थाइरॉयड आजकल स्त्री पुरुषों के लिए आम समस्या है. पहले ये समस्या 40 वर्ष के बाद देखी जाती थी लेकिन आज ये हर आयु वर्ग के लोगों में देखी जाती है। थाइरॉयड को साइलेंट किलर माना जाता है क्योंकि इसके लक्षण धीरे-धीरे सामने आते हैं।
गले में तितली जैसी आकृति की एक ग्रंथि ग्लैंड थाइरॉक्सिन हॉर्मोन बनाती है। यह हॉर्मोन बॉडी में एनर्जी लेवल, हार्ट रेट, ब्लड प्रेशर, मूड और मेटाबॉलिज्म को मेंटेन करता है।
थायराइड (Thyroid) की योग चिकित्सा के लिए आप सबसे पहले किसी जानकार योगाचार्य से सम्पर्क करे और कुछ दिन उनके सानिध्य में रह कर सभी प्रणायाम को सही तरीके से सीख ले फिर आप इसे स्वयं भी कर सकते है।
यदि आप इन बताये गए प्रणायाम का विधिवत प्रयोग करते है तो यकीन जानिये कि थायरायड (Thyroid) से आपको अवश्य मुक्ति मिल जायेगी ये सभी प्राणायाम प्रातः नित्यकर्म से निवृत्त होकर खाली पेट ही करें।
कौन से योग का सहारा ले :
1. उज्जायी प्राणायाम: सबसे पहले आप पद्मासन या सुखासन में बैठकर आँखें बंद कर लें और अपनी जिह्वा को तालू से सटा दें अब कंठ से श्वास को इस प्रकार खींचे कि गले से ध्वनि व् कम्पन उत्पन्न होने लगे-इस प्राणायाम को दस से बढाकर बीस बार तक प्रति-दिन करें–
2. नाड़ीशोधन प्राणायाम: कमर-गर्दन सीधी रखकर एक नाक से धीरे-धीरे लंबी गहरी श्वास लेकर दूसरे स्वर से निकालें फिर उसी स्वर से श्वास लेकर दूसरी नाक से छोड़ें आप 10 बार यह प्रक्रिया करें.
3. ध्यानयोग: इसमें आप आँखें बंद कर मन को सामान्य श्वास-प्रश्वास पर ध्यान करते हुए मन में श्वास भीतर आने पर ‘सो’ और श्वास बाहर निकालते समय ‘हम’ का विचार 5 से 10 मिनट करें-
4. ब्रह्ममुद्रा: वज्रासन में या कमर सीधी रखकर बैठें और गर्दन को 10 बार ऊपर-नीचे चलाएँ- दाएँ-बाएँ 10 बार चलाएँ और 10 बार सीधे-उल्टे घुमाएँ
5. मांजरासन: चौपाये की तरह होकर गर्दन-कमर ऊपर-नीचे 10 बार चलाना चाहिए
6. उष्ट्रासन: घुटनों पर खड़े होकर पीछे झुकते हुए एड़ियों को दोनों हाथों से पकड़कर गर्दन पीछे झुकाएँ और पेट को आगे की तरफ उठाएँ इस तरह 10-15 श्वास-प्रश्वास करें
7. शशकासन: वज्रासन में बैठकर सामने झुककर 10-15 बार श्वास -प्रश्वास करें
8. मत्स्यासन: वज्रासन या पद्मासन में बैठकर कोहनियों की मदद से पीछे झुककर गर्दन लटकाते हुए सिर के ऊपरी हिस्से को जमीन से स्पर्श करें और 10-15 श्वास-प्रश्वास करें
9. सर्वांगासन: पीठ के बल लेटकर हाथों की मदद से पैर उठाते हुए शरीर को काँधों पर रोकें इस तरह 10-15 श्वास-प्रश्वास करें
10. भुजंगासन: पीठ के बल लेटकर हथेलियाँ कंधों के नीचे जमाकर नाभि तक उठाकर 10- 15 श्वास-प्रश्वास करें.
कृपया ध्यान रखे :
- किसी योग्य योग शिक्षक से सभी आसन की जानकारी ले के ही करे