- क्या आप जानते हो, कि वर्तमान के समय में जितनी भी परेशानियाँ एंव बीमारी हो रही है उनमें से 90 प्रतिशत सिर्फ़ हमारे पेट के साफ़ नहीं रहने के कारण होती है। मतलब कि आधी से ज्यादा बीमारी का कारण मात्र पेट है लेकिन अगर इसी को साफ़ रखा जाए, तो मानव की सभी तकलीफें दूर हो जाएगी। आज के इस दौर में व्यस्त जीवनशैली और खान पान की गलत आदतों के कारण कई लोग पेट से संबंधित किसी ना किसी रोग से पीड़ित है। जैसे पेट में गैस बनना, एसिडिटी, पेट में दर्द और जलन होना। इन सब के अतिरिक्त और एक परेशानी है जिससे कई लोग परेशान रहते है, वो है पेट सही से साफ़ ना होना जो कब्ज़ का रोग कहलाता है। सुबह सवेरे अच्छे से पेट साफ होना, हेल्थी होने की सबसे बड़ी निशानी है, लेकिन समय के साथ इंसान की हर बात बदल बदलती जा रही है, फिर चाहे सोना, उठना-बैठना बात यहां तक कि खान-पान भी काफी बदल सा गया है।
- समय की कमी कहें या व्यस्तता, हम अपने खानपान का ध्यान नहीं रख पाते जिस वजह से अपच की समस्या होने लगती है। हमारा पेट सही ढंग से साफ नहीं हो पाता जो शरीर के लिए बहुत हीं हानिकारक होता है। इस वजह से जलन या डकार जैसी समस्या होती है. दरअसल आज हम आपको पेट साफ करने और गैस के घरेलू उपाय बताने जा रहे हैं। बता दें कि कुछ ऐसे घरेलू नुस्खे बता रहे हैं जिसके उपयोग से आप अपच जैसी समस्या से निजात पा सकते हैं। हमारे अनियमित खानपान की वजह से कब्ज और गैस जैसी समस्या हर 10 में से चार व्यक्तियों में जरूर मिल जाएगी। आप लोगों की इसी समस्या को देखते हुए हम आज आपको एक ऐसा आसान सा नुस्खा बताएंगे जिससे आप कब्ज जैसी बीमारी से बहुत ही आसानी से छुटकारा पा सकते हैं। दोस्तों कब्ज का अगर समय रहते इलाज ना किया जाए तो यह आगे चलकर आपको और भी बहुत सारी बीमारियां दे सकती है। चलिए जान लेते हैं इससे बचने का उपाय।
पेट की गैस (अफारा) और कब्ज होने के कारण :
- आध्यमान (अफारा) यानी (पेट में गैस का बनना) वायु के इकट्ठा होने से पेट के फूलने के कारण पेट में कब्ज़ पैदा हो जाती है। कब्ज के कारण जब आंतों में मल एकत्रित (इकट्ठा) होता है तो मल के सड़ने से दूषित वायु (गैस) की उत्पति होती है। दूषित वायु को जब कहीं से निकलने का रास्ता नहीं मिलता है तो उस दूषित वायु से पेट फूलने लगता है। इससे अग्निमांद्य (भूख का न लगना, अपच) और अतिसार (दस्त) आदि रोग उत्पन्न हो जाते हैं। चिकित्सकों के अनुसार अधिक मात्रा में भोजन करने, बाजारों में अधिक तेल-मिर्च, गर्म मसालों का सेवन करने से पाचन क्रिया की विकृति के साथ आध्यमान की बढ़ोत्तरी होती है।
- कषैली, कड़वी, तीखी और रूक्ष (सूखा) वस्तुओं को खाने, खेद (दु:ख), अत्यन्त ठण्डे पदाथों का सेवन, मल-मूत्र के प्रेशर के रोकने से, चिंता , भय (डर), अधिक रक्तचाप (हाई ब्लड प्रेशर) से मांस क्षीण, अधिक उल्टी और दस्त के कारण अफारा हो जाता है। आमदोष और वृद्धावस्था से व्यक्तियों की नसों में वायु (गैस) भरकर दोषों को बढ़ाकर शरीर के अंगों को जकड़ कर दर्द पैदा हो जाने से यह विकार उत्पन्न हो जाता है।
कब्ज और गैस को मिटाने का रामबाण घरेलू उपाय
- सौंफ : इस नुस्खे को बनाने के लिए आपको 50 ग्राम सौंफ को एक कढ़ाई में हल्का भुन ले। इसको भुनने के बाद आप इसको मिक्सी में पीसकर रख लें। अब इसका सेवन आपको खाना खाने के आधा घंटा बाद सुबह शाम दोनो टाइम करना है। इसका सेवन आधा चम्मच, गुनगुने पानी के साथ ही करें इस बात का जरूर ध्यान रखें कि आप इसका सेवन करते समय ज्यादा पानी ना पिए सिर्फ दो या तीन घूंट पानी ही पिए 1 घंटे के बाद आप पेट भर पानी पी सकते हैं।
- यह नुस्खा आपके पाचन तंत्र को भी चुस्त-दुरुस्त बनाता है। और आपकी कब्ज गैस जैसी समस्या को जड़ से खत्म कर देता है। इस नुस्खे का सेवन अगर आप लगातार 15 दिन तक कर लेते हैं तो इसके आपको बहुत ही चौंकाने वाले फायदे मिलेंगे।
कब्ज और गैस के अन्य कारगर उपाय :
- सौंफ : सौंफ 25 ग्राम को 500 मिलीलीटर पानी में उबालें, जब 100 मिलीलीटर पानी बच जाये तब सेंधानमक व काला नमक 2-2 ग्राम मिलाकर रख लें, फिर इस काढ़े को छानकर पीने से आध्यमान (अफारा, गैस) नष्ट हो जाता है। सौंफ को कूटकर चूर्ण बनाकर रख लें। 5 ग्राम चूर्ण हल्के गरम पानी के साथ सेवन करने से जल्दी पेट का फूलना (अफारा) नष्ट होता है। सौंफ का काढ़ा बनाकर बस्ति (एक क्रिया जिसमें गुदा मार्ग से पानी डालते हैं) देने से गैस में लाभ होता है।
- धनिया : धनिया का तेल 1 से 4 बूंद मिश्री के साथ देने से बच्चों को पेट की गैस से राहत मिलती है। 2 चम्मच सूखा धनियां 1 गिलास जल में उबालकर 3 बार पीने से गैस में लाभ होता है। या हरा धनिया, काला नमक, कालीमिर्च मिलाकर चटनी बनाकर चाटने से अफारा में लाभ मिलता है। यह चटनी सुपाच्य रहती है। उल्टी में धनिये को मिश्री के साथ सेवन करने से लाभ मिलता है। पिसे हुए धनिये को सेंककर 1-1 चम्मच पानी से फंकी लेने से दस्त आना बंद हो जाता है। दस्तों के साथ आंव, मरोड़, उल्टी, गर्भवती की उल्टी आदि आना बंद हो जाती है। या धनिये का शर्बत अफारा को ऐसे भगा देता है कि जैसे गधे के सिर से सींग। इसके लिए 50 ग्राम धनिया को 2 लीटर में उबाल लें। इसके बाद उबले हुए पानी को ठंडा करके एक बोतल में भर लें। धनिये के दाने को छान लें। यह पानी दिन में 3-4 बार लेना चाहिए। यदि पानी मीठा लगे तो एक प्याला पीते समय उसमें थोड़ा सा काला नमक डाल लें। इससे स्वाद बढ़ जाता है और नमक शरीर को लाभ पहुंचाएगा। धनिये के पानी से हाथ-मुंह भी धोना चाहिए। इससे पसीने की दुर्गंध काफी समय के लिए दूर हो जाती है।
- अलसी के बीज और दूध : अलसी के बीज एक गिलास हल्के गरम दूध के साथ रात को सेवन करने से सुबह पेट बड़ी आसानी से साफ हो जाता है।
- आंवला पाउडर : आंवला पाउडर के सेवन से अपच या कब्ज की समस्या को खत्म किया जा सकता है। रोज रात को सोने से पहले एक चम्मच आंवला पाउडर का सेवन आपके लिए बहुत हीं ज्यादा लाभकारी साबित हो सकता है।
- इलायची : कई बार ऐसा होता है कि हम ना चाहते हुए भी ज्यादा खाना खा लेते हैं. तो जब कभी भी ऐसा हो छोटी इलायची चबा लें. इलायची में पाचन क्षमता काफी अधिक मात्रा में होती है. ये वाष्पशील तेल व पाचन विकार को दूर करने में सक्षम है। इससे आप थोड़ी हीं देर में खुद को हल्का महसूस करेंगे।
Thanks for the great content sir. I will also share with my friends &once again thanks a lot
Thanks for the great content sir. I will also share with my friends &once again thanks a lot.
:- Thanks for the great content sir. I will also share with my friends &once again thanks a lot.