आँखों की रोशनी | Eyesight | Ankho ki Roshni
आज के ज़माने के लोग कम्प्यूटर और मोबाइल का इस्तेमाल कुछ ज्यादा ही करने लगी है। इतना ही नहीं अब तो ऑफिस में भी ज्यादा काम कम्प्यूटर पर ही होता है। जिसकी वजह से लगभग 8 से 10 घंटे हम कम्प्यूटर के सामने बैठकर काम करना पड़ता है और कभी कभी तो काम करने की वजह से आंखों में जलन सी होने लग जाती है।
रोगी को आंखों से सब कुछ धुंधला दिखाई देता है तथा उसे आंखों से अजीब-अजीब सी चीजें दिखाई देती हैं जोकि वास्तव में होती ही नहीं है जैसे मक्खी-मच्छर तथा मकड़ी के जाले आदि दिखाई पड़ना, गोलाकार वस्तु दिखाई पड़ना, अलग-अलग प्रकार की रोशनी और आंखों के सामने सभी वस्तुएं धुंधली (बादल से ढकी हुई) दिखना शुरुआती लक्षण हैं।
रोग के और ज्यादा बढ़ने पर रोगी दूर की चीजों को पास और पास की चीजों को दूर देखता है। आंखों की रोशनी कम हो जाती है और रोगी सुई में धागे को पिरोता है तो उसे सुई का छेद ही नहीं दिखाई देता है। ये नज़र के कमजोर होने के सामान्य लक्षण हैं।
आँखों को स्वस्थ रखने के लिए कुछ तरीके
अपने टीवी या कंप्यूटर की स्क्रीन को ज्यादा पास से न देखें क्योंकि टीवी या कंप्यूटर को ज़्यादा पास से देखने से आँखों पर बुरा असर पड़ता है और अगर आप टीवी या कंप्यूटर में कुछ देख रहे है तो इनकी स्क्रीन की ब्राइटनेस को कम ही रखें जिससे इसका ज्यादा बुरा असर आपकी आंखों पर न पड़े।
अक्सर देखा गया है की ज़्यादा तर लोग रात के समय डिम रोशनी में पढ़ते है लेकिन शायद आप नहीं जनते होंगे की डिम या धीमी रोशनी में पढ़ने से आँखों में स्ट्रेन बढ़ता है जिसकी वजह से आपकी आँखे कमज़ोर हो सकती है।
आज के ज़माने में ज़्यादा तर मनुष्य कंप्यूटर पर काम करता है और काफी देर तक काम करता रहता है लेकिन ज़्यादा समय कंप्यूटर के सामने काम करने से भी आँखों पर बुरा सर पड़ता है इसीलिए काम के दौरान हर 20 मिनट में अपनी आंखों को थोड़ा रेस्ट दें।
आँखे कमजोर होने के लक्षण
लंबी दूरी की चीज़ो को देखने में परेशानी होना।
पास की चीज़ो को देखने में परेशानी होना ।
काम करते वक़्त या टीवी देखते वक़्त आंखों में पानी आना।
आंखों में जलन होना।
आवश्यक सामग्री :
30 ग्राम बादाम,
30 ग्राम मिश्री,
10 ग्राम सौफ
बनाने की विधि और सेवन का तरिका :
सबसे पहले आप 5 से 6 बादाम को पानी में भीगा कर रख ले और सुबह होने पर सब बादामों को अच्छे से छील ले. बादाम छिलने के बाद मिक्सर में सा बादाम डालिये और साथ में मिश्री और सौफ भी डालिये और अच्छे से पीस ले. पीसने के बाद एक पेस्ट तैयार हो जायेगा, अगर आप चाहे तो एक ही बार में ज़्यादा पेस्ट बना कर किसी डब्बे में भर कर रख ले या फिर रोज़ ऐसी ही पेस्ट बनाये. जो पेस्ट अपने तैयार किया है उस पेस्ट में से एक चम्मच पेस्ट को रोज़ाना दूध में डालकर पीजिये. एक चम्मच पेस्ट को दूध के साथ पिने से लगभग 15 से 20 दिनों में ही आपकी आँखों की रोशनी बढ़ जाएगी और आपकी आँखों की सारी समस्या भी दूर हो जाएगी।
आँखो की रोशनी बढ़ने के अन्य घरेलु उपाय :
शहद : लगभग 7 से 14 मिलीलीटर बकुल के पौधे के रस को शहद के साथ लेने से आंखों की रोशनी बढ़ जाती है। या त्रिफला चूर्ण 4-5 ग्राम लेकर 15 से 25 ग्राम शहद के साथ दिन में 3 बार लेने से आंखों की रोशनी में वृद्धि होती है।
घी : आंखों की रोशनी बढ़ाने के लिए गाय का ताजा घी और मिश्री मिलाकर खाएं। घी खाना भी आंखों के लिए लाभकारी होता है। या गाय के ताजे घी में देशी खांड और कालीमिर्च को रोजाना सुबह खाली पेट 1-2 चम्मच सेवन करने से आंखों की रोशनी तेज होती है। या लगभग 15 से 30 मिलीलीटर त्रिफला का काढ़ा 5 से 10 ग्राम घी के साथ दिन में 3 बार सेवन करने से आंखों के रोगों में आराम मिलता है।
मेंहदी : 10 ग्राम जीरा और 10 ग्राम मेंहदी दोनों को बराबर मात्रा में कूटकर रात में गुलाब जल में भिगो दें, इसे सुबह के समय छानकर स्वच्छ शीशी में रख लें और एक ग्राम भूनी हुई फिटकरी को बारीक पीसकर मिला लें। इसे थोड़ी मात्रा में आंखों में डालने से आंखों की ललाई दूर होती है। या मेहंदी के हरे पत्तों को पीसकर पेस्ट बना लें, रात्रि में इसकी टिकिया को आंखों पर बांधकर सोने से आंखों की पीड़ा और लालिमा ठीक हो जाती है।
चमेली : आंखों को बंद करके उसके ऊपर चमेली के फूलों को पीसकर लेप करने से आंखों के दर्द में आराम मिलता है।
मक्खन : गाय के दूध का मक्खन आंखों पर लगाने से आंखों की जलन दूर होती है।
जीरा : जीरे को प्रतिदिन खाने से गर्मी दूर होती है और आंखों की रोशनी भी बढ़ती है।
दूध : आंखों के अंदर तिनका या कोई अन्य चीज गिर जाए तथा वह निकल न रही हो तो आंखों में दूध की 3 बूंदे डालें। दूध की चिकनाहट से आंखों में पड़ी चीज आंख से बाहर निकल जाएगी। या आंखों में चोट लगी हो, आंखे जल गई हो, मिर्च-मसाला गिरा हो, कोई कीड़ा गिर गया हो, दर्द होता हो तो रूई के फाहे को दूध में भिगोकर आंखों पर रखने से आराम मिलता है। इसके साथ ही दो बूंद दूध आंखों में डालने से भी लाभ होता है।
मेथी : मेथी के दानों को अच्छी तरह धो लें फिर इसे पीसकर आंखों के नीचे लेप कर लें। ऐसा करने से आंखों के आसपास का कालापन दूर हो जाता है।
गेहूं : गेहूं के 100 ग्राम आटे में 100 ग्राम देशी साबुत चने का आटा मिला दें फिर स्वाद के अनुसार उसमें नमक और जीरा मिला दें। इस प्रकार के आटे से बनी रोटी तो अधिक स्वादिष्ट होती है। इसके सेवन से आंखों की रोशनी भी बढ़ती है। रतौंधी में इससे बहुत ही लाभ होता है।
गुलाबजल : गुलाबजल डालने से आंखों की रोशनी बढ़ती है तथा आंखें ठीक रहती हैं। आंखों पर गुलाबजल के छीटें मारने से या रूई का फोया गुलाबजल में भिगोकर आंखों पर रखने से आंखों के दर्द में लाभ होता है। आंखों की लाली और सूजन कम होती है। आंखों के रोग दूर होते हैं। आंखों के दर्द और जलन में तुरंत आराम मिलता है।