वजन कम | मोटापा | Obesity | Weight Loss
अपनाएँ ये आयुर्वेदिक फ़ोर्मुला :
- हमें खाने के डेढ़ घंटे बाद पानी पीना है, ये याद रखे कि डेढ़ घंटे बाद ही पानी पीना है. लेकिन पानी कैसे पीना है, ये बहुत महत्व की बात है. आप अभी सामान्य रूप से पानी कैसे पीते है, एक गिलास पानी भरा मुह में लगाया गट गट गट एक बार में ही पी लिया, गिलास एक बार में ही ख़त्म. कुछ लोग मुंह खोल लेते है, और खोलकर ऊपर से गिराते है. और पानी लगातार गटकते जाते है ये दोनों तरीके बहुत गलत है।
- अगर आप घट घट घट लगातार पानी पी रहे है तो आपके शरीर में तीन रोग तो जरुर आने वाले है, पहला Appendicitis, दूसरा हर्निया (आंतों का उतरना) और तीसरा Hydrocele. ये हर्निया सबसे ज्यादा उन्ही लोगो को आता है जो पूरा गट गट के एक बार में ही पानी पीते है और जो Hydrocele है ये थोड़ी उम्र के बाद आती है विशेष रूप से ये पुरषों में आती है. हर्निया तो माताओं में भी आ जाता है लेकिन ये Hydrocele मर्दों की बीमारी है. ये तीनो रोग उन लोगो को जरुर आते है जो एक साथ पूरा लोटा या गिलास पानी गटकते है।
- मतलब ये कि एक साथ गट गट पानी पीना अच्छा नही है तो आपके मन में सवाल आ रहा होगा कि पानी कैसे पीना है. तो हम आपको भाई राजीव दीक्षित जी द्वारा बताया गया तरीका बताते है. जो पानी पिने का सबसे उत्तम नियम है. आयुर्वेद में पानी पीने का सही तरीका वही बताया गया है जैसे आप चाय पीते है जैसे आप कॉफ़ी पीते है और जैसे आप गर्म दूध पीते है. सिप-सिप करके पीना है. एक सिप लिया फिर थोड़ी देर बाद दूसरा सिप लिया फिर थोड़ी देर बाद तीसरा सिप लेना है. अगर आप सिप करके पानी पी रहे है तो मैं आपको जितने चाहे मर्जी के स्टाम्प पेपर पे लिखकर देने को तैयार हु कि जो भी व्यक्ति जिंदगी में सिप करके पानी पिएगा, आयुर्वेद की गारंटी है कि जिंदगी में कभी भी उसको मोटापा नही आ सकता. कभी भी उस व्यक्ति का वजन नही बढ़ेगा. जितना वजन होना चाहिए, अगर पानी सिप करके पी रहे है तो जिंदगी भर उतना ही वजन रहेगा।
- आप उसका उल्टा प्रश्न पूछ सकते है कि अगर वजन बढ़ गया है तो, तो आप बिलकुल चिंता ना करे. आप सिप करके पानी पी लीजिये 6 से 7 महीने में 10 किलो वजन आपका घट जायगा. ये जो मोटापा है, ये धीरे धीरे आया है, एक दम नहीं आया है. इसलिए धीरे धीरे ही कम होगा. यही प्रकृति का नियम है. अगर आप इसके विपरीत जाकर वजन कम करेंगे तो एक बार तो कम हो जायेगा लेकिन जैसे ही आप उस चीज को छोड़ दोगे पहले से भी ज्यादा मोटापा आ जाएगा।
- अब आपके मन में एक सवाल आयेगा कि पानी ऐसे पीने से वजन ज्यादा घट गया तो?. उसकी आप बिलकुल भी चिंता मत करिये, जितना बढ़ा हुआ है उतना ही घटेगा. घटने के बाद स्थिर हो जाएगा. आप हमेसा सिप करके ही पानी पीजिये. इसका दूसरा फायदा ये होगा कि अभी आप कल से ही देखेंगे, अगर सिप करके पानी पिने की आदत अपने डाली तो ये जो घुटने का दर्द है ये 7 दिन लगातार पानी ऐसे पीने से 25 % ख़त्म हो जायेगा. ऐसे ही अगर एडी का दर्द है, या जॉइंट का पैन ये तो 7 दिन में 100 % खत्म हो जायगा।
- ये जो जॉइंट में पैन आपको होता है ये 25 से 30% 7 दिन में कम हो जायगा और सवेरे सवेरे उठते ही जिनको सर दर्द होता है, चक्कर आते है, ये 7 दिन में तीनो ही गायब हो जायंगे. पहला सूत्र था खाना खाने के बाद पानी नही पीना है, डेढ़ घंटे के बाद पीना है. और अगर कुछ पीना है तो सुबह जूस पीना है, दोपहर को लस्सी या छांछ पीनी है, रात को दूध पीना है और दूसरा सूत्र ये है कि पानी हमेसा घूंट घूंट थोडा थोडा करके पीना है।
मोटापे और पेट की चर्बी गलने के लिए 3 चमत्कारी औषधि
- अलसी : ये पेट की चर्बी को कम करने में मदद करता है क्योंकि इसमें ओमेगा 3 फैटी एसिड और फाइबर भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं। इसका यूज करने के लिए बीज को4 मिनट तक गर्म करना होगा ।
- जीरा : सूखा हुआ जीरा लें, अगर आपको लगता है कि उसमें नमी है तो उसे धूप में सुखा लें। जीरा मेटाबॉलिज्म को बूस्ट करता है और इम्यून सिस्टम को मजबूत करता है। जिससे चर्बी घटती है।
- अजवाइन : अजवाइन पेट के लिए बहुत फायदेमंद होती है। ये भी चर्बी घटाने में मदद करती है।
3 औषधियों का कारगर चूर्ण बनाने का तरीका
- इस चूरन को बनाने के लिए आपको 3 चम्मच असली के बीज, 2 चम्मच जीरे, 2 चम्मच अजवाइन को लेना है। अलसी का बीज सिके हुए होंगे। इन तीनों को अच्छे से मिलाकर पीस लें। अब चूर्ण तैयार हो जाएगा। ये चूरन पेट की चर्बी को तेजी से पिघलाएगा।
चूर्ण सेवन करने का तरीका
- इस चुर्ण को लेते वक्त ये ध्यान रखना है कि आपको खाना खाने के बाद और पहले गुनगुन पानी ही लेना है। इसके साथ ही पूरे दिन पर्याप्त पानी पीना होगा। एक चम्मच चूर्ण को गुनगुने पानी के साथ डेली नाश्ता करने से पहले लेना है। डेली यूज से पेट की चर्बी 10 दिनों में ही कई किलो तक कम हो जाएगी। अगर और जल्दी रिजल्ट चाहते हैं तो इसे दिन में दो बार ले सकते हैं। एक चम्मच सुबह नाश्ते के पहले और एक चम्मच रात को खाने से पहले ले सकते हैं। चूरन लेते वक्त ये रखें ध्यान की इस चूर्ण को लेते वक्त ये ठंडी चीजों का सेवन करना होगा क्योंकि अलसी खाने में गर्म होती है।
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एक्यूप्रेशर चिकित्सा :
- मनुष्य का मोटापा और वजन बढ़ना एक बात नहीं है। किसी व्यक्ति के लिए मोटा शब्द का प्रयोग तब किया जाता है जब उसके शरीर में चर्बी की मात्रा काफी ज्यादा हो तथा उसका वजन भी उसके कद अनुसार कम से कम 20 प्रतिशत ज्यादा हो।
- मोटापा बढ़ने से हृदय तथा फेफड़ों जैसे भीतरी अंगों पर ही केवल असर नहीं पड़ता बल्कि मोटे व्यक्ति को मधुमेह, खून का दाब तथा जोड़ों में जलन आदि रोग होने की संभावना भी बढ़ जाती है। सुंदर दिखना कौन नहीं चाहता, सुंदर दिखने के लिए स्लिम और फिट दिखना भी जरुरी होता है | धरती पर हर दुसरे आदमी को मोटापे की समस्या है | इस का कारण है ख़राब खान पान , व्यायम की कमी और भाग दौड़ वाली दिनचर्या | इस का समाधान है सही आहार और व्यायाम | लेकिन आज कल की भाग दौड़ वाली जिन्दगी में किसी के पास इतना समय नहीं है | आज हम आपको एक्यूप्रेशर द्वारा वज़न कम करने का उपाय बताएँगे जो वास्तविक में काम करता है क्यूँकि भगवान ने हमारे शरीर में हर बीमारी को ख़त्म करने लिए सक्षम बनाया है लेकिन जो आलसी लोग होते है व्यायाम या एक्यूप्रेशर पद्धति अपनाने का समय नही होता है वो दवाइयों का सहारा लेते है, वरना हमारा शरीर बिना दवाइयों के भी ठीक हो सकता है। नीचे बताए गये एक्यूप्रेशर बिंदु को लगातार 10-20 सेकंड के लिए दबाए और छोड़े यह प्रक्रिया लगातार 5 मिनट तक दौहराए। जब आप फ़्री हो दिन में कर सकते है आपका मेटबोईलिस्म इससे ठीक होगा चर्बी गलने लगेगी और देखते ही देखते मोटापा ख़त्म हो जाएगा।
मोटापे का कारण-
- शरीर में मोटापा बढ़ने का सबसे प्रमुख कारण भोजन में अत्यधिक मात्रा में चर्बी बनाने वाले पदार्थ तथा श्वेतसारिक पदार्थों का सेवन करना है। मोटापा रोग किसी ग्रंथि की दोषपूर्ण अवस्था के कारण भी हो जाता है क्योंकि अगर शरीर की कोई ग्रंथि ठीक से काम नहीं करती तो आदमी चाहे कितने भी कम भोजन का सेवन क्यों न करे फिर भी उस व्यक्ति का वजन बढ़ता ही चला जाता है।
इसके अलावा मोटापा बढ़ने के निम्नलिखित कारण भी हो सकते हैं-
- शरीर में पाई जाने वाली थाइरॉइड ग्रन्थि के ठीक से काम न करने के कारण मोटापे का रोग हो सकता है।
- अगर भोजन को अच्छी तरह से न चबाकर खाया जाए तो शरीर में ज्यादा कैलोरी बनती है जिसके कारण शरीर के वजन तथा चर्बी में बढ़ोत्तरी होती है।
- यौनग्रन्थि के कम सक्रिय होने से भी स्त्रियों के शरीर में चर्बी की वृद्धि हो जाती है जिसके कारण ऐसी स्त्रियां अक्सर बहुत मोटी हो जाती है।
- नियमित रूप से व्यायाम करने से काफी हद तक मोटापे से छुटकारा पाया जा सकता है। मोटापे से पीड़ित व्यक्ति अगर संतुलित भोजन का सेवन करे तो उसके वजन में अंतर आ सकता है। फिर भी वजन को सामान्य बनाए रखने के लिए पौष्टिक भोजन तथा चर्बी को कम करने वाले भोजन का सेवन करना चाहिए। भूख से ज्यादा भोजन कभी नहीं करना चाहिए तथा शर्करा और चर्बी वाले पदार्थों को भोजन में नहीं खाना चाहिए। जहां तक हो सके तो नमक का इस्तेमाल भोजन में कम करना चाहिए यदि नमक खाना भी हो तो सेंधानमक का इस्तेमाल करना चाहिए। रोगी को अपने भोजन में साग-सब्जी तथा हरा रस ज्यादा लेना चाहिए। रोगी को अंकुरित दालों का सेवन भी करते रहना चाहिए। अधिकतर गेहूं या चावल से बने पदार्थ ही खाने चाहिए। अपने भोजन की मात्रा को कम करते रहना चाहिए इससे चर्बी का बनना रुक जाता है। वैसे कहा जाए तो उतने ही भोजन का सेवन करना चाहिए जितनी की शरीर को आवश्यकता हो। प्रतिदिन सुबह के समय में खाली पेट गुनगुने पानी में शहद और नींबू डालकर पिएं। सोने-तांबे-चांदी- के बर्तनों में पानी रखकर उसे गुनगुना करके पीने से शरीर शरीर में मोटापा बढ़ने का सबसे प्रमुख कारण भोजन में अत्यधिक मात्रा में चर्बी बनाने वाले पदार्थ तथा श्वेतसारिक पदार्थों का सेवन करना है।की फालतू की चर्बी घट जाती है।
एक्यूप्रेशर चिकित्सा द्वारा मोटापा रोग का उपचार-
(प्रतिबिम्ब बिन्दु पर दबाव डाल कर एक्यूप्रेशर चिकित्सा द्वारा इलाज करने का चित्र) |
मोटापे रोग का उपचार करने के लिए इस चित्र में दिए गए एक्यूप्रेशर बिन्दुओं पर दबाव देकर काफी हद तक मोटापे रोग से छुटकारा मिल सकता है।
शरीर में मोटापे तथा चर्बी को घटाने के लिए –
शरीर में मोटापा बढ़ने का सबसे प्रमुख कारण भोजन में अत्यधिक मात्रा में चर्बी बनाने वाले पदार्थ तथा श्वेतसारिक पदार्थों का सेवन करना है।
(प्रतिबिम्ब बिन्दु पर दबाव डालकर एक्यूप्रेशर चिकित्सा द्वारा इलाज करने का चित्र) |
मोटापा रोग हो जाने पर व्यक्ति को अपनी भूख को कम करने के लिए भोजन से आधा घंटे पहले कानों के तीनों बिन्दुओं पर अर्थात अपने दोनों कानों के पीछे अपने अंगूठे को रखकर, जोर से मसाज करनी चाहिए। इस तरह की क्रिया दिन में 2 बार करनी चाहिए। इससे भूख को कम करने में मदद मिलती है। इस क्रिया में अच्छी तरह से दबाव देने के लिए अंगूठे को कान के पीछे रखकर उंगलियों से बिन्दुओं पर दबाव देना चाहिए। इस क्रिया के साथ-साथ अपने भोजन में मिठाई, आइस्क्रीम, तले हुए नमकीन, चावल आदि को नहीं खाना चाहिए बल्कि इसकी जगह पर जितना हो सके हरी साग-सब्जियों का अधिक इस्तेमाल करना चाहिए। इसके साथ-साथ रोगी को फल आदि का सेवन भी करना चाहिए।