नीम के बीज | Neem Seeds | Eczema | Ringworm | Pimples | Acne | Skin Rejuvenation
क्या आप जानते हैं कि 4000 वर्षों से नीम का उपयोग आयुर्वेदिक औषधि के रूप के किया जा रहा है? यह कोई आश्चर्य करने वाली बात नहीं है क्योंकि नीम से होने वाले फायदों के बारे में हम सभी जानते हैं।
परंतु इसके साथ साथ नीम के बीज से भी बहुत लाभ होते हैं। क्या आप नीम के बीज से होने वाले फायदों के बारे में जानना चाहते हैं?
नीम के बीज किस प्रकार उपयोगी हैं? | Neem Seeds
इस बात में कोई राज़ नहीं है कि नीम का पत्तियों का उपयोग विभिन्न प्रकार की औषधियों के रूप में किया जाता है। हृदय से संबंधित समस्याओं, वाइरल बीमारियों, आँखों से संबंधित बीमारियों तथा आंत की बीमारियों आदि के उपचार में इनका उपयोग किया जाता है।
बहुत से घरों में कपड़ों और खाद्य पदार्थों को कीटों से बचाने के लिए नीम का उपयोग प्राकृतिक कीटनाशक की तरह किया जाता है। नीम के बीज भी बहुत उपयोगी है। यहाँ नीम के बीज के 10 उपयोग बताए गए हैं।
नीम के बीज के फायदे | Neem Seeds Benefits | Skin Rejuvenation
त्वचा की देखभाल में : नीम के बीज के तेल का उपयोग सामान्यत: हर्बल उत्पादों में घटक के रूप में किया जाता है। यह लाभकारी तेल साबुन, क्रीम, लोशन, फेस वॉश आदि में मिलता है। क्योंकि यह एक प्राकृतिक एंटीफंगल और एंटीसेप्टिक है अत: इसका उपयोग त्वचा से संबंधित विभिन्न समस्याओं जैसे सोरेसिस, एक्जिमा, मुहांसे, रिंगवर्म आदि में किया जाता है। नीम के बीज के तेल से आपकी त्वचा नर्म, चिकनी और चमकदार बनती है। इससे त्वचा स्वस्थ और दाग धब्बों से मुक्त रहती है।
बालों की देखभाल : सामान्यत: हर्बल शैंपू में नीम का तेल होता है। नीम तेल युक्त शैंपू का बालों पर शानदार प्रभाव पड़ता है। नीम युक्त शैपू से बाल धोने पर न वे केवल सुंदर दिखते हैं बल्कि यह बालों के झड़ने और समय से पहले बालों के सफ़ेद होने जैसी समस्याओं को दूर रखता है। स्वस्थ और चमकीले बालों के लिए आप नीम के तेल का उपयोग कर सकते हैं।
आँखों और कानों के लिए मरहम के रूप में : नीम के बीज के सत्व का उपयोग आँखों और कानों के लिए मरहम और ड्रॉप बनाने में किया जाता है। इनमें एंटीबैक्टीरियल गुण होता है जो आँखों और कानों में संक्रमण पैदा करने वाले बैक्टीरिया से लड़ने में सहायक होता है। विशेषज्ञों के अनुसार आँखों और कानों में कीटाणुओं और जीवाणुओं के कारण होने वाले संक्रमण के उपचार में नीम के बीज के सत्व से बने ड्रॉप्स और ऑइंटमेंट का उपयोग बहुत प्रभावी तरीके से किया जा सकता है।
मलेरिया की रोकथाम में सहायक : आयुर्वेधिक औषधि प्रणाली में मलेरिया के प्रभावी उपचार में नीम का उपयोग किया जाता है। शोधकर्ताओं के अनुसार नीम के पिसे हुए बीजों की दुर्गन्ध मच्छरों को दूर रखती है तथा उन्हें अंडे देने से भी रोकती है। नीम के वृक्ष के बीजों से मिलने वाले नीम के शुद्ध तेल का उपयोग मच्छरों को अंडे देने से रोकता है जिससे मलेरिया की रोकथाम होती है।
पिस्सुओं को दूर करने में सहायक : नीम का तेल आपके पालतू जानवर के लिए भी उपयोगी है। यदि आपका कुत्ता या बिल्ली पिस्सुओं से संक्रमित है तो उनके बालों पर नीम का तेल लगायें। इससे आपके पालतू जानवर के बाल सीस्थ और चमकीले हो जायेंगे। इस उपचार का लाभ यह होता है कि इससे जानवर को कोई नुकसान नहीं होता अत: आपको अपने पालतू जानवर के स्वास्थ्य या सुरक्षा के बारे में चिंता करने की आवश्यकता नहीं है।
मिट्टी को पोषक बनाता है : नीम के बीजों से तेल निकालने के बाद जो अवशेष बचता है उससे नीम की टिकिया बनाई जाती है। मिट्टी को पोषक बनाने के लिए इसे जैविक पदार्थ के रूप में मिट्टी में मिलाया जाता है। यह मिट्टी में नाइट्रोजन को कम होने से रोकता है क्योंकि यह नाइट्रीकरण को रोकता है।
कीड़ों को दूर रखने में सहायक : नीम के बीज का तेल एक उत्कृष्ट कीट निरोधक है। माली बग़ीचे में पाए जाने वाले विभिन्न प्रकार के कीड़ों जैसे इल्ली, घुन, टिड्डी, झींगुर आदि को पेड़ पौधों से दूर रखने के लिए इसका उपयोग करते हैं। आप घर पर भी चींटी, दीमक, तिलचट्टे, मक्खी, खटमल आदि को दूर रखने के लिए नीम के तेल का उपयोग कर सकते हैं।
कीटनाशक : ऑर्गेनिक खेती करने वाले कृषक कीटों के संक्रमण को रोकने के लिए नीम के बीज के तेल का उपयोग करते हैं। नीम के पिसे हुए बीजों को रात भर पानी में भिगाकर रखा जाता है तथा इस पानी का फसलों पर छिडकाव किया जाता है। यह छिडकाव अण्डों को निष्क्रिय करता है, कीटों को दूर रखता है तथा उन्हें मारने में सहायक होता है। एक बार छिडकाव होने पर भूख के कारण कीड़े कुछ ही दिनों में मर जाते हैं। नीम के बीज से बने कीटनाशक उत्कृष्ट होते हैं क्योंकि ये रसायन मुक्त होते हैं।
अन्य बीमारियों के उपचार में सहायक : नीम के बड़े पत्तों और बीजों से चाय बनाई जा सकती है। हालाँकि ये बहुत अधिक कडवे होते हैं तथा इन्हें पीना बहुत मुश्किल होता है परन्तु यह स्वास्थ्य के लिए बहुत लाभदायक होती है। यह किडनी, मूत्राशय और प्रोस्टेट से संबंधित बीमारियों के उपचार में बहुत प्रभावी है। यह उपचार दशकों से चला आ रहा है परंतु आज भी लोकप्रिय है।