नींबू के फल में सिट्रिक एसिड, फास्फोरिक एसिड, मेलिक एसिड और शर्करा आदि तत्व पाये जाते हैं। नींबू के फल में तेल तथा तिक्त स्फटिकीय ग्लूकोसाइड हेस्पेरिडिन (विशेष रूप से छिलके के सफेद भाग) में पाया जाता है। नींबू त्रिदोष नाशक (वात, पित्त और कफ को नष्ट करने वाला), दीपक-पाचक (भोजन को पचाने वाला), क्षय (टी.बी.) , हैजा (विसूचिका) , गृहबाधा निवारक, रुचिकारक (भूख को बढ़ाने वाला) और दर्द में लाभ देता है।
नींबू के रस को पीने से रक्तपित्त (खूनी पित्त), स्कर्वी रोग में लाभ होता हैं। नींबू के फल की छाल को खाने से वायु (गैस) शान्त होती है। नींबू का रस हृदय के लिए लाभकारी, ज्वर (बुखार) को कम करने वाला और मूत्रजनन (पेशाब को लाने वाला) होता है।
नींबू के रस को चीनी के साथ सेवन करने से अफारा (गैस का बनना), बदबू, डकारें , उदर शूल (पेट में दर्द) और उल्टी आदि विकार दूर हो जाते हैं। नींबू पित्त, मलस्तम्भक (मल को रोकना), कब्ज , गांठे , जोड़ों का दर्द (आमवात), कंठशूल (गले का दर्द) और जहर में लाभकारी है। नींबू का रस आमाशय, आंतों और खून की अम्लता (एसिडिटी) की अधिकता को कम कर देता है जिससे स्नायु का दर्द और अधिक कमजोरी दूर होती है।
नींबू के 55 चमत्कारी फायदे :
मानसिक उन्माद (पागलपन): नींबू के रस को मस्तक (माथे) पर लेप करने से लाभ मिलता है। नींबू के बीजों को खाने से शान्ति मिल जाती है। नींबू के बीजों को धूप में सुखाकर रोगी के तकिये के नीचे रखने से रोगी का दिमाग शान्त रहता है और पागलपन दूर हो जाता है।
नाक से खून आने पर (नकसीर): नींबू की शिकंजी पीने से नाक से खून का बहना रुक जाता है। नाक से खून आने पर नथुनों में 2-2 बूंद नींबू का रस टपकाने से नाक से खून का गिरना बन्द हो जाता है।
सांस का फूलना : नींबू के रस को शहद में मिलाकर चाटने से बच्चों का सांस फूलना बन्द हो जाता है।
मधुमेह (डाइबिटीज) की प्यास में : नींबू के रस को निचोड़कर पीने से लाभ होता है।
क्रोध आने पर : क्रोध के कारण बढ़ी हुई दिल की धड़कन को सामान्य करने के लिए 13 मिलीलीटर नींबू का रस पिलाना चाहिए।
माथे में पीड़ा होने पर : नींबू की 2 फांकों को गर्म करके कनपटियों पर 1 घंटे तक सेंक करने से माथे की पीड़ा मिट जाती है।
तैलीय बालों के लिए : 1 गिलास पानी में 1 नींबू को निचोड़कर इस पानी से सिर को धोयें और बालों को रगड़ने से बाल सूखे व साफ हो जाते हैं।
बालों का उड़ जाना : रोजाना 1 से 2 महीने लगातार नींबू का रस रगड़ने से बाल वापस उग आते हैं।
बालों को काला करने के लिए : नींबू के रस में पिसा हुआ सूखा आंवला मिलाकर सफेद बालों पर लेप करने से बाल काले होते हैं।
बालों के लिए : नींबू के रस में आंवला के फलों को पीसकर बालों में लगाने से रूसी नष्ट होती है और बालों का झड़ना बन्द हो जाता है। नहाने से पहले सिर में नींबू के रस से अच्छी तरह मालिश करने से बालों का पकना व गिरना दूर हो जाता है, इसके प्रयोग से जुएं भी समाप्त हो जाती हैं। 10 मिलीलीटर नींबू के रस में नारियल का पानी 10 मिलीलीटर की मात्रा में मिलाकर बालों में अच्छी तरह 40-45 मिनट तक लगाने के बाद बालों को पानी से धो लें। कुछ महीनों तक ऐसा करने से बालों का टूटना रूकता है और बाल लंबे और घने होते हैं।
मोतियाबिन्द : अदरक का रस, नींबू का रस, सफेद प्याज का रस 10-10 मिलीलीटर तथा छोटी मक्खी का शहद 90 ग्राम मिलाकर छान लें, फिर 1-1 बूंद सुबह-शाम को 2 बार लंबे समय तक आंखों में डालते रहने से मोतियाबिन्द दूर होता है।
आंखों के लिए : नींबू के रस को लोहे की खरल में कूटकर लोहे के दस्ते से घोंटते-घोंटते जब रस काला पड़ जाये, तो इस रस को आंखों के आसपास पतला-पतला लेप करने से आंखों की पीड़ा मिट जाती है।
कील-मुंहासे होने पर : नींबू के रस को चेहरे पर मलने से कील-मुंहासे ठीक हो जाते हैं। नींबू, तुलसी और काली कसौंदी के रस को बराबर लेकर एक साथ मिलाकर धूप में रख लें, जब वह गाढ़ा हो जाये तो इसे चेहरे पर लगाने से लाभ मिलता है। नींबू के रस को 4 गुना ग्लिसरीन में मिलाकर चेहरे पर रगड़ने से कील-मुंहासे नष्ट हो जाते हैं और चेहरा सुंदर बन जाता है। इसका प्रयोग सारे शरीर पर करने से त्वचा कोमल और चिकनी हो जाती है।
चेहरे की सुंदरता के लिए : नींबू के रस में शहद मिलाकर लगाने से चेहरे की झुर्रिया कम होती हैं। 1 चम्मच नींबू के रस में 1 चम्मच दूध मिला लें। रोज रात को सोने से पहले इसे चेहरे और गर्दन पर लगा लें। 15 मिनट के बाद मौसम के अनुसार ठंड़े या गर्म पानी से धो लें। इस तरह चेहरे की सफाई के साथ-साथ यह त्वचा को नर्म और मुलायम भी रखता है। 2 चम्मच नींबू का रस, थोड़ी सी दूध की मलाई और थोड़ा सा बेसन या मैदा को मिलाकर उबटन बना लें और चेहरे पर मलें। इससे चेहरे की खुश्की दूर होती है और चेहरे में चमक आती है। या 2 चम्मच आटा, 4 चम्मच दूध, 1 चुटकी हल्दी और एक नींबू का रस मिलाकर अच्छी तरह से गूंथ लें और नहाने से पहले शरीर पर मलें, इसके लगाने के 10 मिनट बाद नहा लें और नहाने में साबुन का प्रयोग न करें। इससे शरीर की कोमलता बढ़ती है और शरीर सुंदर होता है।
मुँह के छाले : नींबू के छिलकों को रगड़ने व नींबू के 20-30 मिलीलीटर रस को नियमित रूप से पीने से तुरन्त आराम मिलता है।
पसली में दर्द : नींबू का रस 10 मिलीलीटर, जवाखार 3 ग्राम और शहद 6 ग्राम मिलाकर पीने से पसली का दर्द, हृदय (दिल) और पेट का दर्द दूर होता है।
कान का बहना : सुबह उठने के बाद पानी में नींबू को निचोड़कर पीने से कान से मवाद बहना कम हो जाता है। नींबू के 200 मिलीलीटर रस में सरसों का या तिल का तेल मिलाकर अच्छी तरह उबाल लें। पकने पर छानकर बोतल में भरकर रख लें। उसमें से 2-2 बूंद कान में डालते रहने से कान में पीव, खुजली, दर्द और बहरेपन में लाभ पहुंचाता है।
प्यास अधिक लगना : नींबू की पत्ती को मिट्टी में मिलाकर गोली बना लें। इस गोली को आग में पकाकर 1 गिलास पानी में डालकर बुझाएं। फिर उस पानी को कपड़े से छानकर पिलायें। इससे बुखार व अन्य रोगों में लगने वाली प्यास मिटती है और गले का सूखना बन्द हो जाता है।
कब्ज : 1 नींबू का रस 1 गिलास गर्म पानी के साथ रात में सोते समय लेने से पेट साफ हो जाता है। नींबू का रस 15 मिलीलीटर और शक्कर (चीनी) 15 ग्राम लेकर 1 गिलास पानी में मिलाकर रात को पीने से पुरानी कब्ज दूर हो जाती है। नींबू के रस में सेंधानमक मिलाकर सेवन करने से पेट की बीमारी और गैस बाहर निकल जाती है।
पेट दर्द :नींबू को काटकर इसके टुकड़ों पर अजवायन और कालानमक डालकर धीमी आग पर गर्म करके चूसें। इससे पेट दर्द में काफी लाभ होता है। 1 चम्मच नींबू और अदरक का रस मिलाकर चाटने से पेट के दर्द में आराम मिलता है।
पथरी : नींबू के रस में सेंधानमक मिलाकर कुछ दिनों तक नियमित पीने से पथरी गल जाती है।
शक्ति वर्धक : 1 गिलास गर्म पानी में 1 नींबू को निचोड़कर पीते रहने से शरीर के अंग-अंग में नई शक्ति महसूस होती है। इससे आंखों की रोशनी बढ़ती है। मानसिक कमजोरी, सिर में दर्द और पुट्ठों में झटके लगना बन्द हो जाते हैं। अधिक मेहनत के कारण आई कमजोरी में बिना नमक या चीनी मिलाकर छोटे-छोटे घूंटों में पीने से कमजोरी नहीं रहती है। ध्यान रहे कि पथरी के रोगी को नींबू नहीं देना चाहिए।
थकान : 40 ग्राम किशमिश, 6 मुनक्का, 6 बादाम और 6 पिस्ते रात को आधे किलो पानी में कांच के बर्तन में भिगो दें। सुबह उठकर पीसकर, छान लें और 1 चम्मच शहद और 1 नींबू निचोड़कर भूखे पेट पीयें। इससे मानसिक व शारीरिक कमजोरी तथा थकान दूर होती है।
खून की कमी या न बनना (रक्तक्षीणता) : नींबू और टमाटर का रस सेवन करने खून की कमी दूर होती है। यदि पाचन अंग कार्य नहीं करते, भोजन नहीं पचता, पेट में गैस बनती हो तो एक गिलास गर्म पानी में एक नींबू का रस मिलाकर बार-बार पीते रहने से पाचन अंगों की धुलाई हो जाती है तथा खून और शरीर के समस्त विषैले पदार्थ पेशाब के द्वारा बाहर निकल जाते हैं।
खून की शुद्धि के लिए : नींबू को गर्म पानी में मिलाकर रोजाना दिन में 3 बार पीना चाहिए। पानी को चाय की तरह गर्म करके खून की सफाई होती है।
अम्लपित्त (एसिडिटिज़) : आधा लीटर पानी में एक पके हुए नींबू के रस को निचोड़कर उसमें 5 ग्राम चीनी (शक्कर) मिलाकर रोजाना दोपहर को भोजन से आधा घंटा पहले पी लें। इसका प्रयोग 30 से 15 दिनों तक लगातार जारी रखने से अम्लपित्त मिटता है। ध्यान रहें भोजन के बाद नहीं पीना चाहिए। क्योंकि जठर का रस अधिक खट्टा होता है और अम्लपित्त में बढ़ोत्तरी नहीं होती है।
सिर का चकराना : एक कप गर्म पानी में लगभग 2 चम्मच नींबू का रस मिलाकर पीने से लाभ मिलता है।
सिर का दर्द : पेट में गैस बनने के कारण होने वाले सिर दर्द को खत्म करने के लिए नींबू के रस को हल्के गर्म पानी में मिलाकर पीना चाहिए। ऐसा करने से सिर दर्द दूर हो जाता है। नींबू की पत्तियों को पीसकर उनका रस निकालकर इस रस को नाक द्वारा सुंघने से सिर का दर्द सदा के लिए दूर हो जाता है।
खूनी बवासीर : 250 मिलीलीटर ताजे दूध में आधा नींबू को निचोड़कर तुरन्त पीने से लाभ होता है। ताजा (धारोष्ण) दूध के न होने पर गर्म दूध का भी सेवन कर सकते हैं। नींबू को काटकर आधे नींबू का रस गर्म दूध में मिलाकर अधिक तेज खूनी बवासीर में देने से तुरन्त ठीक होता है।
बवासीर (अर्श) : नींबू का रस 1 चम्मच और जैतून का तेल 4 चम्मच लेकर इसे 4 ग्राम ग्लिसरीन के साथ मिलाकर शीशी में भर लें। इसे दिन में 4-5 बार गुदा के मस्सों पर रूई से लगायें। नींबू को काटकर उसके दोनों फांकों में कत्था पीसकर भरें और उसे रातभर ओस में रखें। सुबह दोनों टुकड़ों को चूस लें। इससे बवासीर में खून का गिरना बन्द हो जायेगा।
पाचन शक्ति का कम होना : एक नींबू के रस में थोड़ी अदरक और थोड़ा कालानमक मिलाकर सेवन करने से अजीर्ण और आमवात (जोड़ों का दर्द) नष्ट हो जाता है। नींबू और अदरक की चटनी को खाने से लाभ मिलता है। मौसम के अनुसार धनिये की चटनी को खाने से भी फायदा करता है।
पेट के कीडे़ : नींबू का रस का सेवन करने से पेट के कीड़े मर जाते हैं और आमवात की शिकायत कम होती है। नींबू के बीजों को पीसकर चूर्ण बना लें, इस चूर्ण को थोड़ा-सा लेकर गर्म पानी के साथ 7 दिनों तक सेवन करने से कीड़े मर जाते हैं।
पीलिया रोग :प्रतिदिन आंखों में 2-3 बूंद नींबू का रस डालने से कामला रोग या पीलिया दूर हो जाता है।
यकृत (लीवर) उत्तेजक : गुनगुने पानी में नींबू के रस और मिश्री को मिलाकर सुबह चाय की तरह पीने से लीवर की कार्य प्रणाली अच्छी होती जाती है।
मोटापे को कम करना : सुबह-सुबह खाली पेट 200 मिलीलीटर गुनगुने पानी में 2 चम्मच नींबू का रस और 1 चम्मच शहद डालकर पीने से मोटापा कम होता है।
मसूढ़ों से खून के आने पर : नींबू के फल का छिलका पीसकर दिन में दो बार नियमित रूप से मसूढ़ों पर मलने से लाभ मिलता है।
दांतों के लिए : नींबू का एक छोटा-सा टुकड़ा लेकर रोजाना दांतों पर मलने से दांत मोती जैसे चमकने लगते हैं।
पायरिया : नींबू के रस में शहद मिलाकर दांत एवं मसूढ़ों पर मलने से पायरिया रोग खत्म होता है।
दाद : दाद को खुजलाकर दिन में 4 बार नींबू का रस लगाने से दाद ठीक होता है। नींबू के रस में इमली का बीज पीसकर लगाने से दाद मिट जाता है। दाद को साफ करके उस पर नींबू को रगड़ दें फिर तुलसी की पत्तियों को पीसकर 15 दिनों तक रोजाना 2 बार दाद पर लगाने से दाद ठीक हो जाता है।
उच्चरक्तचाप (हाईब्लडप्रेशर) : नींबू का प्रयोग करने से रक्तवाहिनियों में लचक और कोमलता आती है और कठोरता कम होती है जिसकी मदद से हाई ब्लडप्रेशर के मरीज को लाभ मिलता है। इसका निरन्तर इस्तेमाल करने से बुढ़ापे तक दिल ताकतवर बना रहता है और हार्ट फेल होने का ड़र नहीं रहता है। 100 ग्राम (आधा कप) पानी में आधा नींबू निचोड़कर दिन में 2-3 बार 2-2 घंटे के अन्तराल में पीने से उच्च रक्तचाप (हाईब्लड प्रेशर) में तुरन्त लाभ होता है।
बिच्छू का जहर : नींबू के बीजों की मींगी 10 ग्राम, सेंधानमक 8 ग्राम की फंकी देने से बिच्छू का विष उतरता है।
टायफाइड : नींबू को काटकर दो टुकडे़ कर लें। पहले भाग में पिसी हुई कालीमिर्च और सेंधानमक भरें तथा दूसरे भाग में मिश्री भरकर दोनों को गर्म करके चूसें। इससे वर्षा ऋतु के बाद आने वाला आन्त्रज्वर (टायफाइड) बुखार में लाभ मिलता है।
लंबी उम्र के लिए : नींबू का रस रोजाना सेवन करने से आयु बढ़ती है। इसका अधिक सेवन करना चाहिए।
गुर्दे की बीमारी : एक ग्राम नींबू के पेड़ की जड़ का चूर्ण पानी के साथ सुबह-शाम सेवन करना चाहिए।
गठिया की जनक यूरिक एसिड : सुबह खाली पेट 1 गिलास गर्म पानी में 1 नींबू का रस आधा चम्मच अदरक का रस मिलाकर सेवन करने से पेशाब के द्वारा शरीर में मौजूद सारा एसिड (विष) बाहर निकल जाता है। इससे शरीर में चमक आती है।
जोड़ों का दर्द (गठिया) व सूजन : गठिया पर नींबू के रस को मलने से जोड़ों का दर्द और सूजन कम होती है। एक गिलास पानी में नींबू निचोड़कर रोजाना पीते रहने से गठिया में लाभ होता है।
पेशाब में जलन : नींबू के रस में जवाखार मिलाकर देने से पेशाब की जलन कम हो जाती है और पेशाब अधिक मात्रा में आता है।
धूम्रपान की आदत पर : बीड़ी, सिगरेट, जर्दे की सेवन की आदत हो तो इनका सेवन बन्द कर दें तथा तब जब भी इसका सेवन करने की इच्छा हो तो हमें नींबू चूसना चाहिए। कुछ बूंदे नींबू के रस की डालकर स्वाद को खट्टा कर लेना चाहिए। इससे इसके सेवन की इच्छा समाप्त हो जाएगी। इसलिए जब भी हमें धूम्रमान की इच्छा हो तो हमें नींबू का सेवन करना चाहिए।
बालों को काला करना : दही और नींबू के रस का मिश्रण बनाकर बालों पर अच्छी तरह से लगाने से बाल काले और मुलायम बन जाते हैं। नींबू के रस में सूखे आंवले को पीसकर बने बारीक चूर्ण को मिलाकर बालों पर लगातार लेप लगाने से सफेद बाल काले हो जाते हैं।
बालों का गिरना : सिर में नींबू का रस मालिश करके धोने से बालों का झड़ना कम हो जाता है। 1 गिलास पानी में 2 चम्मच चाय डालकर उसे उबाल लें और उसे ठंड़ा होने दें। ठंड़ा होने के बाद उसे छानकर उसमें नींबू निचोड़ लें। बालों को अच्छी तरह साफ कर लेने के बाद इस पानी से बालों को धोयें। इसके बाद साफ पानी से बालों को धोने से बाल चमकदार और मुलायम हो जाते हैं और उसके साथ ही बालों का झड़ना भी कम हो जाता है।
कमरदर्द : 1 चम्मच नींबू का रस, 1 चम्मच लहसुन का रस, 2 चम्मच पानी एक साथ मिलाकर पीयें। ऐसे 2 खुराक सुबह-शाम रोजाना पीयें। इससे कमर दर्द ठीक हो जायेगा।
पित्ताशय की पथरी : गर्म पानी में नींबू निचोड़कर पीने से पित्ताशय की पथरी में लाभ होता है।
खाज-खुजली : केले के गूदे को नींबू के रस में मिलाकर खुजली वाली जगह पर लगाने से खुजली दूर हो जाती है। 20 मिलीलीटर नींबू के रस में 25 ग्राम मुल्तानी मिट्टी और 10 ग्राम कालीमिर्च को पीसकर उसका लेप करने से खुजली दूर हो जाती है।
मिर्गी : बिजौरा नींबू, नीम और निर्गुन्डी का रस मिलाकर 3 दिनों तक सुंघाने से मिर्गी की बीमारी कम होती है। नींबू के साथ जरा-सी हींग चूसना हितकारी होता है। नींबू के रस के साथ गोरखमुण्डी को खाने से मिरगी के दौरे आना बन्द हो जाते हैं।
चेहरे के सांवलेपन को दूर करना : नींबू का रस, मलाई में मिलाकर रोजाना लगाने से सांवली त्वचा गोरी होने लगती है। सुबह चेहरे पर कच्चे दूध को मल लें और थोड़ा सूख जाने के बाद खाने वाले नमक को चेहरे पर लगाकर रगड़ लें। इससे चेहरे पर जमी मैल और मरी हुई त्वचा बाहर निकल जायेगी। इसके बाद नींबू और शहद को मिलाकर पूरे चेहरे पर लगायें और सूखने के बाद हल्के गर्म पानी से चेहरे को धो लें। ऐसा करने से चेहरे का रंग निखर जाता है। नींबू और टमाटर का रस बराबर मात्रा में मिलाकर चेहरे पर लगा लें और आधे घंटे के बाद चेहरे को धो लें। इसको लगाने से चेहरे पर एक नयी ही ताजगी महसूस होगी।
नींबू के हानिकारक प्रभाव :
पेट में घाव , पैरों के जोड़ों में दर्द , गले की टॉन्सिल, चक्कर आना तथा निम्न रक्तचाप वाले रोगियों को नींबू का सेवन नहीं करना चाहिए। कमजोर यकृत (लीवर) वाले रोगी यदि नींबू का सेवन करते हैं तो उनके हाथ पैरों में तनाव पैदा होता है और निर्बलता (कमजोरी) बढ़ती जाती है। यदि नींबू का सेवन जारी रहता है तो बुखार आता है। खांसी होने पर खट्टी चीजों का सेवन नहीं करना चाहिए। ऐसे करने से खांसी बढ़ती जाती है।