• नवरात्रि व्रत में कुट्टू के आटे से बनी रोटी ही खाई जाती है। रोटी के अलावा इससे पूरी और चिल्ला भी बनाया जा सकता है। कुट्टू का आटा स्वाद के साथ-साथ सेहत के लिए भी बहुत फायदेमंद होता है। इसमें काफी मात्रा में फाइबर होते हैं जो शरीर को एनर्जी देते हैं। 
  • इसके अलावा कुट्टू का आटा सेहत के लिए बहुत फायदेमंद होता है और इसके सेवन से शरीर कई बीमारियों से दूर रहता है। आइए जानिए कुट्टू के आटे के फायदे।
  • नवरात्र तन, मन और आत्मा को स्वच्छ करने का मौका होता है. इस दौरान गेहूं का आटा नहीं, कुट्टू का आटा खाया जाता है. कुट्टू का आटा अनाज नहीं, बल्कि फल से बनता है और अनाज का बेहतर विकल्प होने के साथ पौष्टिक तत्वों भरपूर भी होता है. कुट्टू के आटे के फायदों के बारे में आईएमए के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद्मश्री डॉ. के.के. 
  • अग्रवाल ने बताया कि कुट्टू का आटा प्रोटीन से भरपूर होता है और जिन्हें गेहूं से एलर्जी हो, उनके लिए बेहतरीन विकल्प है. इसमें मैग्नीशियम, विटामिन-बी, आयरन, कैल्शियम, फॉलेट, जिंक, कॉपर, मैग्नीज और फासफोरस भरपूर मात्रा में होता है. इसमें फाइटोन्यूट्रिएंट रूटीन भी होता है जो कोलेस्ट्रोल और ब्लड प्रेशर को कम करता है. सेलियक रोग से पीड़ितों को भी इसे खाने की सलाह दी जाती है.

कुट्टू के आटे के फायदे:

  • डायबिटीज का खतरा कम करे: कुट्टू के आटे में सेचुरेटेड फैट बिल्कुल कम होता है जो डायबिटीज के रोगियों के लिए बहुत फायदेमंद होता है।
  • मोटापा घटाए: कुट्टू के आटे में काफी मात्रा में फाइबर होते हैं जिससे इसका सेवन करने से लंबे समय तक पेट भरा रहता है। ऐसे में एक बार कुट्टू के आटे से बनी रोटी खाकर और कुछ भी खाने का मन नहीं करता जिससे वजन कम होने लगता है।
  • ब्लड प्रैशर करे कम: जिन लोगों को हाई ब्लड प्रैशर की समस्या होती है। उनके लिए कुट्टू का आटा बहुत फायदेमंद होता है। यह हाई बी.पी. को कम करने में मदद करता है।
  • दिल के लिए फायदेमंद: कुट्टू के आटे के सेवन से शरीर में गुड कोलेस्ट्रोल बढ़ता है और इससे ब्लड सर्कुलेशन भी ठीक होता है जोकि स्वस्थ शरीर के लिए बहुत फायदेमंद है।
  • मजबूत हड्डियां: बढ़ती उम्र के साथ ही शरीर में कैल्शियम की कमी हो जाती है और हड्डियां कमजोर होने लगती हैं। ऐसे में कुट्टू के आटे का सेवन करना चाहिए जिससे हड्डियां मजबूत होती हैं और जोडो़ं का दर्द भी ठीक होता है।  
  • कुट्टू 75 प्रतिशत जटिल काबोहाइड्रेट है और 25 प्रतिशत हाई क्वालिटी प्रोटीन, वजन कम करने में यह बेहतरीन मदद करता है. इसमें अल्फा लाइनोलेनिक एसिड होता है, जो एचडीएल कोलेस्ट्रोल को बढ़ाता है और एलडीएल को कम करता है.
  • यह अघुलनशील फायबर का अच्छा स्रोत है और गॉलब्लैडर में पत्थरी होने से बचाता है. अमेरिकन जरनल ऑफ गेस्ट्रोएनट्रोलॉजी के मुताबिक, 5 प्रतिशत ज्यादा घुलनशील फायबर लेने से गाल ब्लैडर की पत्थरी होने का खतरा 10 प्रतिशत कम हो जाता है.
  • फाइबर से भरपूर और ग्लिसेमिक इंडेक्स कम होने से यह डायब्टीज वालों के लिए बेहतर विकल्प है. कुट्टू के आटे का ग्लिसेमिक इंडेक्स 47 होता है.
  • कुट्टू के आटे में मिलावट की जा सकती है और इसे विश्वसनीय स्रोत से ही खरीदना चाहिए. पिछले साल का बचा हुआ आटा भी प्रयोग नहीं करना चाहिए, इससे फूड-प्वॉयजनिंग हो सकती है.