खजूर को सर्दियों का मेवा कहा जाता है। इसमें आयरन, मिनरल, कैल्शियम, अमिनो एसिड, प्रोटीन 5.0, वसा 2.0, खनिज प्रदार्थ 1.3, विटामिन ए, बी और पानी 21.1 प्रतिशत और फास्फोरस भरपूर मात्रा में पाया जाता है। खजूर की 50 से 70 ग्राम तक मात्रा को सेवन किया जा सकता है। जिसकी वजह से शरीर को कई फायदे होते हैं।
खजूर स्वादिष्ट, पौष्टिक, मीठा, शीतल, वात, पित्त और कफ को दूर करने वाला होता है। यह टी.बी, रक्त पित्त, सूजन एवं फेफड़ों की सूजन के लिए लाभकारी होता है। यह शरीर एवं नाड़ी को शक्तिशाली बनाता है। सिर दर्द, बेहोशी, कमजोरी, भ्रम, पेट दर्द, शराब के दोषों को दूर करने के लिए इसका प्रयोग अत्यंत लाभकारी होता है। यह दमा, खांसी, बुखार, मूत्र रोग के लिए भी लाभकारी है।
खजूर गर्म व तर होता है। यह कमजोर जिगर को मजबूत बनाने वाला, थकावट को दूर करने वाला, शरीर को मोटा बनाने वाला, लकवा और कमर के दर्द को समाप्त करने वाला होता है।
खजूर के 50 चमत्कारी फ़ायदे :
- शारीरिक शक्ति का कम होना : 7 या 8 पिण्ड खजूर को 500 मिलीलीटर दूध में डालकर हल्की आंच पर दूध के साथ पकाएं और लगभग 400 मिलीलीटर की मात्रा में दूध बचा रह जाने पर दूध को आंच से उतार लें। अब इसमें से खजूर निकालकर खा लें और ऊपर से दूध को पीएं। इससे शरीर में भरपूर ताकत और मजबूती आती है।
- वजन बढ़ता है, शरीर में खून बनता है : 5-7 खजूर लेकर इनकी गुठली को निकालकर फेंक दें और गूदे को पानी से धोएं। अब लगभग 300 मिलीलीटर की मात्रा में दूध लेकर इसमें खजूर के गूदे मिलाकर हल्की आग पर 8 से 10 मिनट तक पकाएं। पक जाने पर दूध में से खजूर को निकालकर चबा-चबाकर खा लें और ऊपर से दूध पीएं। इससे शरीर को जबरदस्त ताकत और मजबूती मिलती है। इससे वजन बढ़ता है, कब्ज, क्षय रोग दूर होता है, शरीर में खून बनता है, खांसी, दमा, पेट और छाती से सम्बंधित सभी रोगों से छुटकारा मिलता है। इसका सेवन लगातार 40 दिनों तक सुबह-शाम करना चाहिए।
- मजबूत हड्डियां : खजूर में मौजूद साल्ट हड्डियों को मजबूत बनाने का काम करता है। इसमें मौजूद कैल्शियम और कॉपर हडिडयों को फौलाद जैसा मजबूत बनाते हैं।
- इम्यूनिटी : रोजाना खजूर का इस्तेमाल करने से व्यक्ति की इम्यूनिटी बढ़ जाती है। इसमें मौजूद ग्लूकोज और फ्रुक्टोज शरीर की रोग प्रतिरोधक शक्ति को बढ़ाने का काम करते हैं।
- शरीर में ऊर्जा बनाएं रखता है : खजूर में मौजूद प्रोटीन, विटामिन और मिनरल्स से बॉडी को शक्ति मिलती है। जो लोग अधिक थकान महसूस करते हैं, थोड़ा काम करते ही थक जाते हैं, उन्हें रोजाना 3 खजूर खाने चाहिए।
- संक्रमण से बचाव : रोजाना खजूर खाने वाले लोग आसानी से कभी किसी संक्रमण का शिकार नहीं बनते। बढ़ते प्रदूषण की वजह से होने वाली बीमारियां इसका सेवन करने से कोसों दूर रहती हैं।
- कब्ज़ : खजूर को गर्म पानी के साथ रात को सोते समय सेवन करने से कब्ज दूर होती है। इससे बवासीर की परेशानी भी दूर होती है।
- कमर दर्द : 5 खजूर को उबालें और इसमें 5 ग्राम मेथी डालकर पीने से कमर दर्द ठीक होता है।
- गठिया : 100 ग्राम खजूर भिगोकर मसलकर पीने से आमवात का दर्द ठीक होता है।
- लीवर रोग : 4 से 5 खजूर पानी में भिगोकर रात को रखे दें और सुबह उसे मसलकर शहद में मिलाकर लगभग 7 दिन तक पीएं। इससे लीवर का बढ़ना रुक जाता है और जलन शांत होती है।
- पेट की गैस : खजूर 50 ग्राम, जीरा 10 ग्राम, सेंधानमक 10 ग्राम, कालीमिर्च, सोंठ 10 ग्राम, पीपरामूल 5 ग्राम और नीबू का रस 80 मिलीलीटर इन सभी को मिलाकर बारीक पीस लें और इसका सेवन करें। इससे पेट की गैस खत्म होती है।
- बवासीर (अर्श) : खजूर के बीजों को जलाकर मलद्वार में धूंआ लेने से अर्श (बवासीर) के मस्से सूखकर झड़े जाते हैं। या खजूर के पत्तों को जलाकर राख बना लें और यह 2 ग्राम की मात्रा में दिन में 2 से 3 बार पानी के साथ खाने से खूनी बवासीर ठीक होता है। या खजूर के पत्ते को जलाकर राख बना लें और यह 2 ग्राम की मात्रा में दिन में 3 बार खाएं। इससे बवासीर से खून गिरना बंद होता है।
- टी.बी रोग : खजूर, मुनक्का, चीनी, घी, शहद और पीपर बराबर-बराबर लेकर 30 ग्राम की मात्रा में प्रतिदिन खाने से टी.बी रोग ठीक होता है। इससे खांसी एवं सांस भी ठीक होता है।
- सर्दी-जुकाम : खजूर को एक गिलास दूध में अच्छी तरह उबालें और फिर दूध से खूजर निकालकर खाएं और ऊपर से वही दूध पीने से सर्दी-जुकाम में जल्दी लाभ मिलता है।
- सिर दर्द : खजूर की गुठली को पानी में घिसकर सिर पर लेप करने से सिर दर्द ठीक होता है।
- शरीर को मोटा करने के लिए : एक कप दूध में 2 खजूर उबालकर खाएं और ऊपर से वही दूध पीएं। इस तरह प्रतिदिन सुबह-शाम कुछ महीनों तक खजूर खाने व दूध पीने से शरीर मोटा होता है। इसे सर्दी के महीने में खाना ज्यादा फायदेमन्द और गुणकारी होता है।
- मासिकधर्म संबंधी परेशानी : पिण्ड खजूर प्रतिदिन 100 ग्राम की मात्रा में 2 महीने तक लगातार सेवन करने से मासिकधर्म नियमित होता है।
- दस्त में आंव रक्त आना (पेचिश) : 6 ग्राम खजूर के फल को 20 ग्राम गाय के दूध से बनी दही में मिलाकर खाने से पेचिश का रोग ठीक होता है।
- बार-बार पेशाब आना : 2-2 छुहारे (खजूर) दिन में 2 बार खाने और रात को सोते समय 2 छुहारे खाकर दूध पीने से बार-बार पेशाब आना बंद होता है। इससे बिस्तर पर पेशाब करने की आदत भी दूर जाती है।
- गुहेरी (आंख की फुंसी या बिलनी) : खजूर की गुठली को घिसकर आंखों की पलकों पर लेप करने से गुहेरी नष्ट होती है।
- श्वास, दमा : खजूर और सोंठ का चूर्ण बराबर मात्रा में पान में रखकर दिन में 3 बार खाने से दमा रोग ठीक होता है। या खजूर की गुठली का चूर्ण और 3 ग्राम सौंफ का चूर्ण मिलाकर पान के साथ प्रयोग करने से अस्थमा के कारण होने वाली सांस की रुकावट दूर होती है।
- बच्चों का सूखा रोग : खजूर और शहद को बराबर की मात्रा में मिलाकर दिन में 2 बार कुछ हफ्ते तक खाने से सूखा रोग ठीक होता है।
- घाव : खजूर की गुठली को जलाकर चूर्ण बना लें और इस चूर्ण को घाव पर छिड़कें। इससे घाव सूख जाता है।
- अरुचि : खजूर की चटनी में नींबू का रस मिलाकर खाने से अरुचि दूर होती है।
- दस्त का बार-बार आना : खजूर की गुठली का चूर्ण बनाकर दही के साथ खाने से अतिसार रोग ठीक होता है।
- दस्त का बंद होना : खजूर की गुठली को जलाकर चूर्ण बना लें और यह चूर्ण 2-2 ग्राम की मात्रा में दिन में 2 से 3 बार ठंडे पानी के साथ सेवन करें। इससे दस्त आने का रोग ठीक होता है।
- मस्तिष्क से रक्तस्राव : मस्तिष्क से खून स्राव होने पर बार-बार बेहोशी आती रहती है। ऐसे रोग में सुलेमानी खजूर पीसकर शर्बत की तरह बनाकर रोगी को पिलाने से बेहोशी दूर होती है।
- शरीर की जलन : शरीर की जलन दूर करने के लिए सुलेमानी खजूर का सेवन करना लाभकारी होता है।
- थकावट : शारीरिक थकावट को दूर करने के लिए सुलेमानी खजूर का सेवन प्रतिदिन करना चाहिए। इससे शरीर की थकावट दूर होती है।
- शरीर की सूजन : किसी भी कारण से शरीर में आई सूजन को दूर करने के लिए प्रतिदिन खजूर खाना लाभकारी होता है। इससे शरीर की सूजन दूर होती है।
- शराब का नशा : खजूर को पानी में भिगोकर मसलकर पीने से शराब का नशा उतर जाता है।
- खुजली : खजूर की गुठली को जलाकर उसकी राख में कपूर और घी मिलाकर खुजली पर लगाने से खुजली ठीक होती है।
- धातु की कमजोरी : सर्दी के मौसम में सुबह खजूर को घी में सेंककर खाने और इलायची, चीनी तथा कौंच डालकर उबाला हुआ दूध पीने से धातु की कमजोरी दूर होती है।
- रक्तपित्त : खजूर का चूर्ण बनाकर शहद के साथ खाने से रक्तपित्त (खून की उल्टी) का रोग ठीक होता है।
- हिस्टीरिया : खजूर को कुछ महीनों तक नियमित आहार के तौर पर सेवन करने से स्त्रियों का हिस्टीरिया रोग दूर होता है।
- कफ : प्रतिदिन खाना खाने के बाद 4 या 5 घूंट गर्म पानी के साथ खजूर खाना लाभकारी होता है। इससे कफ पतला होकर खखारने या खांसी के रूप में बाहर निकल जाता है। इससे फेफडे़ साफ होते हैं। इससे सर्दी, जुखाम, खांसी और दमा रोग भी ठीक होता है।
- दांतों का दर्द : दांतों में किसी प्रकार का दर्द होने पर खजूर की जड़ का काढ़ा बनाकर प्रतिदिन 2 से 3 बार कुल्ला करने से दर्द खत्म होता है।
- पेट के कीड़े : खजूर के पत्तों का काढ़ा रात को बनाकर सुबह शहद के साथ मिलाकर पीने से पेट के कीड़े नश्ट होते हैं। खजूर की पत्तियों का रस 40 मिलीलीटर और शहद 40 ग्राम मिलाकर खाने से पेट के सभी कीड़े खत्म होते हैं।
- सूखी खांसी : खजूर का सेवन करने से सूखी खांसी ठीक होती है।
- गैस्ट्रिक (अल्सर) : पिण्ड खजूर खाना से गैस्ट्रिक (अल्सर) में लाभ मिलता है।
- हिचकी का रोग: खजूर की गुठली का चूर्ण 3 ग्राम और 3 ग्राम पिप्पली का चूर्ण मिलाकर शहद के साथ चाटने से हिचकी दूर होती है।
- हृदय रोग : हृदय कमजोर होने पर प्रतिदिन खजूर खाना चाहिए। इससे हृदय को शक्ति मिलती है।
- निम्नरक्तचाप : 50 ग्राम खजूर को दूध में उबालकर प्रतिदिन पीने से निम्न रक्तचाप की परेशानी दूर होती है और रक्तचाप सामान्य बना रहता है।
कृपया ध्यान दे : खजूर का अधिक उपयोग करना खून को जला देता है। इसके दोषों को दूर करने के लिए खजूर के साथ बादाम खाने से खजूर में मौजूद दोष दूर होते हैं।