गेहूं एक प्रकार का आहार होता है जो भोजन के उपयोग काम में लिया जाता है तथा सारे खाने वाले पदार्थों में गेहूं का महत्वपूर्ण स्थान है। सभी प्रकार की अनाजों की अपेक्षा गेहूं में पौष्टिक तत्व अधिक होते हैं। इसकी उपयोगिता के कारण ही गेहूं अनाजों में यह राजा कहलाता है।
- अपने देश भारतवर्ष में गेहूं का उत्पादन सबसे ज्यादा होता है। गेहूं की अनेक किस्में होती हैं जैसे- कठोर गेहूं और नर्म गेहूं। रंगभेद की दृष्टि से गेहूं सफेद और लाल दो प्रकार की होते हैं। सफेद गेहूं की अपेक्षा लाल गेहूं अधिक पौष्टिक मानी जाती है।
- इसके अलावा बाजिया, जनागढ़ी, शरबती, सोनरा पूसा, बंदी, बंसी, पूनमिया, टुकड़ी, दाऊदखानी, कल्याण, सोना और सोनालिका आदि गेहूं की अनेक किस्में होते हैं।
- गेहूं के आटे से रोटी, पावरोटी, ब्रेड, पूड़ी, केक, बिस्कुट आदि अनेक चीजें बनाई जाती हैं। इसका प्रयोग भोजन के रूप में किया जाता है। गेहूं में चर्बी का अंश कम होता है।
अत: गेहूं के आटे की रोटी के साथ उचित मात्रा में घी या तेल का सेवन करना आवश्यक होता है इससे शरीर में ताकत की वृद्धि होती है।घी के साथ गेहूं का आहार सेवन करने से पेट मेंगैस बनना दूर होता है तथाकब्ज नहीं होती है।
सामग्री :
- 2 ग्राम गेहूं की राख
- 12 ग्राम शहद
- गेहूं का आटा 50 ग्राम
- घी 10 ग्राम
- दूध या पानी 200 ग्राम
- हल्दी 1 ग्राम
प्रयोग की विधि :
- 12 ग्राम गेहूं की राख 12 ग्राम शहद में मिलाकर कर चाटने से कमर और जोडो का दर्द ठीक हो जाता है। यह प्रयोग आप कम से कम एक माह तक दोहराए आपको लाभ होगा अगर आपको जल्दी लाभ मिल जाए तो आप इसको सप्ताह में 3 दिन बार ले।
- गेहूं की रोटी एक ओर सेंक लें और एक ओर कच्ची रहने दें इस कच्ची रोटी की ओर तिल का तेल लगाकर कमर दर्द वाले अंग पर बांध दें। इससे दर्द दूर हो जायेगा।
- गेहूं का आटा 50 ग्राम, घी 10 ग्राम, दूध या पानी 200 ग्राम, हल्दी 1 ग्राम इन सबको मिलाकर पकायें। इसका गर्म लेप दर्द वाले भाग पर लगाए इससे लाभ मिलेगा।
- गेहूं को पानी में उबालकर इसे छान लें फिर इस पानी से सूजन वाली जगह को धोएं इससे सूजन कम हो जाती है।
- गेंहू की रोटी एक ओर सेंक लें तथा एक ओर कच्ची रहने दें फिर रोटी की कच्ची भाग की तरफ तिल का तेल लगाकर सूजन वाले भाग पर बांध दें। इससे सूजन तथा दर्द दूर हो जाएगा।