आप जीभ के रंग से भी किसी गंभीर बीमारी का पता लगा सकते हैं। यह कार्य सदियों से बीमारियों के मूल्याकंन के लिए उपयोग किया जा रहा है मगर अब पश्चिमी दुनिया में भी चिकित्सा विशेषज्ञ इस प्रक्रिया का उपयोग कर रहे हैं। हो सकता है कि आपको जानकारी न हो मगर जीभ का मस्तिष्क और अन्य महत्वपूर्ण अंगों के करीबी संबंध होता है जिसकी वजह नसे हैं और इससे शरीर में खराबी जानी जा सकती है

  • मेडिकल विशेषज्ञों ने लोगों को अपनी जीभ का अक्सर घर पर निरीक्षण करने की सलाह दी, खासकर सुबह उठने के तुरंत बाद, क्योंकि बाद में आहार रंगत छोड़ने की संभावना होती है। अगर कुछ असामान्य दिखता है, तो कृपया तुरंत अपने चिकित्सक से सलाह लें।
  • जर्मनिक एरफोर्ट हेलियो अस्पताल के विशेषज्ञों के मुताबिक, जीभ आम तौर पर गुलाबी रंग की होती है, जिसकी सतह कुछ खुरदरी होती है। यदि जीभ इससे हट कर नजर आये चाहे कुछ घंटो के लिए ही तो यह किसी बीमारी का संकते हो सकता है।
  • जर्मन डॉक्टरों ने कहना था कि शरीर में एसिड का स्तर एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, यदि किसी मरीज के परिणाम में पित में पाये जाने वाले तरल पदार्थ बिगड़ता है, तो एसिड का स्तर प्रभावित होता है। यही कारण है कि यदि जीभ पीले रंग की हो जाती है, तो उसे पित की समस्याओं का प्रतीक माना जाता है। हालांकि, रंग में परिवर्तन चिकित्सा समस्याओं को शामिल नहीं किया जाता है, लेकिन अगर इसका खुरदुरापन खत्म हो जाये तो यह विटामिन या मिनर्ल की कमी का संकेत हो सकता है।

जीभ के रंग से जाने आप कितने स्वस्थ है :

  1. काला रंग : यदि जीभ की रंगत काली हो जाये तो यह बल्ड कैंसर की ओर इशारा करता है।
  2. गहरा पीला रंग : इसी तरह, बहुत ज्यादा गहरा पीला रंग जिगर या पित में समस्या का संकेत देता है। 
  3. भूरा रंग : यदि जीभ का रंग भूरा हो जाता है, तो यह पोषण नली में समस्या का कारण भी हो सकता है।
  4. ग्रे रंग : जबकि ग्रे रंग का दिखना खून की कमी के रूप में देखा जाता है।
  5. नीला : यदि जीभ नीला हो जाये है, तो यह फेफड़ों में बीमारियों का भी परिणाम हो सकता है। 
  6. गहरा सफेद रंग : नजला जुकाम या पेट की बीमारी के कारण, जीभ पर गहरा सफेद रंग हो जाता है।
  7. भूरी या वह सूजी जीभ : यदि जीभ भूरी है या वह सूज रही है, तो यह भी विटामिन की कमी का संकेत होता है। इसी प्रकार, यदि जीभ में सूजन के साथ रंग थोड़ा भूरा है, तो यह गुर्दा रोगों का संकेत हो सकता है।