूटी हुई हड्डी जल्दी भी जुड़ जाती है।
- लगभग 1 से 3 ग्राम तक शुद्ध शिलाजीत नियमित गाय के दूध के साथ खाने से टूटी हुई हड्डी जुड़ जाती है।