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नमस्कार दोस्तों फिर से आपका All Ayurvedic में स्वागत है आज हम आपको ऐसे फूल के बारे में बताएँगे जो अपने में सैकड़ों औषधीय गुनो को समेटे हुए है, हम बात कर रहे है अनार के फूल की जी हाँ हमने इससे पहले की पोस्ट में अनार के फल के छिलको, अनारदाना और इसकी पत्तियों के फ़ायदे बताए आज हम इसके फूल के 12 चमत्कारी फ़ायदे बताएँगे लेकिन उससे पहले जान ले इसमें बारे में, अनार का फूल नारंगी व लाल रंग के, कभी-कभी पीले ५-७ पंखुड़ियों से युक्त एकल या ३-४ के गुच्छों में होते हैं। इसकी पुष्प कलिका का ४-५ ग्राम तक सेवन किया जा सकता है।
आनार के फूल या कालिका के 12 चमत्कारी फ़ायदे :
1. नाक से खूनआना यानकसीर : इनका रस 1-2 बूंद नाक में टपकाने से या सुंघाने से नाक से खून बहना बंद हो जाता है। यह नकसीर के लिए बहुत ही उपयोगी औषधि है। या अनार के फूल और दूर्वा (दूब नामक घास) के मूल रस को निकालकर नाक में डालने और तालु पर लगाने से गर्मी के कारण नाक से निकलने वाले खून का बहाव तत्काल बंद हो जाता है।
2. दांत से खून आना : अनार के फूल छाया में सुखाकर बारीक पीस लेते हैं। इसे मंजन की तरह दिन में 2 या 3 बार दांतों में मलने से दांतों से खून आना बंद होकर दांत मजबूत हो जाते हैं।
3. पेटकेकीड़े : अनार के फूल काढ़ा बनाकर उसमें 1 ग्राम तिल का तेल मिलाकर पीने से पेट के कीड़े समाप्त हो जाते हैं।
4. अतिसार : अनार की कली 1 ग्राम, बबूल की हरी पत्ती 1 ग्राम, देशी घी में भुनी हुई सौंफ 1 ग्राम, खसखस या पोस्त के दानों की राख आदि 3 ग्राम की मात्रा में लेकर चूर्ण बना लें, फिर इसी चूर्ण को लगभग 1 ग्राम का चौथा भाग की मात्रा में 1 दिन में सुबह, दोपहर और शाम को मां के दूध के साथ पीने से बच्चों का दस्त आना बंद हो जाता है।
5. दांतों के सभी रोग : अनार तथा गुलाब के सूखे फूल, दोनों को पीसकर मंजन करने से मसूढ़ों से पानी आना बंद हो जाता है। केवल अनार की कलियों के चूर्ण का मंजन करने से मसूढ़ों से खून आना बंद हो जाता है।
6. सिर का दर्द : लगभग 20 ग्राम अनार की कली और 10 ग्राम शर्करा को मिलाकर बारीक पीस लें। इस चूर्ण को सूंघने से सिर दर्द ठीक हो जाता है। या अनार के फूलों के रस और आम के बौर के रस को मिलाकर सूंघने से रक्तचाप (ब्लड प्रेशर) के कारण होने वाला सिर का दर्द ठीक हो जाता है।
7. शरीर में झुर्रियां या मांस का ढीलापन : अनार के पत्ते, छिलका, फूल, कच्चे फल और जड़ की छाल सबको एक समान मात्रा में लेकर, मोटा, पीसकर, दुगना सिरका, तथा 4 गुना गुलाबजल में भिगायें। 4 दिन बाद इसमें सरसों का तेल मिलाकर धीमी आंच पर पकायें। तेल मात्र शेष रहने पर छानकर बोतल में भरकर रख लें। इस तेल को रोज चेहरे या शरीर के अन्य भाग पर मालिश करें तो त्वचा की शिथिलता में इससे लाभ होता है। इसके साथ ही जिनके शरीर में झुर्रियां पड़ गई हों, मांसपेशियां ढीली पड़ गई हो उन्हें भी इस तेल की मालिश से निश्चित लाभ होता है।
8. माँ बनने में सहायक और प्रदर रोग दूर करे : अनार की 1-2 ताजी कली पानी में पीसकर पिलाने से, गर्भधारण शक्ति बढ़ती है तथा प्रदर रोग दूर होता है। या प्रदर रोग में अनार के फूलों को मिश्री के साथ पीसकर सेवन करने से लाभ होता है।
9. घाव भरने में : अनार के फूलों की कलियां, जो निकलते ही हवा के झोकों से नीचे गिर पड़ती हैं, इन्हें जलाकर क्षतों (जख्मों, घावों) पर बुरकने से वे शीघ्र ही सूख जाते हैं।
10. बालों को उगाए : अनार के फूल पानी में पीसकर सिर पर लेप करने से गंजापन दूर हो जाता है।
11. पेशाब की बीमारी: अनार की कली, सफेद चंदन की भूसी, वंशलोचन, बबूल का गोंद सभी 10-10 ग्राम, धनिया और मेथी 10-10 ग्राम, कपूर 5 ग्राम। सबको आंवले के थोड़े-से रस में घोट लें। फिर बड़े चने के बराबर की गोलियां बना लें। 2-2 गोली रोज सुबह-शाम पानी से लेने से मूत्ररोग ठीक हो जाता है।