• पेट फूलना या फिर कहिये ब्‍लोटिंग की परेशानी, जिसमें पेट सूजा हुआ दिखाई देता है। यह कंडीशन काफी असहज होती है, जिसमें छोटी आंत के अंदर गैस भर जाती है। पेट फूलना एक संकेत हो सकता है कि खाया गया भोजन ठीक प्रकार से हजम नहीं हुआ है। पेट फूलने की समस्‍या उन महिलाओं में भी देखी जा सकती है, जिन्‍हें पीरियड्स शुरु होने वाले हों। आप चाहें तो पेट फूलने की समस्‍या से निजात पा सकते हैं। आज हम आपको एक ड्रिंक की रेसेपी शेयर करेंगे जिसका नाम है ‘Sassy water’ | यह ड्रिंक फुले हुए पेट तथा Bloated belly से निजत पाने के लिए रामबाण है | यह ड्रिंक आपके शरीर की extra calories को खत्म करेगी और fat burn करने में मदद करेगी।
  • कभी-कभी भूख न लगना, गलत-खान पान और लापरवाही आदि के कारण पेट में दूषित वायु इकट्ठी हो जाती है, जो आध्यमान या अफारा को पैदा करती है, इसके परिणामस्वरूप पेट की नसों में खिंचाव महसूस होने लगता है। ऐसी अवस्था में मरीज बेचैन हो उठता है। पेट फूलने लगता है। जब यह गैस ऊपर की ओर बढ़ने लगती है तो हृदय पर दबाब बढ़ता है जिससे घबराहट सी महसूस होती है। यह गैस जब पेट में काफी समय तक रुक जाती है तो पेट में काफी दर्द करती है, जिसे अफारा या पेट में गैस का बनना कहते है।

पेट की गैस होने के कारण :

  • आध्यमान (अफारा) यानी (पेट में गैस का बनना) वायु के इकट्ठा होने से पेट के फूलने के कारण पेट में कब्ज़ पैदा हो जाती है। कब्ज के कारण जब आंतों में मल एकत्रित (इकट्ठा) होता है तो मल के सड़ने से दूषित वायु (गैस) की उत्पति होती है। दूषित वायु को जब कहीं से निकलने का रास्ता नहीं मिलता है तो उस दूषित वायु से पेट फूलने लगता है। इससे अग्निमांद्य (भूख का न लगना, अपच) और अतिसार (दस्त) आदि रोग उत्पन्न हो जाते हैं। चिकित्सकों के अनुसार अधिक मात्रा में भोजन करने, बाजारों में अधिक तेल-मिर्च, गर्म मसालों का सेवन करने से पाचन क्रिया की विकृति के साथ आध्यमान की बढ़ोत्तरी होती है।
  • कषैली, कड़वी, तीखी और रूक्ष (सूखा) वस्तुओं को खाने, खेद (दु:ख), अत्यन्त ठण्डे पदाथों का सेवन, मल-मूत्र के प्रेशर के रोकने से, चिंता , भय (डर), अधिक रक्तचाप (हाई ब्लड प्रेशर) से मांस क्षीण, अधिक उल्टी और दस्त के कारण अफारा हो जाता है। आमदोष और वृद्धावस्था से व्यक्तियों की नसों में वायु (गैस) भरकर दोषों को बढ़ाकर शरीर के अंगों को जकड़ कर दर्द पैदा हो जाने से यह विकार उत्पन्न हो जाता है।

पेट की गैस (अफारा) होने के लक्षण :

  • आध्यमान (अफारा) या वायु के इकट्ठा होने से पेट में दर्द, जी मिचलाना , श्वास (सांस) लेने में कष्ट के साथ ही रोगी को बहुत घबराहट होती है। छाती में जलन होती है। दूषित वायु जब ऊपर की ओर चढ़ती है तो सिर में दर्द होने लगता है, रोगी को चक्कर आने लगते हैं। जब तक रोगी को डकार नहीं आती या मलद्वार से वायु नहीं निकलती है तब तक रोगी को बेचैनी और पेट में दर्द होता रहता है।

आवश्यक समग्री :

  1. 2 ltr पानी
  2. 12 छोटी पुदने की पत्तियां
  3. 1 tsp ताजा कद्दूकस किया अदरक
  4. 1 कटा हुआ निम्बू
  5. 1 छिला हुआ और कटा हुआ खीरा

Sassy ड्रिंक को बनाने की विधि :

  • उपर बताई गयी सारी समग्री को एक साथ मिक्स करे और आपकी ड्रिंक सेवन के लिए तयार है। दिन में 8-10 गिलास इस ड्रिंक का सेवन करें | और आपकी bloated belly की समस्या कुछ ही सेकंड में छूमंतर हो सकती है।

पेट की गैस के लिए अन्य 10 चमत्कारी घरेलू उपाय :

  1. सोंठ :  सोंठ का चूर्ण 3 ग्राम और एरण्ड का तेल 8 ग्राम सेवन करने से कब्ज के कारण होने वाला आध्यमान (अफारा) ठीक हो जाता है। सोंठ का चूर्ण लगभग 1 ग्राम का चौथा भाग से लगभग 1 ग्राम भाग में कालानमक मिलाकर सुबह और शाम लेने से लाभ होता है।
  2. पोदीना : पोदीना के 5 मिलीलीटर रस में थोड़ा-सा सेंधानमक मिलाकर सेवन करने से आध्यमान (अफारा) ठीक हो जाता है।  पोदीने के पत्तों का शर्बत बनाकर पीने से अफारा में लाभ होता है।
  3. अदरक : अदरक 3 ग्राम, 10 ग्राम पिसे हुए गुड़ के साथ सेवन करने से आध्यमान (अफारा, गैस) समाप्त होता है।
  4. लहसुन : लहसुन का पिसा हुआ मिश्रण लगभग 1 ग्राम का चौथा भाग को घी के साथ सेवन करने से पेट में बनी गैस बाहर निकल जाती है।
  5. सौंफ : सौंफ 25 ग्राम को 500 मिलीलीटर पानी में उबालें, जब 100 मिलीलीटर पानी बच जाये तब सेंधानमक व काला नमक 2-2 ग्राम मिलाकर रख लें, फिर इस काढ़े को छानकर पीने से आध्यमान (अफारा, गैस) नष्ट हो जाता है। सौंफ को कूटकर चूर्ण बनाकर रख लें। 5 ग्राम चूर्ण हल्के गरम पानी के साथ सेवन करने से जल्दी पेट का फूलना (अफारा) नष्ट होता है। सौंफ का काढ़ा बनाकर बस्ति (एक क्रिया जिसमें गुदा मार्ग से पानी डालते हैं) देने से गैस में लाभ होता है।
  6. जायफल : जायफल का चूर्ण, सोंठ का चूर्ण और जीरे को पीसकर बारीक पाउडर बना लें। इस बने पाउडर को भोजन करने से पहले पानी के साथ लेने से आध्यमान (अफारा, गैस) को पैदा होने नहीं देता है।
  7. बैंगन : बैंगन को अंगारों पर सेंककर उसमें सज्जीखार मिलाकर पेट पर बांधने से, पेट में भार हो गया हो तो वह दूर होता है। बैंगन की सब्जी में ताजे लहसुन और हींग का छौंक लगाकर खाने से आध्यमान (अफारा, गैस) को होने से रोकता है।
  8. पीपल : पीपल का चूर्ण 3 ग्राम, सेंधानमक 1 ग्राम को मिलाकर 150 मिलीलीटर छाछ (मट्ठे या तक्र) के साथ पीने से पेट की वायु (गैस) निकल जाती है जिससे आध्यमान (अफारा, गैस) समाप्त हो जाता है। 3 पीपल को पीसकर इतने ही काले नमक में मिलाकर गर्म पानी से सुबह-शाम खाने के आधे घण्टे बाद फंकी लेने से पेट की गैस बाहर निकल जायेगी।
  9. इलायची : इलायची, आंवले का रस या चूर्ण में भुनी हुई हींग लगभग 1 ग्राम का चौथा भाग और थोड़ा सा नींबू का रस एक साथ मिलाकर सेवन करें। इससे गैस, दर्द और अफारा मिट जाता है।
  10. लौंग : 3 ग्राम लौंग को 200 ग्राम चीनी में उबाल लें। फिर छानकर इस पानी को पीने से अफारा दूर होता है। लगभग 1 ग्राम का चौथा भाग लौंग को पीसकर गर्म पानी से छान लें। इसे सुबह-शाम रोजाना पीने से अफारा में लाभ होता है।