मखाना | Lotus Seeds | Makhana
तालाब, झीलों और दलदली क्षेत्र के पानी में उगने वाला मखाना पोषक तत्वों से भरपूर जलीय उत्पाद है। मखाने का इस्तेमाल तरह तरह के व्यंजन बनाने में किया जाता है। खाने में स्वादिष्ट मखाना कई तरह के आवश्यक तत्वों से भरपूर होता है। इसमें एक तरह का ऐसा एंजाइम पाया जाता है जो बुढ़ापे को कम करता है।
मखाना प्रोटीन, विटामिन, फाइबर, मैग्नीशियम, फॉस्फोरस, आयरन और जिंक जैसे खनिज और पोषक तत्वों से भरपूर होता है। मखाना तालाब, झील, दलदली क्षेत्र के शांत पानी में उगये जाते। मखाना पोषक तत्वों से भरपुर एक जलीय उत्पाद है।
मखाने में 9.7% आसानी से पचनेवाला प्रोटीन, 76% कार्बोहाईड्रेट, 12.8% नमी, 0.1% वसा, 0.5% खनिज लवण, 0.9% फॉस्फोरस एवं प्रति 100g 1.4 mg लौह पदार्थ मौजूद होता है। इसमें औषधीय गुण भी होता है।
मखाना या मखाने खाने का सबसे अच्छा तरीका है की या तो आप इसकी खीर बनाकर सेवन करे या फिर आवश्यकता अनुसार मखाने ले फिर इसको देशी घी में फ्राई करें साथ मे थोड़ी मात्रा में हल्दी मिला दे जैसे पॉपकॉर्न हल्दी, तेल के साथ रोस्टेड किये जाते है ठीक उसी प्रकार, अब आप इसमे स्वादानुसार नमक मिलाए और जब चाहे तब सेवन करे।
मखाना के फायदे | Benefits of Makhana
कमजोरी दूर करे : मखाना ऊर्जा का अच्छा स्रोत है। इसके सेवन से तुरंत ही ऊर्जा मिलती है। इसके नियमति सेवन शारीरिक दुर्बलता खत्म होती है।
पेशाब करने में परेशानी : 1 से 3 ग्राम मखाने को गर्म पानी के साथ दिन में 3 बार सेवन करने से मूत्रकृच्छ (पेशाब करने में परेशानी) दूर हो जाती है।
मजबूत हड्डियाँ : कैल्शियम से लबरेज मखाना हड्डियों को मजबूत बनाता है। इसके नियमित सेवन से हड्डियों और जोड़ो के दर्द से मुक्ति मिलती है।
स्वस्थ त्वचा : मखाना में एंटीओक्सिडेंट और एंटी एजिंग तत्व पाए जाते हैं। इसे रोजाना खाने से चेहरे पर झुर्रियों नहीं आती तथा चेहरा लम्बे समय तक जवां और निखरा-निखरा रहता है।
शारीरिक शक्ति : मखाना के 3 से 6 ग्राम बीज तथा चीनी को एक साथ पीसकर मिश्रण तैयार करें, फिर इस मिश्रण को दूध के साथ दिन में 3 बार देने से शारीरिक शक्ति बढ़ती है।
किडनी : मखाने के सेवन से शरीर से हानिकारक टॉक्सिक तत्व बाहर होते हैं जिस से किडनी में किसी भी तरह की समस्या उत्पन्न होने की संभावनाएं न के बराबर हो जाती हैं। मखाना के 3 से 6 ग्राम बीज तथा चीनी को एक साथ पीसकर मिश्रण तैयार करें, फिर इस मिश्रण को दूध के साथ दिन में 3 बार देने से पथरी के रोग में लाभ मिलता है।
नाभि के रोग और सूजन : ताल मखाना की जड़ का काढ़ा 40 ग्राम या बीज 2 से 4 ग्राम को दूध के साथ सुबह-शाम लेने से नाभि के रोग और सूजन दूर होती है।
शारीरिक दोष : मखाने को खीर के साथ चबायें या केवल मखाने को चबाकर खायें। इससे यौवन की कमी से हुई शारीरिक कमज़ोरी दूर हो जाती है।
मधुमेह : मधुमेह रोगियों के आहार में मखाना शामिल करना उनके लिए बहुत फायदेमंद होता है। मखाने के सेवन शरीर में इन्सुलिन का स्तर नियंत्रित रहता है।
दिल के लिए भी लाभदायक : मखाने के सेवन से शरीर का कोलेस्ट्रोल लेवल कम होता है। इसके नियमित सेवन से हृदय सम्बन्धी रोगों के होने का भी ख़तरा टलता है। ‘
मजबूत मांसपेशियां : मखाना प्रोटीन से भरपूर होता है। कसरत करने वालो या जिम जाने वालो को मखाना का सेवन तो अवश्य ही करना चाहिए। इसके सेवन से मसल्स का निर्माण होता है और मांसपेशियां मजबूत बनती है।
फीलपांव या गजचर्म : घी, शहद, मक्खन, पीपल, अदरक, मिर्च और सेंधानमक को मिलाकर पीने से फीलपांव का रोग दूर हो जाता है।