- नमस्कार दोस्तों एक बार फिर से आपका All Ayurvedic में स्वागत है आज हम आपको सौंफ वाला दूध पीने के चमत्कारी फ़ायदों के बारे में बताएँगे। आप रोज सादा दूध पीते है तो इसके बजाय अगर आप दूध में आधा चम्मच सौंफ डालकर पिएंगे तो आप कई बीमारियों से बच सकते हैं।
- हेल्थ एक्सपर्ट के अनुसार दूध और सौंफ इन दोनों में ऐसे न्यूट्रिएंट्स होते हैं जो कई बीमारियों से शरीर को बचाते हैं। सौंफ एक बहुत सुगन्धित मसाला है और इसमें उड़नशील तेल पाया जाता है जो इसके औषधीय गुणों के लिए उत्तरदायी है। यह भोजन में एक विशिष्ट सुगंध लाता है जिस के कारण इसका अक्सर भारतीय खाना पकाने में इस्तेमाल किया जाता है।
- सौंफ़ बीज स्वाद में मधुर किंचित कटु और तिक्त है। इसमें कई पोषक तत्व, खनिज और विटामिन है जो स्वास्थ्य लाभदायक है। यह अपचन को दूर करती है और इसका प्रयोग दस्त, पेट का दर्द और सांस की बीमारियों के इलाज के लिए किया जाता है। यह आँखों की समस्याओं में फायदेमंद है। सबसे बढ़िया तरीका सौंफ को दूध के साथ ले या फिर खाना खाने के बाद इसका सेवन करे।
सौंफ वाला दूध बनाने की विधि :
- सौंफ वाला दूध बनाने के लिए एक गिलास दूध में आधा चम्मच सौंफ मिलाकर दूध को उबाल लें फिर इसे छलनी से अच्छी तरह से छान कर पिएं। इससे सौंफ का अर्क दूध में उतर जाएगा। तो आइये जानते हैं रोज दूध में सौंफ मिलाकर पीने से होने वाले 9 फायदे के बारे में।
सौंफ वाला दूध पीने के फायदे :
- इसमें कैल्सियम होता है इससे हँड़िया मजबूत होती है और जोड़ो के दर्द से भी बचाव होता है।
- इससे बॉडी का मेटाबोलिज्म बढ़ता है. यह ड्रिंक वजन कंट्रोल करता है और मोटापे से बचाता है।
- इस ड्रिंक में एंटी बैक्टीरियल प्रोपर्टीज होती है. इससे पिम्पल्स ठीक होते है और चेहरे की चमक बदती है।
- इसमें एस्पार्टिक एसिड होता है. इससे कब्ज, एसिडिटी जैसी प्रॉब्लम दूर होती है और डाईजेशन ठीक रहता है।
- इससे आंखे हेल्दी रहती है। यह मोतियाबिंद जैसी आँखों की प्रॉब्लम से बचाता है।
- इससे कोलेस्ट्रोल का लेवल बलेंस रहता है और हार्ट की बीमारियों से बचाता है।
- इससे बॉडी के टाक्सिनस दूर होते है और यूरिन इन्फेक्शन से बचाता है।
- इस ड्रिंक में पोटेशियम की मात्र ज्यादा होती है। इससे ब्लड प्रेसर कंट्रोल रहता है।
- इसमें आयरन होता है, यह एनीमिया यानि खुन की कमी से बचाता है।
सौंफ के 15 लाभ :
1. गैस व कब्ज : सौंफ खाने से पेट और कब्ज की शिकायत नहीं होती। सौंफ को मिश्री या चीनी के साथ पीसकर चूर्ण बना लीजिए, रात को सोते वक्त लगभग 5 ग्राम चूर्ण को हल्केस गुनगने पानी के साथ सेवन कीजिए। पेट की समस्या नहीं होगी व गैस व कब्ज दूर होगा।
2. आंखों की रोशनी : आंखों की रोशनी सौंफ का सेवन करके बढ़ाया जा सकता है। सौंफ और मिश्री समान भाग लेकर पीस लें। इसकी एक चम्मच मात्रा सुबह-शाम पानी के साथ दो माह तक लीजिए। इससे आंखों की रोशनी बढती है।
3. अजीर्ण : डायरिया होने पर सौंफ खाना चाहिए। सौंफ को बेल के गूदे के साथ सुबह-शाम चबाने से अजीर्ण समाप्त होता है और अतिसार में फायदा होता है।
4. उत्तम पाचक : खाने के बाद सौंफ का सेवन करने से खाना अच्छे से पचता है। सौंफ, जीरा व काला नमक मिलाकर चूर्ण बना लीजिए। खाने के बाद हल्के गुनगुने पानी के साथ इस चूर्ण को लीजिए, यह उत्तम पाचक चूर्ण है।
5. खांसी : खांसी होने पर सौंफ बहुत फायदा करता है। सौंफ के 10 ग्राम अर्क को शहद में मिलाकर लीजिए, इससे खांसी आना बंद हो जाएगा।
6. पेट में दर्द : यदि आपको पेट में दर्द होता है तो भुनी हुई सौंफ चबाइए इससे आपको आराम मिलेगा। सौंफ की ठंडाई बनाकर पीजिए। इससे गर्मी शांत होगी और जी मिचलाना बंद हो जाएगा।
7. खट्टी डकारें : यदि आपको खट्टी डकारें आ रही हों तो थोड़ी सी सौंफ पानी में उबालकर मिश्री डालकर पीजिए। दो-तीन बार प्रयोग करने से आराम मिल जाएगा।
8. हाथ-पांव में जलन : हाथ-पांव में जलन होने की शिकायत होने पर सौंफ के साथ बराबर मात्रा में धनिया कूट-छानकर, मिश्री मिलाकर खाना खाने के पश्चात 5 से 6 ग्राम मात्रा में लेने से कुछ ही दिनों में आराम हो जाता है।
9. गले में खराश : अगर गले में खराश हो जाए तो सौंफ चबाना चाहिए। सौंफ चबाने से बैठा हुआ गला भी साफ हो जाता है
10. त्वचा में चमक : रोजाना सुबह-शाम खाली सौंफ खाने से खून साफ होता है जो कि त्वचा के लिए बहुत फायदेमंद होता है, इससे त्वचा में चमक आती है।
11. जठरशोथ (पेट की सूजन) : सौंफ़ पेट की सूजन के इलाज के लिए प्रयोग किया जाता हैं। सौंफ़ बीज चूर्ण आमतौर पर जठरशोथ लक्षणों के उपचार के लिए किया जाता है। यह गैस्ट्रिक एसिड के स्राव विनियमित करता है और श्लैष्मिक कला के शोथ को कम करता है।
12. अपचन, अमलपित्त, खट्टी डकार, गैस : अपचन, अल्सर, अमलपित्त, खट्टी डकार, गैस और अन्य रोगों के उपचार के लिए सौंफ का प्रयोग उत्तम माना जाता है। यह पेट में तेजाब के स्राव विनियमित करता है, उसकी तीक्ष्णता कम करता है, आमाशय शोथ को दूर करता है, और आमाशय दर्द को दूर करता है।
14. मतली और उल्टी : सौंफ के वमनरोधी (छदिनिग्रहण) होने के कारण मतली और उल्टी के इलाज में मदद करता है। यह गैस्ट्रिक स्राव को विनियमित कर अम्लीय स्वाद और मुंह के खट्टा स्वाद को कम करने में मदद करता है।
15. वजन घटना : सौंफ़ चयापचय क्रिया बढ़ाने में सहायक हैं। सौंफ़ वसा चयापचय को बढ़ा देता है और अतिरिक्त चर्बी संचय से बचाता है। यह वजन कम करने में मदद करता है।