- सुपारी में तीन प्रकार के घटक होते हैं। अधिकतर लोग उसके टुकड़ों को पान के पत्ते, कत्था और चुने के साथ मिलाकर चवाते हैं। सुपारी दुनिया के कुछ हिस्सों में बहुत लोकप्रिय है। इसके मनोवैज्ञानिक और उत्तेजक प्रभावों के कारण मनोरंजक दवा के रूप में इसका उपयोग मुख्य रूप से एशिया और अफ्रीका में किया जाता है। सुपारी में पाए जाने वाले कुछ घटक में औषधीय गुण होते हैं। लेकिन द यू.एस. नेशनल इंस्टीटूट्स ऑफ़ हेल्थ (एनआईएच NIH) के मुताबिक इसके चिकित्सीय प्रयोजन के लिए बहुत ही कम प्रमाण मिले हैं। सुपारी का उपयोग उच्च या निम्न रक्तचाप, अनियमित हृदय गति और अस्थमा को बदतर बना सकता है। इसका बहुत अधिक उपयोग कुछ प्रकार के कैंसर का खतरा बढ़ा सकता है।
सुपारी के 15 घरेलू उपाय :
- दस्त : सुपारी के छोटे-छोटे टुकड़े करके 1 गिलास पानी में उबालें। पानी के आधा रहने पर छानकर पी लें। ऐसा सुबह-शाम रोजाना करने से मेदा (आमाशय) और आंतों की कमजोरी से होने वाले दस्त बंद हो जाते हैं। 10 ग्राम सुपारी को मोटा-मोटा पीसकर 100 मिलीलीटर पानी में उबालने के लिए रख दें। उबलने पर आधा पानी रह जाने पर सुबह-शाम इस पानी को पीने से दस्त ठीक हो जाते हैं।
- मुंह के रोग : 10-10 ग्राम बड़ी इलायची और सुपारी को जलाकर मुंह में छिड़कने से मुंह के सभी रोग ठीक हो जाते हैं।
- दांतों का दर्द : दांतों में किसी प्रकार का दर्द, दांत का हिलना , खून निकलना व सूजन में आराम के लिये सुपारी को जलाकर उसका मंजन बना लें। इससे रोजाना सुबह-शाम मंजन करने से दांत के दर्द में बहुत लाभ मिलता है।
- दांतों को मजबूत बनाना : 50 ग्राम सुपारी को जलाकर इसमें 150 ग्राम खड़िया मिला लें। इससे सुबह-शाम दांत साफ करने से दांत चमकदार और मजबूत बन जाते हैं।
- दांतों में कीड़े लगना : सुपारी को जलाकर मंजन बना लें। इससे रोजाना मंजन करने से दांतों पर जमा हुआ मैल तथा कीड़े खत्म हो जाते हैं।
- पायरिया : सुपारी को जलाकर मंजन बना लें। इस मंजन से रोजाना 2 बार दांत साफ करने से दांत व मसूढ़ों के सभी रोग नष्ट हो जाते हैं।
- आमातिसार : आमातिसार (ऑवयुक्त दस्त) के रोगी को चौथाई से आधी सुपारी का चूर्ण बनाकर सेवन कराने से लाभ मिलता है।
- पेट के कीड़ों के लिए : लगभग 5 ग्राम कच्ची सुपारी को पीसकर 7 से 14 मिलीलीटर जंबारी रस में मिलाकर रोजाना सुबह-शाम सेवन करने से पेट के कीड़े समाप्त हो जाते हैं।
- उपदंश : सुपारी का चूर्ण उपदंश के घाव पर बुरकने या लगाने से घाव ठीक हो जाते हैं।
- त्वचा के रोग : सुपारी को पानी के साथ घिसकर लेप करने से खाज-खुजली , विसर्प और चकत्ते जैसे रोग दूर हो जाते हैं। सुपारी की राख को तिल के तेल में मिलाकर त्वचा पर लगाने से खुजली दूर हो जाती है।
- कुष्ठ (कोढ़) : इन्द्रायण की जड़ और सुपारी को मिलाकर खाने से सफेद कोढ़ मिट जाता है।
- नाभि रोग (नाभि का पकना) : चिकनी सुपारी को पानी में घिसकर नाभि पर लगाने से नाभि से खून व पीब का निकलना बंद हो जाता है।
- मसूढ़ों के रोग में : मसूढ़ों की सूजन में सुपारी को जलाकर इसका बारीक पाउडर (मंजन) बनाकर दांतों और मसूढ़ों पर मलने से मसूढ़ों का ढीलापन खत्म हो जाता है। 1 ग्राम जल सुपारी का चूर्ण, 1 ग्राम फिटकरी , 2 ग्राम सेलखड़ी तथा 1 ग्राम कत्था को बारीक पीसकर पाउडर बना लें। इस बने हुए पाउडर को मसूढ़ों पर मलने से मसूढ़ों की सूजन व उसके सभी रोग मिट जाते हैं।
- मसूढ़ों से खून, दर्द व पीब निकलने पर : मसूढ़ों से खून, दर्द व पीब निकलने पर सुपारी एवं कत्था बराबर मात्रा में लेकर बारीक पीसकर मंजन बना लें। रोजाना 2 बार इससे मंजन करने से लाभ मिलता है।
- उल्टी : सुपारी और हल्दी को बराबर मात्रा में पीसकर बारीक चूर्ण बना लें। इस 2 ग्राम चूर्ण को पानी के साथ लेने से उल्टी होने के रोग में लाभ होता है। सुपारी और हल्दी के चूर्ण को शक्कर के साथ मिलाकर फंकी की तरह लेने से उल्टी होना रुक जाती है।
सुपारी के नुकसान :
- स्वास्थ्य के लिए सुपारी का नियमित इस्तेमाल करना हानिकारक होता है। यह केवल औषधीय उद्देश्य के लिए सिफारिश की मात्रा में इस्तेमाल किया जाना चाहिए। अत्यधिक सुपारी चबाना दांतों के लिए हानिकारक होता है। सुपारी का उपयोग अस्थमा (एल्कोलोइड हैसोलिन के ब्रोन्कोकोनिक्क्टिव प्रभावों के कारण) और गर्भावस्था (एबर्टिफैक्टर) में हानिकारक होता है। सुपारी चबाने से मौखिक कैंसर की समस्या हो सकती है। 8-10 ग्राम सुपारी घातक रूप से विषाक्त होता है।