आयुर्वेद में सहजन से ३०० रोगों का उपचार सम्भव है। सहजन की फलियों की सब्ज़ी से आप ज़रूर परिचित होंगे पर हममे से कम ही लोगों को इस पेड़ के बाकी हिस्सों की महत्ता पता है। मोरिंगा या सहजन पूर्वी चिकित्सा पद्धतियों में मधुमेह, ह्रदयरोग, आर्थराइटिस जैसे कई गम्भीर रोगों से बचाव और रोकथाम के लिए उपयोग किया जाता है। अत्यंत गुणकारी और पोषक सहजन अब पूरी दुनिया में ‘सुपर-फ़ूड ‘ के नाम से भी प्रचलित हो रहा है। का उपचार सम्भव है। अपने सहजन
कैसे करें उपयोग :
- मोरिंगा के इन लाभों को अगर आप अपने जीवन में उतारने चाहते है तो इसके पत्तों को सुखाकर पीस लें और रोज़ हर्बल टी में डालकर पीएं। हालांकि इसके कोई भी दुष्प्रभाव नही देखे गए है पर सावधानी के तौर पर इसे एक दिन में एक चम्मच से ज़्यादा न लें।
- मोरिंगा के बीज विशेष स्थितियों में ही उपयोग किये जाते है इसलिए इसके प्रयोग पर चिकित्सक का मार्गदर्शन अवश्य लें।
इसके अद्भुत फायदे :
- मोरिंगा विटामिन, खनिज और एमिनो अम्लों की खदान है। इसका सेवन आपके शरीर में विटामिन A, C , E, कैल्शियम, पोटैशियम और प्रोटीन की ज़रूरत को पूरा करता है।
- मोरिंगा की पत्तियों, फूलों और बीजों में भरपूर एंटीऑक्सीडेंट्स होते है। यह एंटीऑक्सीडेंट्स शरीर में फ्री रेडिकल्स को कम कर कैंसर, आर्थराइटिस जैसी गम्भीर समस्याओं से बचाव करते है।
- हममे से शायद कुछ ही लोग जानते होंगे की शरीर में लम्बे समय तक सूजन रहने से मधुमेह, ह्रदयरोग, साँस लेने में तकलीफ जैसी बीमारियां शरीर को घेरने लगती है। मोरिंगा का नियमित सेवन सूजनकारी तत्वों को कम करता है। इसकी पत्तियों का काढ़ा पीने से कोशिकाओं की सूजन जल्द ठीक हो जाती है।
- मोरिंगा की पत्तियां विशेषकर दिल के लिए बहुत अच्छी होती है। यह रक्त में लिपिड की मात्रा सन्तुलित रखती है, रक्तवाहिकाओं में अवरोध पैदा नही होने देती और कोलेस्ट्रॉल बढ़ने नही देती।
- अपने विशेष गुणों के कारण मोरिंगा मानसिक सेहत और ज्ञान अर्जित करने की शक्ति को बढाता है। इसमें मौजूद विटामिन तंत्रिकाकोशिका को खत्म करने वाले कारकों को हटाता है तथा दिमाग के विभिन्न भागों के बीच सन्तुलन बनाता है।
- मोरिंगा के फूल और पत्तियों में पोलीफेनोल भरपूर मात्रा में पाए जाते है। यह शरीर से विषैले पदार्थों को बाहर कर लिवर को सेहतमंद रखता है।
- मोरिंगा के पत्ते रक्त में बढ़ी हुई शर्करा की मात्रा को घटाते है, लिपिड की मात्रा सन्तुलित करते है, मधुमेह से लड़ने में मदद करते है तथा कोशिकाओं को क्षतिग्रस्त होने से बचाते है।
- मोरिंगा में संक्रमण से लड़ने के गुण होते है जो हमारे शरीर को कई जीवाणु और शुक्राणु से बचाते है। यह कई चर्मरोगों के कारक फफूँद तथा मूत्राशय के संक्रमण के कारक बैक्टीरिया के विरुद्ध असरदार है।
- किसी भी तरह की चोट पर मोरिंगा की पत्तियों का लेप लगाने से खून बहन तुरंत बन्द हो जाता है तथा घाव जल्द ही ठीक हो जाता है। यह उन लोगो के लिए विशेषकर लाभदायक जिनकी चोटें जल्द ठीक नही होती और तकलीफदेह होती है।