- जीरा कब्ज के लिए सबसे कारगर औषधि है। जीरा (Cumin / jeera) एक स्वादिष्ट मसाला है और औषधियों में भी जीरे का बहुत उपयोग किया जाता है। जीरा भारत में बहुत होता है। यह 3 प्रकार का होता है- सफेद जीरा, शाह जीरा या काला जीरा और कलौंजी जीरा। इनके गुण एक जैसे ही होते हैं। तीनों ही जीरे रूखे और तीखे होते हैं। सफेद जीरा दाल-सब्जी छोंकने और मसालों के काम में आता है तथा शाह जीरे का उपयोग विशेष रूप से दवा के रूप में किया जाता है।
- कब्जपाचन तंत्र की उस स्थिति को कहते हैं जिसमें कोई व्यक्ति (या जानवर) का मल बहुत कड़ा हो जाता है तथा मलत्याग में कठिनाई होती है। कब्ज अमाशय की स्वाभाविक परिवर्तन की वह अवस्था है, जिसमें मल निष्कासन की मात्रा कम हो जाती है, मल कड़ा हो जाता है, उसकी आवृति घट जाती है या मल निष्कासन के समय अत्यधिक बल का प्रयोग करना पड़ता है।
- सामान्य आवृति और अमाशय की गति व्यक्ति विशेष पर निर्भर करती है। (एक सप्ताह में 3 से 12 बार मल निष्कासन की प्रक्रिया सामान्य मानी जाती है। पेट में शुष्क मल का जमा होना ही कब्ज है। यदि कब्ज का शीघ्र ही उपचार नहीं किया जाये तो शरीर में अनेक विकार उत्पन्न हो जाते हैं।
- कब्जियत का मतलब ही प्रतिदिन पेट साफ न होने से है। एक स्वस्थ व्यक्ति को दिन में दो बार यानी सुबह और शाम को तो मल त्याग के लिये जाना ही चाहिये। दो बार नहीं तो कम से कम एक बार तो जाना आवश्यक है। नित्य कम से कम सुबह मल त्याग न कर पाना अस्वस्थता की निशानी है।
आवश्यक सामग्री :
- भुना जीरा 120 ग्राम,
- धनिया भुना हुआ 80 ग्राम,
- कालीमिर्च 40 ग्राम,
- नमक 100 ग्राम,
- दालचीनी 15 ग्राम,
- नींबू का रस 15 मिलीलीटर,
- देशी खांड 200 ग्राम
चूर्ण बनाने की विधि :
- भुना जीरा 120 ग्राम, धनिया भुना हुआ 80 ग्राम, कालीमिर्च 40 ग्राम, नमक 100 ग्राम, दालचीनी 15 ग्राम, नींबू का रस 15 मिलीलीटर, देशी खांड 200 ग्राम आदि को बारीक पीसकर चूर्ण बना लें, इसमें से दो ग्राम की खुराक बनाकर सुबह के समय सेवन करने से कब्ज नष्ट होती है और भूख बढ़ती है।
- 25 ग्राम काला और सफेद भुना हुआ जीरा, पीपल 25 ग्राम, सौंठ 25 ग्राम, कालीमिर्च 25 ग्राम और कालानमक 25 ग्राम को मिलाकर पीसकर रख लें, बाद में 10 ग्राम भुनी हुई हींग को पीसकर मिला दें। फिर इस बने चूर्ण में नींबू का रस मिलाकर छोटी-छोटी बराबर गोलियां बनाकर सुखाकर खाना खाने के बाद दो गोलियां खुराक के रूप में सेवन करें। इससे कब्ज दूर होती है।
- कदम के छाल के रस को अगर जीरे और मिश्री के साथ पिलाया जाए तो उल्टी के साथ-साथ बुखार और दस्त हो तो वह भी ठीक हो जाता है।
- एक चम्मच भुने जीरे के बारीक चूर्ण में एक चम्मच शहद को मिलाकर रोजाना खाना खाने से बाद लें। इससे उल्टी ठीक होती है।