नमस्कार दोस्तो एक बार फिर से आपका All Ayurvedic में स्वागत है, आज हम आपको दूध और शहद को साथ पीने के फायदों के बारे में बताएंगे। दूध और शहद दोनों ही शरीर को बल प्रदान करते है। लेकिन आज हम आपको बताएंगे कि अगर आपने 15 दिन तक इन दोनों का सेवन कर लिया तो आपको ऐसे कमाल के फायदे होंगे जिनके बारे में आपने पहले कभी नही सुना होगा।

  • हम सभी जानते हैं कि दूध पीने से सेहत में कितना निखार आता है लेकिन गर्म दूध पीने से हमें क्या लाभ पहुंचता है, ये बहुत कम लोगों को पता है। और इस गर्म दूध में अगर शहद मिल जाए तो यह एक औषधि से कम नही है। आज हम आपको बताएंगे कि गर्म-गर्म दूध में शहद मिलाकर अपने आहार में रोजाना शामिल करने से सेहत को कौन से फायदे मिलते हैं। दूध में अधिक मात्रा में विटामिन ए, विटामिन बी और डी के अलावा कैल्शियम, प्रोटीन और लैक्टिक एसिड पाया जाता है। वही दूसरी ओर शहद में एंटी-ऑक्सीडेंट, एंटी-बैक्टीरियल और एंटी-फंगल गुण पाया जाता है
  • शहद में पोटैशियम होता है, जो रोग के कीटाणुओं का नाश करता है। कीटाणुओं से होने वाले रोग- जैसे आंतरिक बुखार (टायफायड) ब्रान्कोनिमानियां आदि अनेक रोगों के कीटाणु शहद से खत्म हो जाते हैं। यदि किसी मनुष्य की त्वचा पीली है, तो इसका कारण होता है खून में आयरन की कमी होना। शहद में लौह तत्त्व अधिक होता है। सुबह-शाम भोजनोपरान्त (भोजन के बाद) नींबू के रस में शहद मिलाकर अथवा दूध में शहद मिलाकर सेवन करना लाभकारी होता है। शहद में 50 प्रतिशत ग्लूकोज, फ्रक्टोज 37 प्रतिशत, सुक्रोज 20 प्रतिशत, माल्टोज बीस प्रतिशत और इतना ही डेक्सट्रिन्स, गोंद, मोंम क्लोरोफील और सुगन्ध के अंश होते हैं। विटामिन `ए ´ `बी-6´ `बी-12´ और थोड़ी मात्रा में विटामिन `सी ´ भी होता है। शहद खाने में मधुर (मीठा) लगता है। इसमें शरीर के लिए आवश्यक खनिज पदार्थ- मैगनीज , लोहा , तांबा , सिलिका, पोटाशियम , कैल्शियम, फॉस्फोरस , आयोडीन , गन्धक, कैरोटिन और एण्टीसैप्टिक तत्व आदि पाये जाते हैं।

जब दूध और शहद के तत्व मिलते है तो यह एक औषधि बन जाते है। जानिए गर्म दूध और शहद मिलाकर पीनें से क्या फायदे है, आइये जानते है।

दूध और शहद के 9 अद्भुत फायदे :

  1. मानसिक तनाव : अगर आप तनाव में है तो आपके लिए दूध और शहद काफी फायदेमंद है। इसके लिए गर्म दूध में शहद मिलाकर पीने पीएं। जिससे आपकी तंत्रिका कोशिकाओं और तंत्रिका तंत्र को आराम मिलेगा और आप तनाव से निजात पा जाएगे।
  2. कैंसर : जो कैंसर से पीडित हैं या फिर जिनके दांत कमजोर हैं और खाने को ठीक से चबा कर नहीं खा पाते। उनके लिए गर्म दूध और शहद का सेवन काफी फायदेमंद है। यह एक ऐसा आहार है जो हमारें शरीर में जाकर हर कमी को पूरा करता है।
  3. पाचन शक्ति : इसके लिए आप एक गिलास दूध में एक चम्मच शहद मिलाकर पीजिएगा इससे आपकी पाचन शक्ति इतनी मजबूत हो जाएगी कि कुछ भी खाओ आसानी से पच जायेगा क्योंकि इन दोनों के मिश्रण से अच्छे बैक्टीरिया पेट में चले जायेंगे और नुकसान पंहुचाने वाले जीवाणुओं को समाप्त कर देते है।
  4. बलवान : अगर आप दूध में शहद मिलाकर पीते हैं तो जो गर्मियों के दिनों ताकत कम हो जाती है वो वापस लौट आती है क्योंकि दूध में भरपूर मात्रा में प्रोटीन और शहद में कार्बोहाइड्रेट पाया जाता है जो शरीर कि शक्ति को बढ़ाता है।
  5. कब्ज : आजकल कब्ज होना एक आम बात हो गयी है इससे छुटकारा पाने के लिए आप सुबह खाली पेट गुनगुने दूध में शहद मिलाकर सेवन करें इससे कब्ज पूरी तरह समाप्त हो जाती है।
  6. अच्छी नींद के लिए : अगर आपको रात को सुकून भरी नींद नहीं आती है तो आप रोजाना रात को सोने से पहले दूध में शहद मिलाकर सेवन करें इससे आपकी नींद ना आने की समस्या दूर हो जाएगी।
  7. हड्डियाँ मजबूत : दूध में पाया जाने वाला कैल्शियम आपकी हड्डियों को मजबूत बनाए रखने के लिए फायदेमंद है। इसके लिए दूध के साथ शहद का सेवन करें। इसका सेवन करने से हड्डियों में कोई नुकसान हुआ हो तो उसकी भी भरपाई करता रहता है।
  8. दिमागी ताकत : यह आपके शारीरिक और मानसिक क्षमता के लिए काफी फायदेमंद है। क्षमता बढ़ने का सीधा असर हमारे काम पर पड़ता है। जोकि सकरात्मक ही होता है।
  9. थकान भगाये एनर्जी दिलाए : थकान को भगाने के लिए इससे अच्छा कुछ और हो नही सकता है। गर्म दूध और शहद पीने से शरीर में दुबारा ऊर्जा भर जाती है। गर्म दूध और इसमें शहद डालकर अपने बच्चें को स्कूल जाते समय जरुर दें। इससे उनकी दिन की शुरुआत अच्छी हो।

शहद के 65 चमत्कारी फायदे :

  1. बिस्तर में पेशाब करना : कुछ बच्चे रात में सोते समय बिस्तर में ही मूत्र (पेशाब) कर देते हैं। यह एक बीमारी होती है। सोने से पहले रात में शहद का सेवन कराते रहने से बच्चों का निद्रावस्था में मूत्र (पेशाब) निकल जाने का रोग दूर हो जाता है।
  2. पेट दर्द : एक चम्मच शुद्ध शहद शीतल पानी में मिलाकर पीने से पेट के दर्द को आराम मिलता है।
  3. अजीर्ण : एक गिलास पानी में एक चम्मच नींबू का रस तथा आधा चम्मच शहद मिलाकर लेना चाहिए। इससे अजीर्ण का रोग नष्ट हो जाता है।
  4. दस्त : शहद में सौंफ, धनिया तथा जीरा का चूर्ण बनाकर मिला लें और दिन में कई बार चाटें। इससे दस्त में लाभ मिलता है। अनार दाना चूर्ण शहद के साथ चाटने से दस्त बंद हो जाते हैं।
  5. पेट में कीड़े : अजवायन का चूर्ण एक चुटकी को एक चम्मच शहद के साथ लेना चाहिए। दिन में तीन बार यह चूर्ण लेने से पेट के कीड़े मर जाते हैं।
  6. भूख न लगना :  एक दो कालीमिर्च तथा दो लौंग को पीसकर शहद के साथ चाटना चाहिए।
  7. अम्लपित्त : धनिया तथा जीरा लेकर चूर्ण बना लें और शहद मिलाकर धीरे-धीरे चाटना चाहिए। इससे अम्लपित्त नष्ट होता है।
  8. कब्ज : सौंफ, धनियां तथा अजवायन इन तीनों को बराबर मात्रा में लेकर पीस लें। फिर इस चूर्ण में से आधा चम्मच चूर्ण को शहद के साथ सुबह, दोपहर और शाम को इसका सेवन करना चाहिए। इससे कब्ज दूर होती है।
  9. बवासीर : रात्रि को सोते समय एक चम्मच त्रिफला-चूर्ण या एरण्ड का तेल एक गिलास दूध के साथ लेना चाहिए। इससे कब्ज दूर हो जाती है।
  10. पीलिया : त्रिफला का चूर्ण शहद के साथ सेवन करें। इससे पीलिया का रोग नष्ट हो जाता है। गिलोय का रस 12 ग्राम शहद के साथ दिन में दो बार लें। नीम के पत्तों का रस आधा चम्मच शहद के साथ सुबह-शाम सेवन करना चाहिए।
  11. सिर का दर्द : सिर पर शुद्ध शहद का लेप करना चाहिए। कुछ ही समय में सिर का दर्द खत्म हो जायेगा। आधा चम्मच शहद और एक चम्मच देशी घी मिलाकर सिर पर लगाना चाहिए। घी तथा शहद के सूखने के बाद दोबारा लेप करना चाहिए।
  12. रतौंधी : शहद को सलाई या अंगुली की सहायता से काजल की तरह आंखों में सुबह के समय तथा रात को सोते समय लगाना चाहिए। काजल में शहद मिलाकर बराबर लगाते रहने से भी रतौंधी की बीमारी समाप्त हो जाती है। शहद को आंखों में काजल की तरह लगाने से रतौंधी रोग दूर होता है। आंखों की रोशनी भी बढ़ती है।
  13. आंख में जलन : शहद के साथ निबौंली (नीम का फल) का गूदा मिलाकर आंखों में काजल की तरह लगना चाहिए।
  14. आंखों के रोग : एक ग्राम गुरुच का रस तथा आधा चम्मच शहद को मिला लें। फिर इसे आंखों में नियम से रोज सलाई से लगायें। आंखों की खुजली, दर्द, मोतियाबिंद तथा अन्य सभी रोगों के लिए यह उपयोगी अंजन (काजल) है। चार ग्राम गिलोय का रस लेकर उसमें दो ग्राम शहद मिलाकर लोशन बना लें। इसे आंखों में लगायें। आंखों के सभी रोगों में इससे लाभ होगा। रोज सुबह ताजे पानी से आंखों को छप्पा (पानी की छींटे) मारकर धोना चाहिए। इसके बाद दो बूंदे नीम का रस तथा चार बूंदे शहद मिलाकर आंखों में लगाना चाहिए।
  15. मुंह के छाले : छोटी इलायची को पीसकर बारीक चूर्ण बना लें। फिर शहद में मिलाकर छालों पर लगायें।
  16. आवाज का बैठ जाना :  मुलहठी का चूर्ण शहद के साथ चाटना चाहिए।
  17. पायरिया : मसूढ़ों तथा दांतों पर शुद्ध शहद की मालिश करके गुनगुने पानी से कुल्ला करना चाहिए।
  18. खांसी : मुनक्का, खजूर, कालीमिर्च, बहेड़ा तथा पिप्पली-सभी को समान मात्रा में लेकर कूट लें और उसमें से दो चुटकी चूर्ण लेकर शहद में मिलाकर सेवन करें। 3 ग्राम सितोपलादि के चूर्ण को शहद में मिलाकर दिन में तीन बार चाटकर खाने से खांसी दूर हो जाती है। 5 ग्राम शहद में लहसुन के रस की 2-3 बूंदे मिलाकर बच्चे को चटाने से खांसी दूर हो जाती है।
  19. दमा : शहद में कुठार रस 4 बूंद मिलाकर दिन में 3-4 बार देना चाहिए। इससे दमा का रोग नष्ट हो जाता है।
  20. शक्तिवर्द्धक : एक कप दूध में एक चम्मच शहद मिलाकर सुबह के समय पीने से ताकत बढ़ती है।
  21. जुकाम : शहद और अदरक का रस एक-एक चम्मच मिलाकर सुबह-शाम दिन में दो बार पीने से जुकाम खत्म हो जाता है और भूख बढ़ जाती है।
  22. उल्टी : गुड़ को शहद में मिलाकर सेवन करने से उल्टी बंद हो जाती है।
  23. रक्तविकार : बकरी के दूध में आठवां हिस्सा शहद मिलाकर पीने से खून साफ हो जाता है। इसका प्रयोग करते समय नमक और मिर्च का त्याग कर देना आवश्यक है।
  24. टी.बी. : ताजा मक्खन के साथ शहद का सेवन करने से क्षय रोग में लाभ होता है। शहद में करेले का चूर्ण डालकर चाटना चाहिए।
  25. हाईब्लडप्रेशर : दो चम्मच शहद और नींबू का रस एक चम्मच मिलाकर सुबह-शाम दिन में दो से तीन बार सेवन करने से हाई बल्डप्रेशर में लाभ होता है।
  26. कान दर्द : कान में शहद डालने से कान की पीव और कान का दर्द नष्ट हो जाता है।
  27. मलेरिया का बुखार : शुद्ध शहद 20 ग्राम, सैंधानमक आधा ग्राम, हल्दी आधा ग्राम को पीसकर 80 ग्राम की मात्रा में गर्म पानी में डालकर रात को पीने से मलेरिया का बुखार और जुकाम ठीक हो जाता है।
  28. फेफड़ों के रोग : फेफड़ों के रोगों में शहद लाभदायक रहता है। श्वास में और फेफड़ों के रोगों में शहद अधिक प्रयोग करते हैं।
  29. दांतों का दर्द : 1 चम्मच शहद में, लहसुन का रस 20 बूंद मिलाकर प्रतिदिन सुबह-शाम चाटें। इससे पायरिया, मसूढ़ों की सूजन, दर्द, मुंह की दुर्गन्ध आदि खत्म होती है।
  30. इन्फ्लुएन्जा : शहद में पीपल का 1 चुटकी चूर्ण मिलाकर चाटने से आराम मिलता है।
  31. दांत निकलना : बच्चों के दांत निकलते समय मसूढ़ों पर शहद मलने से दांत निकलते समय दर्द में आराम रहता है।
  32. मोतियाबिंद :  9 भाग छोटी मक्खी का शहद, 1 भाग अदरक का रस, 1 भाग नींबू का रस और 1 भाग सफेद प्याज का रस इन सबको मिलाकर और छानकर एक बूंद सुबह और शाम आंखों में डालते रहें इससे मोतियाबिंद दूर हो जाता है। इसमे 12 भाग गुलाब जल डालकर रोजाना इसी प्रकार डालने से आंखों की रोशनी बढ़ती है और चश्मा हट जाता है। स्वस्थ आंखों में असली शहद की एक सलाई हफ्ते मे 1 से 2 बार डालने से आंखों की रोशनी कभी कम नही होगी, बल्कि उम्र बढ़ने के साथ-साथ तेज होती चली जायेगी। साथ ही खाने के लिए चार बादाम रात को पानी में भिगो कर रख लें और सुबह उठते ही चार काली मिर्च के साथ पीसकर मिश्री के साथ चाटे या वैसे ही चबा जाऐं और ऊपर से दूध पी लें।
  33. निमोनिया : निमोनिया रोग में रोगी के शरीर की पाचन-क्रिया प्रभावित होती है इसलिए सीने तथा पसलियों पर शुद्ध शहद की मालिश करें और थोड़ा सा शहद गुनगुने पानी में डालकर रोगी को पिलाने से इस रोग में लाभ होता है।
  34. कान का दर्द : लगभग 3 ग्राम शहद, 6 मिलीलीटर अदरक का रस, 3 मिलीलीटर तिल का तेल और लगभग 1 ग्राम का चौथा भाग सेंधानमक को एक साथ मिलाकर इसकी थोड़ी सी बूंदे कान में डालकर उसके ऊपर से रूई लगा देने से कान से कम सुनाई देना, कान का दर्द, कान में अजीब-अजीब सी आवाजे सुनाई देना आदि रोग दूर हो जाते हैं।
  35. मर्दाना ताकत : शहद और दूध मिलाकर पीने से मर्दाना कमजोरी दूर होती है। और शरीर बलवान होता है।
  36. पक्षाघात-लकवा-फालिस फेसियल, परालिसिस : लगभग 20 से 25 दिन तक रोजाना लगभग 150 ग्राम शहद शुद्ध पानी में मिलाकर रोगी को देने से शरीर का लकवा ठीक हो जाता है। लगभग 28 मिलीलीटर पानी को उबालें और इस पानी के ठंडा होने पर उसमें दो चम्मच शहद डालकर पीड़ित व्यक्ति को पिलाने से कैल्शियम की मात्रा शरीर में उचित रूप में आ जाती है जोकि लकवे से पीड़ित भाग को ठीक करने में मददगार होती है।
  37. भगन्दर : शहद और सेंधानमक को मिलाकर बत्ती बनायें। बत्ती को नासूर में रखने से भगन्दर रोग में आराम मिलता है।
  38. मोटापा दूर करने के लिए : 120 ग्राम से लेकर 240 ग्राम शहद को 100 से 200 मिलीलीटर गुनगुने पानी में मिलाकर दिन में 3 बार खुराक के रूप में सेवन करें।
  39. ट्यूमर : चूना और शहद को अच्छी तरह से मिलाकर गिल्टी पर लगाने से रोग में आराम मिलता है।
  40. मोटापा बढ़ाना : शहद का रोज दूध में मिलाकर सेवन करने से मोटापा बढ़ता हैं।
  41. नींद में चलना : शहद के साथ लगभग 1-2 ग्राम पोस्ता पीसकर इसको शहद में घोलकर रोजाना सोने से पहले रोगी को देने से अच्छी नींद आती है। इससे रोगी को आराम से नींद आ जाती है।
  42. नींद ना आना (अनिद्रा) : एक-एक चम्मच नींबू का रस और शहद को मिलाकर रात को सोने से पहले दो चम्मच पीने से नींद आ जाती है। जब नींद खुले तब दो चम्मच पुन: लेने पर नींद आ जाती है और यदि केवल पानी के गिलास में शहद की दो चम्मच डालकर पीने से नींद आ जाती है।
  43. पेट के कीड़े : दो चम्मच शहद को 250 मिलीलीटर पानी में डालकर दिन में दो बार सुबह और शाम पीने से लाभ होता है। थोड़ी मात्रा में सेवन करने से भी पेट के कीड़े समाप्त हो जाते हैं।
  44. आधासीसी (माइग्रेन) : इस रोग में सूर्य उगने के साथ दर्द का बढ़ना और ढलने के साथ सिर दर्द का कम होना होता है, तो जिस ओर सिर में दर्द हो रहा हो उसके दूसरी ओर के नाक के नथुने में एक बूंद शहद डालने से सिर के दर्द में आराम मिलता है। रोजाना भोजन के समय दो चम्मच शहद लेते रहने से आधे सिर में दर्द व उससे होने वाली उल्टी आदि बंद हो जाती हैं।
  45. कंपकंपाना : शहद के साथ लगभग 1 ग्राम का चौथा भाग से लगभग 1 ग्राम सुहागे की खील (लावा) को चटाने से आक्षेप और मिर्गी में बहुत आराम आता है। शहद के साथ लगभग 1 ग्राम का चौथा भाग जटामांसी का चूर्ण सुबह और शाम रोगी को देने से आक्षेप के दौरे ठीक हो जाते हैं।
  46. पेट में दर्द : शहद का प्रयोग करने से खाना खाने के बाद होने वाले पेट दर्द समाप्त होते है। शहद और पानी मिलाकर पीने से पेट के दर्द में राहत मिलती है।
  47. भूलने की बीमारी : शहद के साथ लगभग तीन ग्राम कलौंजी का सुबह के समय सेवन करने से भूलने की बीमारी दूर हो जाती है।
  48. बुद्धि का विकास कम होना : शहद के साथ लगभग 1 ग्राम का चौथा भाग चांदी की भस्म सुबह और शाम को लेने से बुद्धि के विकास में वृद्धि होती है।
  49. याददास्त बढ़ाना : शहद में लगभग 3 ग्राम कलौंजी का चूर्ण मिलाकर चाटने से याददास्त तेज हो जाती है।
  50. खाज-खुजली : 6 ग्राम से 10 ग्राम तक गर्म पानी में शहद मिलाकर 45 से 60 दिन तक लगातार पीने से हर प्रकार के चमड़ी के रोग, लाल चकते (निशान), खाज-खुजली ठीक हो जाते है। यहां तक की कोढ़ के रोग में भी आराम हो जाता है।
  51. उच्चरक्तचाप : उच्चरक्तचाप कम करने के लिए शहद का प्रयोग लगभग एक सप्ताह तक करें।
  52. त्वचा के रोग : फुंसियों पर असली शहद लगाने से त्वचा के रोग जल्दी ठीक हो जाते हैं। काली मिट्टी में थोड़ा सा शहद डालकर शरीर में जहां पर फोड़े-फुंसिया हो वहां पर लगाने से लाभ होता है।
  53. हाथ-पैरों की अकड़न : हड़ताल की राख (भस्म) में लगभग 1 ग्राम का चौथा भाग शहद को मिलाकर रोजाना सुबह-शाम खाने से हाथ व पैरों की अकड़न दूर हो जाती है।
  54. हृदय की दुर्बलता : शहद हृदय को शक्ति देने के लिए विश्व की समस्त औषधियों से सर्वोत्तम हैं इससे हृदय इतना शक्तिशाली हो जाता है जैसे घोड़ा हरे जौ खाकर शक्ति प्राप्त करता है। शहद के प्रयोग से हृदय के पुट्टों की सूजन दूर हो जाती है। जहां यह रोग-ग्रस्त हृदय को शक्ति देता है वहां स्वस्थ हृदय को पुष्ट और शक्तिशाली बनाता है, हृदय फेल होने से बचाता है। जब रक्त में ग्लाइकोजन के अभाव से रोगी को बेहोश होने का डर हो तो शहद खिलाकर रोगी को बेहोश होने से बचाया जा सकता हैं शहद मिनटों में रोगी में शक्ति व उत्तेजना पैदा करता हैं। सर्दी या कमजोरी के कारण जब हृदय की धड़कन अधिक हो जाये, दम घुटने लगे तो दो चम्मच शहद सेवन करने से नवीन शक्ति मिलती है। हृदय की दुर्बलता, दिल बैठना आदि कोई कष्ट हो तो शहद की एक चम्मच पानी में डालकर पिलायें। एक चम्मच शहद प्रतिदिन लेने से हृदय सबल व मजबूत बनता है।
  55. पीलिया रोग : शुरू में दो दिन तक एक चम्मच मधु की खुराक दो बार दें फिर चार दिन आधे चम्मच के साथ मधु और आंवले का चूर्ण मिलाकर तीन बार दें। अगले चार दिन आधा चम्मच मधु और लौह चूर्ण मिलाकर तीन बार दें।
  56. मिरगी (अपस्मार) : 10 ग्राम शहद के साथ 10 ग्राम ब्राह्मी के पत्तों को मिलाकर रोजाना खिलाने से मिरगी के दौरे दूर हो जाते हैं।
  57. दाद : शहद के साथ मजीठ को पीसकर लगाने से हर प्रकार के दाद और चमड़ी के रोग ठीक हो जाते हैं।
  58. टांसिल : दालचीनी को पीसकर उसमें शहद मिलाकर दिन में दो बार चाटने से तुण्डिका शोथ (टांसिल) का रोग ठीक हो जाता है।
  59. कुष्ठ (कोढ़) :  शहद या मीठे तेल में नौसादर को मिलाकर लगाने से सफेद कोढ़ मिट जाता है।
  60. खून की कमी : 10 ग्राम शहद, 5 ग्राम आंवला, 200 मिलीलीटर गन्ने का रस मिलाकर पीने से खून के रोग में लाभ होता है।
  61. होंठों का फटना : 20 ग्राम शहद में 10 ग्राम सुहागा मिलाकर दिन में तीन बार मलें। इससे होंठो का फटना दूर हो जाता है।
  62. त्वचा का सूजकर मोटा और सख्त हो जाना : डेढ़ ग्राम बड़ी इलायची के बीज को शहद में मिलाकर चटा दें और ऊपर से सनाय, अमलतास और बड़ी हरड़ को मिलाकर 25 ग्राम चूर्ण का काढ़ा बनाकर 50 ग्राम पिला दिया जाए तो त्वचा की सूजन में पूरी तरह से लाभ हो जाता है।
  63. चेहरे की त्वचा का मुलायम और साफ होना : शुद्ध (असली) शहद में नींबू का रस मिलाकर चेहरे पर लगाने से चेहरे पर झुर्रियां नहीं पड़ती है।
  64. सौंदर्य प्रसाधन : मजीठ को शहद में मिलाकर चेहरे पर लेप करने से चेहरे की झाइयां (चेहरे का कालापन) दूर हो जाती है। शहद को चेहरे पर लगाकर दो घंटे तक लगा रहने दें। फिर दो घंटे के बाद चेहरे को गर्म पानी से धो लें। इससे चेहरे पर चमक आ जाती है।
  65. शरीर को शक्तिशाली बनाना : शहद 10 ग्राम, 5 ग्राम घी और 3 ग्राम आंवलासार गन्धक को लेकर इसमें थोड़ी सी शक्कर मिलाकर सेवन करने से शरीर को मजबूती मिलती है।

शहद के हानिकारक प्रभाव : 

  • ज्यादा मात्रा में शहद का सेवन करने से ज्यादा हानि होती है। इससे पेट में आमातिसार रोग पैदा हो जाता है और ज्यादा कष्ट देता है। इसका इलाज ज्यादा कठिन है। फिर भी यदि शहद के सेवन से कोई कठिनाई हो तो 1 ग्राम धनिया का चूर्ण सेवन करके ऊपर से बीस ग्राम अनार का सिरका पी लेना चाहिए।