पपीता | Papaya | पपीता बीज | Papaya Seeds
- पपीता एक ऐसा फल है जो पूरे साल आसानी से मिल जाता है. भारत के ज्यादातर घरों में पपीते का पौधा आसानी से लगा हुआ मिल जाता है. पपीता जितना स्वादिष्ट होता है, यह उतना हीं हमारे स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद भी है. पपीते का रस भी बहुत फायदेमंद होता है. पपीते के बीज के भी ढेर सारे उपयोग हैं।
- पपीता बालों और त्वचा के लिए भी अच्छा होता है. पपीते का उपयोग उपयोग सलाद के रूप में भी किया जाता है। तो आइए पपीता के क्या-क्या फायदे हैं और इसका उपयोग किस-किस तरह से किया जा सकता है। पपीता केवल फल नहीं है यह एक दवाई भी है क्योंकि यह पेट से दिल तक स्वस्थ्य लाभ पहुंचता है। पपीता एक ऐसा फल है, जो कच्चा और पका हुआ दोनों ही रूप में खाया जाता है।
- सबसे अच्छी बात यह है पपीते में कई तरह के विटामिन मिलते हैं, नियमित रूप से खाने से शरीर में कभी विटामिन्स की कमी नहीं होती। बीमार व्यक्ति के लिए भी यह बहुत फायदेमंद होता है। यह आसानी से अवशोषित होकर शारीर को काफी फायदा पहुचता है। पपीते में पपेन नामक पदार्थ पाया जाता है जो मांसाहार गलाने के काम आता है। भोजन पचाने में भी यह अत्यंत सहायक होता है।
- पपीता साल भर मिलने वाला फल है। पपीता कच्चा हो या पक्का खाया जा सकता है। पपीता खाने से हमारे शरीर को बहुत सारे फायदे मिलते हैं। पपीता इतना फायदेमंद होने के बावजूद भी इसको गर्भवती महिलाओं को खाने के लिए नहीं देना चाहिए। क्योंकि गर्भवती महिलाओं पर इसका प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। चलिए जान लेते हैं किन अवस्थाओं में आपको पपीते का सेवन नहीं करना चाहिए।
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किन अवस्थाओं में पपीते का सेवन नहीं करना चाहिए
- हम सभी पपीते को एक अच्छे फल के रुप में जानते हैं। लेकिन इसका अत्यधिक सेवन हमारे भोजन नली पर प्रतिकूल प्रभाव डाल सकता है। हम जो भी खाना खाते हैं वह इसी भोजन नली के द्वारा पेट तक पहुंचता है। इसीलिए इस फल को हमेशा कम मात्रा मे ही खाना चाहिए।
- अगर आप कच्चा पपीता खाते हैं तो यह आपके लिए कभी-कभी एलर्जी का कारण भी बन सकता है। क्योंकि कच्चे पपीते में पाए जाने वाला लेटेक्स एलर्जी का कारण बन सकता है। इसलिए अगली बार जब भी कच्चा पपीता खाने की सोचे तो सावधानी जरूर बरतें।
- इस फल के बहुत सारे आयुर्वेदिक लाभ हैं मगर इस फल के बीज और जड़ गर्भपात की संभावनाओं को बढ़ा सकते हैं। खासकर गर्भवती महिलाओं को इसका सेवन बड़ी सावधानी से करना चाहिए।
- इसका अत्यधिक सेवन आपके स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव डाल सकता है। क्योंकि इसमें अति संवेदनशील बेंजीन आइसोथियोसाइनेट जैसे विषाक्त तत्व पाए जाते हैं।
पपीते के बीज के फायदे
- फोड़े फुंसी, एलर्जी में पपीता : त्वचा से सम्बन्धित समस्त विकारों को मिटाने में पपीता बीज खास है। Papaya Seeds / पपीते बीज को बीज को पीस का ग्रसित त्वचा पर लगायें। और 1 चम्मच पपीता बीज को पीसकर 1 गिलास पानी के साथ सेवन करें। त्वचा विकार शीघ्र ठीक हो जाते हैं। पपीता बीज पाउडर फोड़े, फुंसी, त्वचा विकार, मिटाने में सहायक है।
- किड़नी स्टोन : किड़नी में पथरी होने पर रोज पपीता खायें और पपीते का बीज पीसकर / Papaya Seeds Powder रोज सुबह शाम गुनगुने पानी के साथ सेवन करें। पपीता बीज किड़नी पथरी में रामबाण दवा का काम करता है।
- कैंसर दूर करे पपीता : कैंसर पीड़ित व्यक्ति के लिए पपीता खाना स्वास्थ्यवर्धक है। और पपीते का बीज सुखाकर, पीसकर पाउडर बनाकर रख लें। रोज आधा चम्मच बीज 1 गिलास पानी के साथ सेवन करने से कैंसर में सुधार होता है।
- लीवर सिरोसिस में : लीवर से जुड़ी समस्या में पपीते के बीज लीवर के लिए बेहतरीन होते हैं. ये लीवर सिरोसिस में काफी फायदेमंद होता है। आप चाहें तो इसे नींबू के रस के साथ ले सकते हैं।
- जलन होने या सूजन में : अगर आपको त्वचीय जलन हो रही है तो भी आप पपीते के बीजों का इस्तेमाल कर सकते हैं. शरीर के किसी अंग में सूजन हो तो भी पपीते के बीजों का इस्तेमाल फायदेमंद रहता है।
- वायरल बुखार होने पर : अगर आप प्रतिदिन पपीते के बीजों का सेवन करते हैं तो आपको वायरल बुखार होने की आशंका कम हो जाती है। ये बीज एंटी-वायरल एजेंट की तरह काम करते हैं। साथ ही यह संक्रामक बीमारियों में भी एक कारगर उपाय है।
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पपीते के फल के स्वास्थ्य लाभ
- दिल की बीमारी- पपीते में एंटीऑक्सीडेंट और विटामिन ए, सी और इ पाया जाता है। इस ऑक्सीडेंट से शारीर में कोलेस्ट्रॉल नहीं जम पाता, जिससे वजह से दिल की बीमारी नहीं होती। इसके अलावा इसमें फाइबर होते हैं जो कोलेस्ट्रॉल को खून में कंट्रोल कर के रखते हैं।
- पाचन तंत्र के लिये- पपीते के रस में ‘पॅपेइन’ नामक एक तत्त्व पाया जाता है, जो आहार को पचाने में अत्यंत मददगार साबित होता है। इसमें दस्त और पेशाब साफ करने का गुण होता है। जिन लोगों को कब्ज की शिकायत हमेशा होती रहती है उनको पपीते का नियमित सेवन करना चाहिए।
- एजिंग रोके- समय से पहले बूढा होना भला कौन चाहेगा। पपीता इसी को रोकता है। इस फल को खाने से हमारा शरीर भोजन से सारे पोषण आराम से ग्रहण कर लेता है, जिससे उसकी जरुरत पूरी हो जाती है। अब अगर शरीर में सारे जरुरी पोषण जाएंगे तो वह सालों साल जवान दिखता रहेगा।
- कील मुंहासे- सौंदर्य प्रसाधनों में भी इसका प्रयोग किया जाता है। पके हुए पपीते का गूदा चेहरे पर लगाने से मुहांसे और झांई से बचाव किया जाता है। इससे त्वचा का रूखापन दूर किया जाता है और झुर्रियों को रोका जा सकता है। इसलिए चेहरे के दाग धब्बों को मिटाने के लिये इसका प्रयोग बहुत ही लाभदायक है।
- कैंसर- पपीते में एंटी कैंसर के गुंण पाए जाते हैं। इसमें मौजूद विटामिन सी, बीटा कैरोटीन और विटामिन इ शरीर में कैंसर सेल बनने से रोकते हैं। इसलिये आपको रोज अपनी डाइट में पपीता खाना चाहिये।
- आंखों के लिये- पपीता नेत्र रोगों में हितकारी होता है, क्योंकि इसमें विटामिन ‘ए’ प्रचुर मात्रा में पाया जाता है, इसके सेवन से रतौंधी नामक (रात को न दिखाई देना) रोग का निवारण होता है और आँखों में ज्योंति बढ़ती है। पपीता से रक्तशुद्धि, पीलिया रोग का निवारण, अनियमित मासिक धर्म में हितकारी तथा सौंदर्य वृद्धि में सहायक होता है।
- दाद- पपीते का दूध निकालकर कुछ दिनों तक दाद पर लगाने से दाद ठीक होता है।
- प्लीहा रोग- प्लीहा रोग से पीड़ित रोगी को पपीता का सेवन प्रतिदिन करना चाहिए। इससे प्लीहा रोग ठीक होता है।
- यकृत (जिगर) रोग- यदि छोटे बच्चों के यकृत (जिगर) खराब रहता हो तो उसे प्रतिदिन पपीता खिलाना चाहिए। पपीता यकृत (जिगर) को ताकत देता है। यह पेट के सभी रोगों को भी समाप्त करता है। पपीता और सेब खाने से बच्चों के जिगर की खराबी दूर होती है।
- कब्ज़- कच्चा पपीता या पका पपीता खाने से कब्ज की शिकायत दूर होती है। कब्ज से पीड़ित रोगी को प्रतिदिन सुबह पपीते का दूध पीना चाहिए। इससे कब्ज दूर होकर पेट साफ होता है। खाना खाने के बाद पपीता खाने से कब्ज की शिकायत दूर होती है। पपीते के दूध व अदरक के रस में 50 ग्राम अजवाइन मिलाकर छाया में सूखा लें। सूख जाने पर यह आधा चम्मच की मात्रा में भोजन के तुंरत बाद पानी से लें। इससे कब्ज दूर होती है। यह गैस बनना, गले व छाती की जलन, भूख का न लगना, गुदा की खुजली आदि को भी ठीक करता है।
ज्यादा पपीता सेवन के हानिकारक प्रभाव
- गर्भावस्था के दौरान कच्चा या पका पपीता नहीं खाना चाहिए। जिन स्त्रियों को मासिक-धर्म अधिक आता हो उन्हें भी पपीता नहीं खाना चाहिए। प्रमेह, कुष्ठ व अर्श (बवासीर) के रोगियों के लिए कच्चा पपीता हानिकारक होता है। पपीता के बीजो का सेवन करने से ग*र्भपात हो सकता है।