- काफी समय पूर्व अंग्रेजों के जमाने से भारत में बहुत से लोग चाय पीने का शौक रखते हैं। लेकिन आज हम आपको उस चीज़ के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसे आपको कभी चाय के साथ उपभोग नहीं करना चाहिए। क्योंकि यह आपको कैंसर की बीमारी दे सकता है। तो पूर्ण जानकारी प्राप्त करने के लिए, अंत तक इस लेख को जरूर पढ़ें।
1. सिगरेट :
- भारत में बहुत से लोग चाय पीने का शौक रखते हैं और वे चाय के साथ स्नैक्स भी खाते हैं जो एक अच्छी आदत है। लेकिन आपको कभी चाय के साथ सिगरेट का उपभोग नहीं करना चाहिए। क्योंकि इसके कई दुष्प्रभाव होते हैं। यह आपको कैंसर की बीमारी दे सकता है जो एक बहुत ही हानिकारक बीमारी है। तो कभी चाय के साथ सिगरेट का उपभोग ना करें।
2. प्लास्टिक डिस्पोजेबल :
- भारत में चाय दुकानदार प्लास्टिक डिस्पोजल में चाय पीने के लिए देते है जो प्लास्टिक डिस्पोजल कैंसर का कारण बनता है इस लिए चाय या तो काँच के गिलास या मिट्टी की कुल्लड़ में ही पीना चाहिए। आइये विस्तार से जाने प्लास्टिक कैसे कैंसर का कारण बनता है।
- स्टायरोफोम से बने कप और डिस्पोजेबल प्लेट का इस्तेमाल आजकल बढ़ता जा रहा है|इनका चाय, कॉफी और सॉफ्ट ड्रिंक में इस्तेमाल किया जा रहा है. स्टायरोफोम पोलीस टाइम्स प्लास्टिक से निर्मित होता है| यह प्लास्टिक की गैस से भरी हुई बहुत छोटी-छोटी बोल से मिलकर बना होता है. यह एक तरह का थर्माकोल हीं है लेकिन यह साधारण थर्माकोल से ज्यादा सख्त और मजबूत होता है| जिन गैसेस का इस्तेमाल करके इसे हल्का बनाया जाता है और इसकी पूरी निर्माण प्रक्रिया में जिन केमिकल का इस्तेमाल होता है वह हमारी हेल्थ के लिए बहुत ही खतरनाक साबित हो सकते हैं|
- इसमें पाए जाने वाले केमिकल का जब जानवरों पर परीक्षण किया गया तो इसमें कुछ ऐसे तत्व पाए गए जो कि हमारे शरीर में कैंसर पैदा कर सकते हैं| स्टायरोफोम से बनी चीजों में जब गर्म चीज डाली जाती है तो इसमें मौजूद स्टेरिंग मटेरियल घुलने लगता है इसलिए कई देशों में से पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया गया है|
- वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन ने इसे कई देशों में बेन भी कर रखा है. इसके इस्तेमाल से थायराइड,आंखों में इंफेक्शन, थकान, कमजोरी और त्वचा रोग होने की संभावना काफी ज्यादा होती है| कोल्ड ड्रिंक्स, पानी और ठंडी चीजों का स्टायरोफोम से बने बर्तन में सेवन करना इतना बुरा नहीं होता है लेकिन गर्म चीजें जैसे चाय-कॉफी और शुप जैसे बहुत तेज गर्म चीजें इसमें डालने पर यह न्यूरो टॉक्सिक बन जाता है जो भी हमारे दिमाग की नसों को बहुत ज्यादा कमजोर बना देता है | प्लास्टिक की वजह से इन्हें रिसाइकिल करना भी बहुत मुश्किल काम हो जाता है जो की हमारे साथ साथ हमारे वातावरण के लिए भी हानिकारक है |