अमर बेल एक पराश्रयी (दूसरों पर निर्भर) लता है, जो प्रकृति का चमत्कार ही कहा जा सकता है। बिना जड़ की यह बेल जिस वृक्ष पर फैलती है, अपना आहार उससे रस चूसने वाले सूत्र के माध्यम से प्राप्त कर लेती है।
अमर बेल का रंग पीला और पत्ते बहुत ही बारीक तथा नहीं के बराबर होते हैं। अमर बेल पर सर्द ऋतु में कर्णफूल की तरह गुच्छों में सफेद फूल लगते हैं। बीज राई के समान हल्के पीले रंग के होते हैं।
अमर बेल बसन्त ऋतु (जनवरी-फरवरी) और ग्रीष्म ऋतु (मई-जून) में बहुत बढ़ती है और शीतकाल में सूख जाती है। जिस पेड़ का यह सहारा लेती है, उसे सुखाने में कोई कसर बाकी नहीं रखती है।
आवश्यक सामग्री :
- अमरबेल : 50 ग्राम
- पानी : 1 लीटर
- तिल का तेल : 200 मिली
बनाने विधि :
- 50 ग्राम अमरबेल को 200 मिली तिल के तेल में पीसकर सिर में लगाने से सिर की गंज या गंजेपन में लाभ होता है तथा बालों की जड़ें मजबूत होती हैं।
- लगभग 50 ग्राम अमरबेल को कूटकर 1 लीटर पानी में पकाकर बालों को धोने से बाल सुनहरे व चमकदार बनते है, बालों का झड़ना, बालों का सफ़ेद होन, रूसी, बालों को घना बनाए आदि में अद्भुत लाभ होता है। ये प्रयोग निरंतर सप्ताह से सप्ताह तक करने से आपको बुढ़ापे तक बालों से सम्बंधित कोई समस्या नही होगी।
सुखी बेल का उपयोग करने का तरिका :
सुखी अमर बेल को लभगभ 10-20 ग्राम की मात्रा में पेस्ट बना कर सीधे प्रयोग कर सकते हैं।
नोट : अमरबेल आपको पंसारी की दुकान पर पाउडर या सुखी हुई मिल जाएगी