- पेट में गैस, सीने में जलन और अपच की दिक्कत हो तो समझ लीजिए यह एसिडिटी है। एसिडिटी यानि की अम्ल पित्त, जिसमें खाना पचाने वाले रसायन का स्त्राव या तो बहुत ज्यादा होता है या बहुत कम। एसिडिटी को चिकित्सा की भाषा में गैस्ट्रोइसोफेजियल रिफलक्स डिजीज (Gastroesophageal Reflux Disease) कहते हैं।
- कई बार एसिडिटी के कारण व्यक्ति को सीने में दर्द (Chest Pain) की शिकायत भी हो सकती है। यदि यह तकलीफ बार- बार हो रही हो तो यह गंभीर समस्या बन जाती है। एसिडिटी के कारण कई बार भोजन, भोजन नली से सांस की नली में भी पहुंच जाता है जिससे खांसी या सांस लेने संबंधी (Respiratory) समस्या भी हो सकती है। इतना ही नहीं एसिडिटी की समस्या बढ़ने पर खट्टे पानी के साथ मुंह में खून भी आ सकता है।
- एसिडिटी यदि ज्यादा बढ़ जाए तो यह यह अल्सर (Ulcer) का रूप ले लेती है। अल्सर लंबे समय तक रह जाए तो आमाशय में जाने वाला रास्ता सिकुड़ जाता है जिससे व्यक्ति को खूब उल्टियां होती हैं। यदि यह अल्सर फूट जाता है तो पेट में संक्रमण (Infection) या कैंसर (Cancer) होने का खतरा भी हो सकता है।
एसिडिटी या अम्लपित्त के लक्षण
- कभी-कभी छाती में दर्द हो सकता है।
- खट्टी डकारें आना,
- खाना या खट्टा पानी (एसिड) मुंह में आ जाना,
- छाती में जलन होना
- पेट में गैस बनना
- मतली और उल्टी
एसिडिटी या अम्लपित्त के 9 घेरलू उपाए :
- ज़ीरा : एसिडिटी के हिसाब से आधे से एक चम्मच (2-5 ग्राम) जीरा खाएं। इसके 10 मिनट बाद गुनगुना पानी पी ले। आप देखेंगे के आपकी समस्या सिर्फ़ 1 मिनट में ऐसे गायब हो गयी जैसे गधे के सर से सिंग।ये उपाय निशुल्क इसलिए है की ज़ीरा सबके किचन में मिल जाता है और आपको जब भी एसिडिटी होती है तो बिना पैसों के उस वक़्त ज़ीरा घर से ही ले सकते है।
- पपीते का सेवन : पपीते के रस का सेवन रोज करें। क्योंकि यह अम्लपित्त को दबा देता है। जिससे अम्लपित्त नहीं बनता है।
- अनार और अदरक : पांच ग्राम अनार का रस और पांच ग्राम अदरक के रस को बराबर मात्रा में मिलाकर पीने से एसिडिटी खत्म होती है।
- गाजर व पेठा : गाजरए फालसे या पेठा आदि का सेवन किसी न किसी तरह खाने से अम्लपित्त ठीक हो जाती है।
- लौंग का सेवन : खाना खाने के बाद सुबह और शाम के समय में एक.एक लौंग का सेवन करने से एसिडिटी यानि अम्लपित्त की समस्या ठीक होती है।
- नींबू का प्रयोग : गुन गुने पानी में एक नींबू निचोड़ करए खाना खाने के एक घंटे के बाद पीने से अम्लपपित्त ठीक हो जाता है।
- सब्जियां और दाल : मूँग की दाल, चावल, परवल, घिया, हरा धनिया और टिंडे का सेवन किसी न किसी रूप में करते रहें।
- मूली का रस : मिश्री को मूली के रस के साथ मिलाकर पीने से कुछ ही दिनों में अम्लपित्त रोग की समस्या दूर हो जाती है।
- आलू का प्रयोग : उबला या सिका हुआ आलू नियमित खाते रहने से थोड़े ही दिनों में आपकी अम्लपित्त की समस्या दूर हो जाएगी।
- सेंधा नमक और काली मिर्च : सेंधा नमक और काली मिर्च को बराबर मात्रा में मिलाकर पीस लें और सुबह और शाम आधा.आधा चम्मच इसका का सेवन करें। इस उपाय से अम्लपित्त शांत हो जाता है।