➡ सिर्फ 6 घंटे में 3 खुराक मलेरिया का सफाया :
- मलेरिया प्राय: मच्छर के काटने पर होता है। मलेरिया से ग्रसित व्यक्ति को तेज़ बुखार आता है और सर्दी भी अधिक लगती है। सर्दी लगकर बुखार आना यह मलेरिया के लक्षणों में से एक लक्षण है। मलेरिया बुखार होनें पर व्यक्ति तेज़ मिर्च, तेलिय पदार्थों से परहेज़ करना चाहिए।
- खाने में जितना सादा भोजन लें उतना ही अच्छा रहता है। मलेरिया से ग्रसित व्यक्ति को सर्दी अधिक लगनें की वजह से बदन को ओढ़कर रखना चाहिए। नीचे दिए गए आयुर्वेदिक उपाय से मलेरिया जल्द ही ठीक हो जायेगा।
➡ मलेरिया बुखार का रामबाण उपाय :
- फूली हुई फिटकरी के चूर्ण चार गुना पीसी हुई खाँड या चीनी अच्छी तरह मिला लें। दो ग्राम की मात्रा गुनगुने पानी से 2-2 घंटे बाद 3 बार लें। मतलब 6 घंटे में 3 खुराकों के लेने से ही मलेरिया नहीं रहेगा। बुखार तब भी रहे तो आवश्यकतानुसार एक-दो खुराकें और ली जा सकती है। मलेरिया तथा तीसरे और चौथे रोज आने वाले बुखार में अचूक है। यह दवा कुनैन से भी अधिक लाभदायक है और किसी प्रकार गर्मी-खुश्की नहीं करती।
➡ विशेष-
- कम्प-ज्वर में बुखार आने से एक घंटा पहले दें तो उत्तम है। वैसे दवा लेते समय बुखार हो या न हो, इससे कोई फर्क नहीं पड़ता।
➡ सावधानी-
- गर्भवती स्त्री को यह औषधि कदापि न दें।
➡ अन्य कारगर उपाय जो इसके साथ करे :
- तुलसी की सात पतियाँ और काली मिर्च के सात दाने एक साथ मिलाकर चबाने से पाँच बार में मलेरिया जड़ से चला जाता है। दिन में तीन बार लें। सात-सात तुलसी की कोमल पतियाँ दिन में तीन बार चबाने से भी मलेरिया और पुराना से पुराना बुखार कुछ ही दिनों में जड़ से चला जाता है।
- 60 ग्राम (श्यामा) की पती तथा 60 ग्राम काली मिर्च दोनों को बराबर वज़न मिलाकर (पाँच घंटे तक) सिल पर पीसकर जल मिलाकर एक ग्राम की तीन गौलियाँ बनाकर प्रातः एक गोली, दोपहर एक गोली, शाम एक गोली देने से पसीना आकर ज्वर उतर जाता है। यह प्रयोग श्रीरामवटी के नाम से पं प्रयागदीन शर्मा वैद्य, गोराईगंज, लखनऊ द्वारा अनुभूत है। ज्वर से पूर्व एक गोली देने पर भी पसीना आकर ज्वर उतर जाता है। बुखार का पथ्य पालन करें।
- तुलसी की चार पतियाँ प्रतिदिन प्रातःकाल सेवन करने से मलेरिया से बचा जा सकता है।
- तुलसी की चार पतियाँ और चार काली मिर्च रोज खाने से मौसमी बुखार दूर होता है।