क्या आप जानते है? कपूर का उपयोग पूजा ही नहीं सेहत के लिए भी होता है, कपूर का इस्तेमाल पूजा-पाठ के लिए किया जाता है। लेकिन स्वास्थ्य की दृष्टि से भी यह बहुत फायदेमंद है। कपूर का प्रयोग कई प्रकार की बीमारियों को दूर करने के लिए किया जाता है। कपूर त्वचा और मांसपेशियों और ऊतकों में सूजन कम करता है। पुरानी जोड़ों और दर्द से छुटकारा दिलाने के लिए कपूर उपयोगी औषधि है।
कपूर का तेल बहुत फायदेमंद है। कपूर का इस्तेमाल कई दवाओं में भी किया जाता है। कपूर से कई प्रकार के मरहम बनाये जाते हैं। आइए हम आपको कपूर से होने वाले फायदों के बारे में बताते हैं। कभी-कभी ऐसा होता है कि हम उपचार कराते-कराते थक जाते हैं फिर भी बीमारी नहीं जाती किंतु कोई टोटका कर दिया जाता है और बीमारी उडऩ छू हो जाती है। इसी प्रकार घर के वास्तुदोष को हटाने के भी कुछ टोटके हैं जिनके प्रयोग से कष्टों का निवारण होता है तथा सुख-समृद्धि एवं शांति की प्राप्ति होती है। पं. तृप्ति नारायण झा शास्त्री द्वारा रचित ‘टोटका विज्ञान’ के आधार पर कुछ महत्वपूर्ण एवं कल्याणकारी उपाय प्रस्तुत हैं…
कपूर के कारगर टोटके :
घर के मुख्य द्वार पर तुलसी या केले का वृक्ष लगाने से शीघ्र उन्नति होती है तथा गृहक्लेश नहीं होता। मुख्य द्वार के दाहिनी ओर इन्हें लगाया जाना चाहिए।
मकान के मुख्य द्वार पर लाल रंग का रिबन (फीता) बांध देने से घर में सुख-शांति एवं धन की वृद्धि होती है।
दाहिने हाथ में (हथेली पर) कपूर रख कर ॐ नम: शिवाय का एक सौ आठ बार जाप करके कपूर को पानी में डालकर पी लेने से भयानक से भयानक दर्द समाप्त हो जाता है। मंत्र जप करते समय नजर कपूर पर ही टिकी रहनी चाहिए।
सुबह बिना बोले तथा बिना पीछे देखे गुड़ लेकर रास्ते पर जाएं तथा किसी चौराहे पर पहुंच कर उस गुड़ को मुंह से तोड़ कर दोनों ओर (आगे-पीछे) फैंक कर वापस घर आकर एक गिलास ताजा पानी पी लेने से सिरदर्द दूर हो जाता है।
कमर या रीढ़ की हड्डी में दर्द होने पर ब्लैक बोर्ड पर लिखने वाले सफेद चॉक का टुकड़ा अपने पलंग या दरी के नीचे सिरहाने की तरफ रख कर सोने से सीने में दर्द से छुटकारा मिल जाता है।
अशोक के पत्तों अथवा आम, पीपल एवं कनेर के पत्तों को एक धागे से बांध कर उसका तोरण बना कर मकान के मुख्य द्वार पर लटकाने से घर में सुख व सम्पन्नता के साथ-साथ धन वृद्धि तथा मन की शांति प्राप्ति होती है।
अगर कोई बच्चा रात को सोते समय घबराहट महसूस करता है तो उसे सफेद चादर पर सुलाना चाहिए। अगर बच्चा रात में चौंक कर उठ जाता है तो उसे तुलसी की जड़ की माला (तुलसी माला) पहना देनी चाहिए। अगर बच्चा बहुत ही शरारती हो तो उसको नीले कपड़े नहीं पहनाएं। भयानक सपने आते हों तो बिस्तर के नीचे (पलंग के नीचे सिरहाने की ओर) तांबे के लोटे में गंगा जल भर कर रखें।
सफेद आक की जड़ की माला बनाकर बच्चे के गले में पहना देने से बच्चे को किसी भी प्रकार की नजर नहीं लगती।
आर्थिक तंगी के कारण अगर भूखंड में निर्माण कार्य नहीं हो पा रहा हो तो शुक्ल पक्ष के हस्त नक्षत्र के दिन अनार के पौधे को ब्रह्मस्थल का भाग छोड़ कर किसी की जगह लगा देने से आर्थिक तंगी दूर होकर निर्माण कार्य की शुरूआत शीघ्र हो जाती है।
लोबान लजालू के पौधे की जड़ को काले धागे के साथ बांध देने से खांसी से छुटकारा मिलता है तथा सहदेवी की जड़ के सात टुकड़े करके लाल धागे में माला की तरह पिरोकर कमर में बांधने से अतिसार (अधिक दस्त) शांत होता है।
कपूर के 8 स्वस्थवर्धक फायदे :
कपूर, आजवायन और पिपरमेंट को बराबर मात्रा में लीजिए, इनको एक शीशी में डालकर मिला लीजिए और उस शीशी को धूप में रख दीजिए। बीच-बीच में इस घोल को हिलाते रहिए। इसकी चार से आठ बूंदें बताशे में या चीनी के शर्बत में मिलाकर दस्त के रोगी को दीजिए। इससे दस्त में आराम मिलेगा।
पेट दर्द और बेचैनी के लिए भी कपूर बहुत फायदेमंद है। पेट दर्द होने पर कपूर और अजवायन और पिपरमेंट को शर्बत में मिलाकर पीने से पेट दर्द समाप्त हो जाता है।
त्वचा के लिए कपूर बहुत फायदेमंद है। कपूर कोशिकाओं को मजबूत बनाता है। इससे त्वचा में निखार आता है।
मांसपेशियों के दर्द को कपूर से दूर किया जा सकता है। मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द होने पर कपूर के तेल से मालिश कीजिए। आराम मिलेगा और दर्द समाप्त हो जाएगा।
खुजली आने पर कपूर का प्रयोग कीजिए। खुजली वाली त्वचा पर लगाइये खुजली होना बंद हो जाता है।
6. गठिया के मरीजों के लिए भी कपूर फायदेमंद है। गठिया होने पर कपूर के तेल की मालिश करने पर आराम मिलता है।
जलने पर कपूर या कपूर का तेल लगाइए। जले पर कपूर लगाने से जलन खत्म होती है और राहत मिलती है।
कपूर बहुत खुशबूदार होता है। इसकी खुशबू और रासायनिक भिन्नता किसी देश में पैदा होने वाले कपूर के वृक्ष पर निर्भर करती है। कपूर के धुएं से आसपास का वातावरण अच्छा होता है। यही कारण है की हिन्दू धर्म में पूजा के वक़्त कपूर का उपयोग किया जाता है जो इसी वैज्ञानिक तर्क के आधार पर सबका कल्याण हो सके और निरोगी रहे।