- जायफल रूचि उत्पन्न करनेवाला, जठराग्नि, प्रदीपक तथा कफ और वायु का शमन करनेवाला है। जायफल जितना वयस्कों के लिए हितकर है, उतना ही बालकों के लिए भी हितकर है। यह ह्रदय रोग, दस्त, खाँसी, उलटी, जुकाम आदि में लाभदायी है। यूनानी मतानुसार जायफल पेशाब लाने वाले, दुग्धवर्धक, नींद लाने वाले, पाचक व पौष्टिक होते हैं।
- वजन में हलके, पोले और रूखे जायफल कनिष्ठ और बड़े, चिकने व भारी जायफल श्रेष्ठ माने जाते हैं। जायफल का पेड़ काफी बड़ा होता है। इसकी 80 जातियां मानी जाती हैं। भारत व मालद्वीप में कुल 30 जातियां पायी जाती हैं। आइए जाने जयफल के 9 फ़ायदों के बारे में…
जायफल के 9 फायदे :
- हिचकी : तुलसी के रस में जायफल (jaiphal)को घिसकर एक चम्मच की मात्रा में 3 बार खायें। इससे हिचकी बंद हो जाती है।चावल के धुले पानी में जायफल को घिसकर पीने से हिचकी व उल्टी बंद हो जाती है।
- सिर दर्द : कच्चे दूध में जायफल(jaiphal) घिसकर सिर में लगाएं। इससे बहुत आराम मिलेगा। सिर में दर्द होने पर जायफल को पानी में घिसकर माथे पर लेप की तरह लगाने से सिर का दर्द ठीक हो जाता है।
- मुंह के छाले : जायफल (jaiphal)के काढे़ से 3-4 बार गरारें करें। इससे मुंह के छाले नष्ट हो जाते हैं।जायफल के रस में पानी मिलाकर कुल्ले करने से छाले ठीक हो जाते हैं।
- बच्चों के दस्त : जायफल को पानी में घिसकर आधा-आधा चम्मच 2-3 बार पिलाएं। इससे बच्चों का दस्त बंद हो जाता है।
- पेट का फूलना, पेट में दर्द और पतले दस्त : 1 ग्राम जायफल के चूर्ण को आधे कप पानी के साथ दिन में सुबह और शाम पीयें इससे पेट का फूलना, पेट में दर्द और पतले दस्त बंद हो जाते हैं।
- नींद न आना : गाय के घी में जायफल घिसकर पैर के तलुवों और आंखों की पलकों पर लगाएं, इससे नींद अच्छी आएगी। जायफल को जल या घी में घिसकर पलकों पर लेप की तरह लगाने से नींद जल्दी आ जाती है।
- सर्दी व जुकाम : जायफल को पानी में घिसकर लेप बना लें। इस लेप को नाक पर, नथुनों पर और छाती पर मलने से जल्दी आराम मिलेगा। साथ ही जायफल का चूर्ण सोंठ के चूरन के बराबर की मात्रा में मिलाकर एक चौथाई चम्मच 2 बार खिलायें। इससे सर्दी और जुकाम का रोग दूर हो जाता है।जायफल पिसा हुआ एक चुटकी की मात्रा में लेकर दूध में मिलाकर देने से सर्दी का असर ठीक हो जाता है। इसे सर्दी में सेवन करने से सर्दी नहीं लगती है।
- मुंहासे : कच्चे दूध में जायफल घिसकर रोजाना सुबह और रात में पूरे चेहरे पर लगाएं। इससे मुंहासें के अलावा चेहरे के काले धब्बे भी दूर होंगे और चेहरा भी निखर जायेगा। गैस, कब्ज की तकलीफ: नींबू के रस में जायफल घिसकर 2 चम्मच की मात्रा में सुबह-शाम भोजन के बाद सेवन करने से गैस, कब्ज की तकलीफ दूर होगी।
- मुंह की दुर्गन्ध और फीकापन : जायफल के छोटे-छोटे टुकड़ों को दिन में 2-3 बार चूसते रहने से मुंह की दुर्गन्ध और फीकापन दूर हो जाता है। जायफल के टुकड़े 240 से 360 मिलीग्राम की मात्रा में चबाने से मुंह की दुर्गन्ध दूर होती है। इसके सेवन से चक्कर एवं मुर्च्छा (बेहोशी) के लक्षण प्रकट हो सकते हैं।
पैरो की मालिश के 5 फायदे
- खून का दौरा सुचारु करे :- सारा दिन टाईट जूते और अन्य तरह के फुटवियर पहनने से पैरों के तलवों तक खून का दौरा सुचारु रूप से नही हो पाता है । इस अवरुद्ध हुये खून के दौरे को सुचारू करने के लिये पैरों की मालिश सर्वोत्तम उपाय है । सोने से पहले 10 से 20 मिनट तक पैरों और तलवों की मालिश करने से पैरों के अंतिम हिस्से तक खून का दौरा सुचारू हो जाता है । यह मालिश उन लोगों के लिये विशेष रूप से लाभकारी है जिनको मधुमेह रोग के कारण तलवों में सुन्नपन की समस्या पैदा होने लगी है ।
- अच्छी नींद लाये :- सारे दिन की भाग-दौड़ के बाद शाम होते होते दिमाग बहुत ज्यादा थकने लगता है जिस कारण बहुत से लोग शांतिपूर्वक नही सो पाते है और उनकी नींद पूरी रात बार बार टूटती है । यदि ऐसे परेशान लोग रोज रात को सोने से पहले 10-15 मिनट तक अपने पैरों पर मालिश करें तो यह पैरों की बेचैनी को खत्म करके शांतिपूर्वक नींद आने में सहायता करता है ।
- तनाव और अधीरता को भगाये :- हम लोग अधिकतर तनाव और अधीरता में रहते ही हैं । पैरों की मालिश तनाव और हड़बड़ी को घटाने में बहुत मदद कर सकती है । यह दिमाग को शांति पहुचाने के अलावा और भी बहुत से लाभ कर सकती है । मालिश करते समय तलवों पर अलग अलग हिस्सों पर अतिरिक्त दवाब देनें से नाड़ीतंत्र सही होता है और पूरे शरीर में आराम महसूस होता है जिससे तनाव में बहुत लाभ होता है । दवाब हाथों से देने के अतिरिक्त एक्यूप्रेशर वाले फुटपैड़ भी प्रयोग किये जा सकते हैं ।
- पैरों के दर्द से राहत :- अच्छी तरह से की गयी मालिश पैरों और पैरों की माँशपेशियों को बहुत अच्छी तरह से आराम पहुँचाती है साथ ही साथ पैरों पर आयी हुयी सूजन भी मालिश से उतर जाती है जिस कारण से पैरों के दर्द में बहुत आराम होता है । यदि मलिश करने से पहले पैरों को हल्के गुनगुने पानी से धो लिया जाये तो परिणाम और भी बेहतर होते हैं।
- रक्तचाप कम करता है :- चूंकि दिन भर जूते पहने रहने से पैर के अंतिम भाग तक खून का दौरा सही से नही पहुँच पाता है अत: दिल ज्यादा जोर से पम्पिंग करके इस समस्या को दूर करने की कोशिश करता है जिस कारण से बाकि पूरे शरीर में रक्त्चाप बढ़ने का खतरा रहता है। यदि रात को तलवों में मालिश की जाये तो पैरों का रक्तदवाब सही रहता है और इस समस्या से बचा जा सकता है।
पैरों की मालिश करने का तरीका
शरीर के बाकि हिस्सों की मालिश करने के लिये आपको दूसरों की मदद की जरूरत पड़ सकती है किंतु पैरों की मालिश आप अपने आप ही कर सकते हैं। पैरों की मालिश का सही तरीका
- एक बड़े बरतन में गुनगुना पानी भरिये और उसमें अपनी पसंद का कोई भी तेल 5-6 बूँद ड़ालिये।
- 10 मिनट के लिये अपने पैरों को इसमें डुबाकर बैठ जाइये और फिर एक सूती तौलिये से पैरों को दबा-दबा कर पोंछ लीजिये।
- अब एक कुर्सी पर आराम से बैठ जाइये।
- अपने सीधे पैर के तलवे को उल्टे पैर के घुटने पर टिका लें।
- अपनी पसंद का कोई भी तेल जैसे कि नारियल तेल, तिल तेल, सरसों तेल अथवा जैतून का तेल हल्का गर्म किया हुया लेकर अपने सीधे पैर की मालिश कीजिये। मालिश करते समय हाथ ऊपर से नीचे की तरफ ले जायें और पैरों पर हल्का हल्का सा दवाब जरूर दीजिये।
- पैरों के बाद तलवों और पैर की अंगुलियों की भी मालिश कीजिये।
- अब पैरों की स्थिति बदलकर उल्टे पैर भी इसी तरह मालिश कीजिये।
- ध्यान रखें एक पैर की सम्पूर्ण मालिश के लिये 10-15 मिनट पर्याप्त हैं।